प्लेन के टॉयलेट में आधे घंटे तक सोता रहा नशे में धुत शख्स, सुप्रीम कोर्ट के दो-दो जज बाहर थे
सुप्रीम कोर्ट में एक चर्चित मामले की सुनवाई हो रही थी. वही मामला जिसमें एक शख्स ने 72 साल की एक महिला के ऊपर एयर इंडिया की फ्लाइट में पेशाब कर दिया था. इसी दौरान, Justice KV Viswanathan ने ख़ुद के साथ हुई घटना का ज़िक्र किया.
सुप्रीम कोर्ट में ‘एयर इंडिया में पेशाब’ मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस केवी विश्वनाथन ने अपनी आपबीती सुनाई है. उन्होंने बताया कि एक बार फ्लाइट में यात्रा के दौरान उनके साथ सफर कर रहा व्यक्ति आधे घंटे तक टॉयलेट में सोता रहा. वो भी नशे में. जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि इस दौरान उनके साथ जस्टिस सूर्यकांत भी थे.
‘अनियंत्रित यात्रियों से निपटने के लिए उपाय करने’ की मांग वाली याचिका. जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस बीआर गवई इस पर 26 नवंबर को सुनवाई कर रहे थे. इस दौरान जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि उनके और जस्टिस सूर्यकांत के साथ हाल ही में एक उड़ान में एक अप्रिय अनुभव हुआ. न्यूज़ एजेंसी PTI की ख़बर के मुताबिक़, उन्होंने बताया,
फ्लाइट में 72 साल की महिला पर पेशाब…हवाई यात्रा के दौरान हमारे साथ हाल ही में एक अनुभव हुआ. दो पुरुष यात्री पूरी तरह से नशे में थे. उनमें से एक वॉशरूम में जाकर सो गया. दूसरा बाहर था और उसके पास उल्टी करने के लिए एक बैग था. क्रू मेंबर्स में सभी महिलाएं थीं. 30 से 35 मिनट तक कोई भी दरवाजा नहीं खोल सका. इसके बाद क्रू ने मेरे साथ यात्रा कर रहे एक व्यक्ति को दरवाजा खोलने और उसे सीट पर ले जाने की रिक्वेस्ट की. ये 2 घंटे 40 मिनट की उड़ान थी.
कोर्ट एक 72 साल की महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. जिन पर एक पुरुष को-पैसेंजर ने 26 नवंबर, 2022 को नशे की हालत में कथित तौर पर पेशाब किया था. आरोपी शंकर मिश्रा ने न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही एयर इंडिया की बिज़नेस क्लास सेक्शन में कथित तौर पर इस घटना को अंजाम दिया. फिर उसे गिरफ़्तार किया गया. बाद में 31 जनवरी, 2023 को दिल्ली की एक कोर्ट ने उसे जमानत दे दी.
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इसी मामले में सुनवाई के दौरान जज ने क़िस्सा सुनाया. वहीं, पीठ ने ऐसी घटनाओं से निपटने के तरीक़े पर चिंता जताई. अनियंत्रित यात्रियों के व्यवधान से रोक के लिए सही कदम उठाने का सुझाव दिया. अधिकारियों से यात्रियों के अभद्र व्यवहार से निपटने के लिए प्रभावी उपाय तैयार करने की मांग भी की. साथ ही, मानदंडों के पालन पर जोर दिया. कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि अधिकारियों को ‘रचनात्मक’ समाधान ढूंढना चाहिए.
वहीं, सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को आश्वासन दिया कि ऐसे मुद्दों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए जाएंगे. पीठ ने सुनवाई 8 हफ़्ते के लिए स्थगित कर दी है. साथ ही, उम्मीद जताई है कि अधिकारी तब तक प्रस्तावित उपाय पेश करेंगे.
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