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कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमला, मारपीट का वीडियो वायरल; खालिस्तान समर्थकों की करतूत पर क्या बोले ट्रूडो?

Canada में खालिस्तान समर्थकों के Toronto से सटे शहर Brampton में एक हिन्दू मंदिर पर हमला करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. मामले पर कनाडा के प्रधानमंत्री Justin Trudeau की तरफ से भी बयान आया है.

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canada Hindu temple
मामले पर कनाडा की संसद के विपक्ष की नेता का बयान भी आया है (तस्वीर: वीडियो के स्क्रीनशॉट)
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राजविक्रम
4 नवंबर 2024 (Updated: 4 नवंबर 2024, 10:07 IST)
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कनाडा (Canada) के ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थकों (Khalistan Supporters) ने रविवार, 03 नवंबर को एक हिन्दू मंदिर और वहां मौजूद लोगों पर हमला कर दिया. इस घटना का वीडियो ( Hindu temple Viral Video) भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है. जिसमें मंदिर परिसर में कुछ लोग घुसते दिखाई देते हैं. इनके हाथों में पीला झंडा भी है.

हिन्दू फोरम कनाडा ने X पर एक वीडियो पोस्ट किया है. साथ ही लिखा, 

विचलित कर देने वाली तस्वीरें. खालिस्तानियों ने ब्रैम्पटन के हिन्दू सभा मंदिर पर हमला किया है. यह स्वीकार्य नहीं है! इस पर कार्रवाई करें और कैनेडियन्स की सुरक्षा करें. 

साथ ही पोस्ट में ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और स्थानीय पुलिस को भी टैग किया गया है. 

इस पूरे मामले पर भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. हिन्दू मंदिर पर हमले पर उन्होंने एक X पोस्ट पर लिखा, 

आज कनाडाई खालिस्तानी चरमपंथियों ने सीमा पार कर दी है. ब्रैम्पटन के हिन्दू सभा मंदिर के भीतर भक्तों पर हुआ ये हमला, हमें बताता है कि कनाडा में खालिस्तान चरमपंथियों की हिंसा जड़ें मजबूत हो रही हैं.   

वो आगे लिखते हैं कि मुझे लगने लगा है कि खालिस्तानियों ने सफलतापूर्वक कनाडा की न्याय व्यवस्था को भेद दिया है. आगे जोड़ा कि इसमें कोई संशय नहीं कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर खालिस्तानी चरमपंथियों को खुली छूट दी जा रही है. 

जैसा कि मैं पहले भी कहता आ रहा हूं, हिन्दू कनाडाई समुदाय की सुरक्षा के लिए हमें आगे आना होगा और राजनेताओं को जिम्मेदार ठहराना होगा, उन्होंने पोस्ट में आगे जोड़ा.

इस पर भारतीय उच्चायोग, ओटावा की तरफ से भी प्रेस रिलीज जारी की गई है. जिसमें श्रद्धालुओं की सुरक्षा की मांग भी की गई है. कहा गया, 

बीते सालों की तरह इस साल भारतीय उच्चायोग- ओटावा, वैनकूवर और टोरंटो के काउंसलर जनरल ऑफ इंडिया के साथ मिलकर काउंसलर कैंप का आयोजन करता रहा है. ताकि की स्थानीय लोगों और लाभार्थियों को फायदा मिल सके. वहीं कनाडाई अथॉरटी से ऐसे रूटीन कार्यक्रमों के लिए सुरक्षा की मांग पहले ही की गई थी. 

हमने ब्रैम्पटन में मौजूद हिन्दू मंदिर के साथ मिलकर किए जा रहे, ऐसे ही काउंसलर कैंप के बाहर 3 नवंबर को हिंसा की घटना देखी है. 

यह बेहद दुखी करने वाला है कि स्थानीय ऑर्गेनाइजर के साथ मिलकर किए जा रहे ऐसे रूटीन कार्यक्रमों में हिंसा देखी जाए. हमें अपने लाभार्थी आवेदकों की सुरक्षा की भी फिक्र है. 

आगे ये भी लिखा गया कि कैंप्स में ऐसे ही मामले 2-3 नवंबर को वैनकूवर में भी देखे गए. 

घटना पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी पोस्ट किया है. लिखा कि ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर में हुई हिंसा स्वीकार नहीं की जा सकती है. सभी कनाडाई नागरिकों को सुरक्षा के साथ अपने धर्म को मानने की स्वतंत्रता है.

ये भी पढ़ें: कनाडा में अबतक के सबसे बड़े ड्रग्स लैब का भांडाफोड़, गिरफ्तार हुए व्यापारी का भारत से है कनेक्शन!

मामले पर कनाडा की संसद के विपक्ष के नेता पियरे पोइलिवरे का बयान भी आया है. उन्होंने भी पूरे मामले पर पोस्ट किया. लिखा,

आज ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर में भक्तों पर हुई हिंसा देखा जाना, एकदम स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

सभी कनाडाई नागरिकों को अपने धर्म में विश्वास करने की छूट होनी चाहिए. कंजरवेटिव इस हिंसा की निंदा करते हैं. मैं अपने लोगों को एकजुट करूंगा और यह अव्यवस्था बंद करूंगा. 

बता दें, वीडियो को अब तक 54 हजार से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है. साथ ही 780 से भी ज्यादा बार शेयर भी किया गया है. 

आजतक की खबर के मुताबिक, इससे पहले भी कनाडा में हिन्दू मंदिरों पर हमले की खबरें आती रही हैं. जिनमें हिन्दू मंदिरों में तोड़फोड़, भारत विरोधी पोस्टर और भारतीय उच्चायोग पर ग्रेनेड फेंकने जैसी घटनाएं शामिल हैं.

वीडियो: गृह मंत्री अमित शाह पर लगाए गए कनाडा के आरोपों को भारत ने बेतुका बताया

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