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करतारपुर कॉरिडोर समझौते को 5 साल के लिए बढ़ाया गया, भारत ने पाकिस्तान से और क्या मांग की है?

Kartarpur Corridor agreement भारत के सिखों को करतारपुर गुरुद्वारे में जाने की मंजूरी देता है. जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के आख़िरी के साल बिताए थे. ये समझौता 24 अक्टूबर, 2024 को ख़त्म होने वाला था. लेकिन अब इसे एक्सटेंशन मिला है.

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India and Pakistan extend Kartarpur Corridor
24 अक्टूबर, 2024 को ख़त्म होने वाला था समझौता. (फ़ोटो - इंडिया टुडे)
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हरीश
23 अक्तूबर 2024 (Updated: 23 अक्तूबर 2024, 13:23 IST)
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भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते की वैधता को अगले पांच साल के लिए बढ़ाने पर सहमति जताई है (India and Pakistan extend Kartarpur Corridor agreement). इससे भारतीय तीर्थयात्री पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित पवित्र गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन कर पाएंगे. ये कूटनीतिक फ़ैसला कॉरिडोर के निरंतर ऑपरेशन को सुनिश्चित करता है. विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात के एक हफ़्ते से भी कम समय बाद, ये फ़ैसला लिया गया है.

इस एक्सटेंशन से सुनिश्चित होगा कि गलियारा खुला और फंक्शनल बना रहे, जिससे बिना रुकावट के तीर्थयात्रा जारी रहेगी. राजनयिक चैनलों के ज़रिए भी इसकी पुष्टि की गई है. करतारपुर कॉरिडोर भारत के सिखों को गुरुद्वारे में जाने की मंजूरी देता है. जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के आख़िरी के साल बिताए थे. ये समझौता 24 अक्टूबर, 2024 को ख़त्म होने वाला था.

24 अक्टूबर, 2019 को इसके मूल समझौते पर साइन किया गया था. इस समझौते ने भारतीय तीर्थयात्रियों को ऐतिहासिक गुरुद्वारे तक वीज़ा-मुक्त पहुंच की सुविधा दी है. ये गलियारा शुरू में 5 सालों के लिए वैध था. और अब, इसे एक्सटेंशन मिला है. कॉरिडोर नवंबर 2019 में खोला गया था. लेकिन मार्च 2020 में महामारी के कारण आवाजाही स्थगित कर दी गई थी. हालांकि, बाद में इसे फिर खोल दिया गया.

ये भी पढ़ें - जयशंकर की बातें पाकिस्तान और चीन ने बड़े ध्यान से सुनी होगीं!

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, कॉरिडोर के समझौते को आगे बढ़ाने के अलावा, भारत ने पाकिस्तान से तीर्थयात्रियों पर लगाए जाने वाले 20 अमेरिकी डॉलर के सर्विस चार्ज को माफ़ करने की मांग भी दोहराई है. भारत कई सालों से तीर्थयात्री और सिख संगठन फ़ीस हटाने की मांग कर रहा है. भारत इस बात पर जोर देता है कि आध्यात्मिक यात्रा के साथ वित्तीय बोझ नहीं आना चाहिए. हालांकि, बार-बार अपील के बावजूद पाकिस्तान ने तीर्थयात्रियों पर चार्ज लगाना जारी रखा है.

बता दें, जयशंकर SCO परिषद के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक में भाग लेने पाकिस्तान गए थे. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में SCO शिखर सम्मेलन पर जयशंकर का स्वागत किया था. 17 अक्टूबर को शहबाज़ शरीफ़ ने कहा ता कि जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा एक अच्छी शुरुआत है और दोनों देशों को यहां से आगे बढ़ना चाहिए.

वीडियो: दुनियादारी: SCO समिट पहुंचे एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को क्यों सुनाया?

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