The Lallantop
X
Advertisement

मणिपुर के 6 पुलिस थाना इलाकों में AFSPA फिर से लागू किया गया, सरकार ने क्या बताया?

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक नोटिस जारी कर बताया कि इलाके में जारी जातीय हिंसा और लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है.

Advertisement
Centre reimposes AFSPA in Manipur six police station areas including Jiribam
सरकार ने कहा कि अस्थिर स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. (फोटो- PTI)
pic
प्रशांत सिंह
14 नवंबर 2024 (Published: 19:05 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

केंद्र सरकार ने मणिपुर के हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित छह पुलिस थाना इलाकों में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) फिर से लागू कर दिया है. सरकार ने ये फैसला सुरक्षा बलों के सुचारू ढंग से काम जारी रखने के लिए लिया है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक नोटिस जारी कर बताया कि इलाके में जारी जातीय हिंसा और लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है. नोटिस के मुताबिक, जिन पुलिस स्टेशन इलाकों में AFSPA को फिर से लागू किया गया है, वो हैं -

- इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई और लमसांग,
- इंफाल पूर्वी जिले में लमलाई, 
- जिरीबाम जिले में जिरीबाम,
- कांगपोकपी में लीमाखोंग और 
- बिष्णुपुर में मोइरांग.

केंद्र सरकार का ये आदेश मणिपुर सरकार द्वारा 1 अक्टूबर को जारी किए गए आदेश के बाद सामने आया है. राज्य सरकार ने 19 पुलिस थाना इलाकों को छोड़कर पूरे राज्य में AFSPA लागू करने का फैसला किया था. ये छह पुलिस थाने भी इन्हीं 19 इलाकों में शामिल थे.

मणिपुर सरकार के 1 अक्टूबर के आदेश के बाद जिन 19 पुलिस थानों में AFSPA नहीं लगाया गया था वो हैं, इंफाल, लाम्फाल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लैमसांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइनगांग, लामलाई, इरिलबंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरंग, काकचिंग और जिरीबाम. अब इनमें से 6 पुलिस थाना इलाकों में AFSPA फिर से लागू कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- UPPSC: प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग मानी गई, अब एक ही दिन होगी PCS की परीक्षा

बता दें, मणिपुर में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच संघर्ष अभी भी जारी है. राज्य के जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को एक पुलिस स्टेशन और एक CRPF कैंप पर अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी. इसके जवाब में सुरक्षाबलों की तरफ से हुई फायरिंग में 11 उग्रवादी मारे गए थे. इस घटना के अगले दिन इसी जिले में उग्रवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया था.

जानकारी हो कि मणिपुर में पिछले साल मई से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. हजारों लोग हिंसा की वजह से बेघर हो चुके हैं.

वीडियो: "मणिपुर की पुलिस मैतेई पुलिस..." इस बयान पर विवाद, राज्य की पुलिस ने जवाब दिया

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement