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कर्नाटक में एग्जाम देने आए छात्रों का जनेऊ उतरवा दिया, सिक्योरिटी गार्ड पर दर्ज हो गया मुकदमा

Karnataka: शिवमोग्गा के एक एग्जाम सेंटर पर छात्रों का कथित तौर पर जनेऊ उतरवा लिया गया था, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. इस मामले में परीक्षा केंद्र पर तैनात सुरक्षा गार्ड के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. क्या है पूरा मामला?

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Karnataka brahmins Students Forced to Remove Janeu sacred thread exam hall security guard police
अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है (फोटो: इंडिया टुडे)
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अर्पित कटियार
19 अप्रैल 2025 (Published: 01:09 PM IST)
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कर्नाटक के शिवमोग्गा (Shivamogga) में कथित तौर पर छात्रों को जनेऊ पहनकर एग्जाम हॉल में जाने से रोक दिया गया (Students Forced to Remove Janeu). इस मामले में परीक्षा केंद्र पर तैनात सुरक्षा गार्ड के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि नटराज भागवत नाम के शख्स की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की गई. अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

क्या है पूरा मामला?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 अप्रैल को आदिचुंचनगिरी इंडिपेंडेंट पीयू कॉलेज में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) चल रहा था. इस दौरान परीक्षा देने आए छात्रों का कथित तौर पर जनेऊ उतरवा लिया गया. मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब शहर के ब्राह्मण समुदाय के सदस्यों और पुलिस के बीच बहस हो गई. समुदाय के लोगों ने परीक्षा केंद्र पर तैनात सुरक्षा गार्ड के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. शिवमोग्गा DC से शिकायत करते हुए उन्होंने कहा,

“यह निंदनीय है कि केंद्र के अधिकारियों ने ऐसा अपमानजनक काम किया. छात्रों ने गायत्री मंत्र की दीक्षा ली थी. ये आत्म-जागरूकता के लिए एक आध्यात्मिक व्रत है. उन्हें अपने जनेऊ को उतारने के लिए मजबूर किया गया.”

ये भी पढ़ें: REET कैंडिडेट्स के जनेऊ उतरवाने वालों पर कार्रवाई, सरकार बोली- ‘हिंदू प्रतीक का अपमान बर्दाश्त नहीं'

राज्य शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?

वहीं, बीदर के साईं स्फूर्ति कॉलेज परीक्षा केंद्र से भी ऐसी ही शिकायत सामने आई. इसमें कहा गया कि सुचिव्रत कुलकर्णी नाम के एक छात्र को गणित की CET परीक्षा में बैठने से मना कर दिया गया, क्योंकि उसने जनेऊ पहना था. मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर ने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा,

“ये घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. केवल शिवमोग्गा में ही नहीं, बल्कि बीदर में भी ऐसा हुआ. बाकी सभी जगहों पर दो केंद्रों को छोड़कर प्रक्रिया सुचारू रूप से चली. परीक्षा में लिखने के लिए इसकी जांच करने या इसे हटाने का उल्लेख नहीं किया गया था. हम सभी धर्मों और उनकी आस्था का सम्मान करते हैं. हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते और हम कार्रवाई करेंगे.”

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ BNS की धारा 3(5) के साथ धारा 115(2), 299, 351(1) और 352 के तहत FIR दर्ज की है.

वीडियो: प्रभास की आदिपुरुष पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप, जनेऊ पर जनता भड़क गई.

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