The Lallantop
X
Advertisement

झांसी अग्निकांड: अस्पताल के बाहर जमा लोगों का बुरा हाल, नहीं मिल रहे बच्चे, माचिस की तीली जलने से लगी आग?

Jhansi Hospital Fire: नवजात बच्चों के परिवार वाले अस्पताल में रोते-बिलखते दिखे. एक महिला, जिसने हाल में बच्चे को जन्म दिया था, कहती है- 'हाय मेरा बच्चा, एक बार उसका चेहरा ही दिखा दीजिए.'

Advertisement
Jhansi medical college fire
घटना उत्तर प्रदेश के झांसी ज़िले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की है. (फ़ोटो - PTI/आजतक)
pic
संतोष शर्मा
font-size
Small
Medium
Large
16 नवंबर 2024 (Updated: 16 नवंबर 2024, 10:41 IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तर प्रदेश में झांसी के सरकारी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुई दुर्घटना (Jhansi Hospital Fire) के बाद अस्पताल के बाहर भीड़ जमा है. आग लगने का कारण वैसे तो शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है. लेकिन इस बीच एक प्रत्यक्षदर्शी ने इसके उलट दावा किया है (Jhansi Fire incident Eyewitness). गोविंद दास उन लोगों में से हैंं, जिनका पोता अस्पताल में भर्ती था. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए माचिस की तीली जलाने पर ये हादसा हुआ है. इस बीच मृतक और घायल बच्चों के घरवालों ने भी घटना पर प्रतिक्रिया दी है.

हमीरपुर के रहने वाले गोविंद दास ने आजतक को बताया,

बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई और जैसे ही उसकी तीली जली पूरे वार्ड में आग लग गई. इस दौरान, मैंने आग लगते ही अपने गले में पड़े कपड़े से 3 से 4 बच्चों को लपेटकर बचाया. बाद में बाकी लोगों की मदद से कुछ और बच्चों को भी बचाया गया.

इस बीच, अस्पताल के बाहर कई बच्चों के माता-पिता रोते-बिलखते नज़र आ रहे हैं. एक बच्चे की ताई ने आजतक को बताया,

मैं बच्चे की बड़ी मां हूं. हमें बच्चा मिल नहीं रहा, जो 8 दिन पहले ही पैदा हुआ था. उसकी मां भी अस्पताल में भर्ती है. कोई कुछ बता नहीं रहा है.

वहीं, संतोषी नाम की महिला बताती हैं कि उनका बच्चा अभी भी उन्हें नहीं मिला है. आजतक के साथ बातचीत में उन्होंने आगे कहा,

बच्चा 10 दिन का था. जब आग लगी तो मैं बाहर सो रही थी, बच्चा अंदर था. सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि मैं अंदर जा ही नहीं पाई. 10 घंटे हो गए, मेरा बच्चा मिला नहीं है.

एक महिला - जिसने हाल में बच्चे को जन्म दिया था - आजतक के साथ बातचीत में कहती है- हाय मेरा बच्चा, एक बार उसका चेहरा ही दिखा दीजिए. इतना कहने के बाद बेहोश हो जाती है, ऐसे में उसका पति उसे संभालता है. बताया गया कि अभी तक उसकी ख़ुद की हालत ठीक नहीं है.

Brajesh Pathak ने क्या बताया?

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अस्पताल से बाहर निकलते हुए घटना की लेटेस्ट जानकारी दी. उन्होंने बताया, '10 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 17 घायल हैं. वहीं, हादसे की तीन स्तर पर जांच होगी. अगर किसी की लापरवाही पाई गई, तो उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई होगी.' इससे पहले, DM अविनाश कुमार ने बताया कि अस्पताल के शिशु वार्ड (Neonatal Intensive Care Unit) में रात क़रीब 10.45 में आग लगी थी. घटना उत्तर प्रदेश के झांसी ज़िले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की है. DM समेत कई सीनियर पुलिस अधिकारी बचाव कार्य के दौरान मौक़े पर मौजूद रहे.

वीडियो: विजयवाड़ा के होटल में बनाए गए कोविड सेंटर में शॉर्ट सर्किट से आग लगी, 9 की मौत

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement