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CM सुक्खू को नहीं मिले समोसे, CID ने जांच तो बिठाई ही, सरकार विरोधी कदम भी बता दिया

Himachal Pradesh के CM Sukhvinder Singh Sukhu के लिए मंगाए गए समोसे उनके स्टाफ को सर्व कर दिया गया. जिसके बाद इसकी CID जांच कराई गई. और अब राज्य में इस पर सियासत तेज हो गई है.

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Himachal Pradesh sukhvinder singh sukhu
हिमाचल प्रदेश में समोसा को लेकर सियासत गरमा गई है. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
8 नवंबर 2024 (Updated: 8 नवंबर 2024, 14:03 IST)
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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की सियासत में समोसे (Samosa politics) को लेकर बवाल मचा है. सूबे के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. वहां उनके नाश्ते के लिए समोसे मंगाए गए. लेकिन गलती से समोसे उनकी जगह उनके स्टाफ तक पहुंच गए. मुख्यमंत्री CID के कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस घटना के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया. उन्होंने आनन-फानन में जांच बिठा दी. सब कुछ छोड़कर यह पता लगाया जाने लगा कि समोसे कहां गए? अब इस मामले में CM का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है कि CID समोसे गायब होने की नहीं, बल्कि किसी और मामले की जांच कर रही है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, CM के नाश्ते के लिए शिमला के लक्कड़ बाजार के होटल रेडिसन ब्लू से तीन डिब्बे लाए गए थे. लेकिन ये डिब्बे सीएम के बजाए उनके सुरक्षा कर्मचारियों को परोस दिए गए.

आजतक की रिपोर्ट में CID के अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि IG रैंक के एक अधिकारी ने पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर को सीएम के लिए होटल से कुछ खाने-पीने की चीजें लाने को कहा था. SI ने बदले में एक ASI और हेड कांस्टेबल को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी. उन्होंने रेडिसन ब्लू होटल से तीन डिब्बों में नाश्ता मंगवाया. पुलिस अधिकारी ने अपने बयान में बताया कि जब उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से पूछा कि क्या तीनों डिब्बों में रखे नाश्ते मुख्यमंत्री को परोसे जाने हैं, तो उन्होंने कहा कि ये मेन्यू में शामिल नहीं हैं.

जांच रिपोर्ट में कहा गया कि केवल SI को ही इस बात की जानकारी थी कि तोनों डिब्बे सीएम सुक्खू के लिए थे. जिस महिला इंस्पेक्टर को फूड आइटम्स सौंपे गए, उन्होंने किसी सीनियर अधिकारी से पूछे बिना ही जलपान को मैकेनिकल ट्रांसपोर्ट (MT) विभाग में भेज दिया. जो जलपान से संबंधित है. इस प्रोसेस में जलपान के तीन डिब्बे कई लोगों के हाथों में गए.

CID विभाग के एक हाई रैंक अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि जांच रिपोर्ट में नामित सभी लोगों ने CID और सरकार विरोधी काम किया है. जिसके चलते VVIP को सामान नहीं दिया जा सका. साथ ही ये भी कहा कि CID ने अपने एजेंडे के मुताबिक काम किया.

इस समोसा प्रकरण ने बीजेपी को भी सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया. बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार को सूबे के विकास की कोई चिंता नहीं है. उनकी एकमात्र चिंता मुख्यमंत्री का समोसा है. उन्होंने कहा कि जांच में इस गलती को सरकार विरोधी कृत्य बताया गया, जो कि बहुत बड़ा शब्द है.

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