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Google में काम करने वालों को फ्री खाना देने की जो वजह पिचाई ने बताई, हर कोई यही करने लगेगा!

Google के CEO, Sundar Pichai से हाल में कंपनी में दिए जा रहे फ्री खाने के खर्च को लेकर सवाल पूछा गया. जिस पर पिचाई का जवाब सुनने लायक था.

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google ceo Sundar Pichai tells about cost of free meals in company
कंपनी के कैफे में होने वाली बात-चीत पर बात की (सांकेतिक तस्वीर, इंडिया टुडे)
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राजविक्रम
25 अक्तूबर 2024 (Updated: 25 अक्तूबर 2024, 12:11 IST)
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टेक कंपनी गूगल के CEO सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) हाल ही में एक शो में इंटरव्यू दे रहे थे. जहां उनसे गूगल के कर्मचारियों को फ्री खाने के पास देने के बारे में सवाल पूछा गया. पिचाई ने कहा कि फ्री खाना गूगल में काम करने का सिर्फ फायदा नहीं है, इसके दूसरे मायने भी हैं. साथ ही इसके पीछे की फिलॉसफी भी बताई.

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, सुंदर ‘द डेविड रुबेंस्टीन शो’ नाम के एक प्रोग्राम में इंटरव्यू दे रहे थे. तभी होस्ट ने उनसे सवाल पूछा कि आप हर दिन का हिसाब तो रखते होंगे. आज इतने पैसे खाने पर खर्च हुए, क्या हमें कर्मचारियों से इतनी प्रोडक्टिविटी मिल पा रही है. आप इस सब ( कर्मचारियों को फ्री खाने के फायदे) का आकलन कैसे करते हैं? 

सवाल के जवाब में पिचाई कहते हैं कि सभी के लिए फ्री खाना देने से क्रिएटिविटी बढ़ती है और इससे साथ रहने का भाव पैदा होता है. 

आगे वो इस पर चर्चा करते हैं कि बहुत सारे नए आइडिया कंपनी के कैफे वगैहर में कैजुअल बात-चीत के जरिए निकले हैं. बकौल पिचाई मुफ्त खाने पर खर्च इन फायदों के सामने बौना नजर आता है.

वो आगे कहते हैं, 

मुझे गूगल में अपने शुरुआती दिन याद आते हैं. जब मैं कैफे में होता था, किसी से मिलता था और नई चीजों के लिए उत्सुकता जागती थी, तो यह रचनात्मकता पैदा करता. 

इंटरव्यू के दौरान पिचाई ये भी बताते हैं कि जिन्हें गूगल में काम का ऑफर मिलता है. उनमें लगभग 90 फीसद उम्मीदवार, ऑफर की गई पोस्ट को स्वीकार करते हैं.

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अम्मीदवारों में क्या खोजती है कंपनी?

जब पिचाई से यह पूछा गया कि कंपनी एंट्री लेवल वाले कैंडिडेट्स में क्या खोजती है? पिचाई जवाब में कहते हैं कि यह अलग-अलग मामलों पर निर्भर करता है.

अगर इंजीनियरिंग की बात करें तो हमें अच्छे प्रोग्रामर्स की तलाश रहती है. वो लोग जो कंप्यूटर साइंस को अच्छे से समझते हैं. जो नई चीजें सीखने समझने में इच्छुक रहते हैं. और हर हालात में खुद को ढाल सकें.

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