Navjot Singh Sidhu की पत्नी का कैंसर हुआ ठीक! क्या वाकई डाइट से मुमकिन है कैंसर का इलाज?
सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि उनकी वाइफ के कैंसर फ्री होने में डाइट का बहुत बड़ा रोल है.
21 नवंबर का दिन. पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए उन्होंने सबको एक गुड न्यूज़ दी. बताया कि उनकी वाइफ अब कैंसर-फ्री हैं. दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी को स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर हुआ था. मगर अब वो पूरी तरह ठीक हो गई हैं. सिद्धू ने ये भी बताया कि उनकी वाइफ के कैंसर फ्री होने में डाइट का बहुत बड़ा रोल है. उन्होंने नींबू-पानी, हल्दी, एप्पल साइडर विनेगर, नीम की पत्तियां, तुलसी, अनार और चुकंदर जैसी चीज़ें खाईं. डेयरी प्रोडक्ट्स और शुगर एकदम छोड़ दी.
डॉक्टर्स ने कहा था कि उनके ठीक होने का केवल 5% चांस है. लेकिन, स्पेशल डाइट की बदौलत अब वो पूरी तरह ठीक हैं. मगर नवजोत सिंह सिद्धू के इस दावे के बाद कई सवाल उठने लगे. मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के 262 ऑन्कोलॉजिस्ट ने एक नोट भी जारी किया.
नोट में लिखा- "एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. जिसमें एक पूर्व क्रिकेटर अपनी पत्नी के ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के बारे में बता रहे हैं. उस वीडियो के कुछ हिस्सों में ये दावा किया गया है कि डेयरी प्रोडक्ट्स और चीनी न खाकर कैंसर को भूखा रखा गया. और, हल्दी व नीम खाने से लाइलाज कैंसर ठीक हो गया. लेकिन इन दावों को सही साबित करने के लिए कोई ठोस वैज्ञानिक सबूत नहीं है. हालांकि इन चीज़ों पर शोध चल रहा है. मगर फिलहाल ऐसा कोई डेटा नहीं है जो कैंसर के इलाज में इन्हें उपयोगी बताता हो. लिहाज़ा, अगर कैंसर का कोई लक्षण हो तो डॉक्टर से मिलें. इन अप्रमाणित उपायों को अपनाकर अपने इलाज में देरी न करें."
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सिद्धू के दावों की आलोचना हुई. तब सिद्धू ने एक्स पर एक वीडियो जारी किया. इसमें बताया कि उनकी पत्नी की कैंसर की सर्जरी हुई थी. उनका प्रॉपर इलाज चला है. डाइट भी डॉक्टर की सलाह पर ही ली गई है. हालांकि, अच्छी डाइट ने मदद ज़रूर की.
इस पूरे किस्से के बाद, एक बड़ा सवाल उठा. क्या वाकई कोई स्पेशल डाइट कैंसर से बचा सकती है या उसका इलाज कर सकती ही? इस सवाल का जवाब डॉक्टर से जानेंगे. समझेंगे कि क्या केवल डाइट में बदलाव कर के कैंसर का इलाज किया जा सकता है. क्या शुगर और कार्बोहाइड्रेट से दूरी कैंसर से बचा सकती है. अगर किसी को कैंसर है, तो उसका सही इलाज क्या होता है. और, किसी कैंसर पेशेंट की डाइट कैसी होनी चाहिए.
क्या केवल डाइट में बदलाव करके कैंसर का इलाज किया जा सकता है?ये हमें बताया डॉक्टर हरित चतुर्वेदी ने.
जहां तक डाइट से कैंसर के इलाज का सवाल है, इसे सच मानना एक बड़ी भूल होगी. ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि सिर्फ डाइट से कैंसर का इलाज किया जा सकता है. कैंसर कोई एक बीमारी नहीं, बल्कि कई बीमारियों का समूह है. इसमें नॉर्मल सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं. हर अंग का कैंसर अलग होता है. जैसे ब्रेस्ट कैंसर 4-5 तरह के होते हैं. लंग कैंसर भी करीब 15 तरह के होते हैं. लिहाज़ा ये सोचना कि किसी स्पेशल डाइट से कैंसर ठीक किया जा सकता है, सही नहीं है.
यहां तक कि टीबी, टायफॉयड जैसी साधारण बीमारियों में भी अकेले डाइट काफी नहीं है. दिल की बीमारियों में भी डाइट मददगार हो सकती है, लेकिन ये इलाज नहीं है. बीमारी से बचने और सावधानी बरतने के लिए डाइट के बारे में समझना ज़रूरी है. ये जानना जरूरी है कि क्या खाना चाहिए और क्या कम खाना चाहिए. मगर ऐसा मानना कि डाइट से कैंसर का इलाज हो सकता है, ये बहुत ज़्यादा हानिकारक सोच है.
क्या शुगर और कार्बोहाइड्रेट से दूरी कैंसर से बचाती है?10-15% कैंसर को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर रोका जा सकता है. आधे से ज्यादा कैंसर केसेस की रोकथाम की जा सकती है. इसमें डाइट और एक्सरसाइज़ की अहम भूमिका है. कैंसर को रोकने के लिए एक संतुलित डाइट लेना ज़रूरी है. जिसमें कार्बोहाइड्रेट और शुगर 30% के आसपास हो. प्रोटीन, फल, सब्ज़ियां और फाइबर भी अच्छी मात्रा में हों. खाने में इन सबका होना ज़रूरी है. कार्बोहाइड्रेट और शुगर से परहेज़ करके कैंसर का बचाव नहीं हो सकता.
यहां तक कि हमारे हेल्दी सेल्स को ज़िंदा रहने के लिए शुगर की ज़रूरत होती है. शरीर के विकास के लिए भी शुगर ज़रूरी है. साथ ही, कैलोरी और दूसरी चीज़ों के हिसाब से कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़ाना भी ज़रूरी है. कुल मिलाकर, एक संतुलित डाइट लेना अहम है. ये मिथक है कि शुगर से परहेज कैंसर से बचा सकता है.
अगर किसी को कैंसर है तो उसका सही इलाज क्या होता है?कैंसर का इलाज जिस आधुनिक तकनीक से हो रहा है. उसमें कई सारी पद्धतियां शामिल हैं. जैसे सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टार्गेटेड ड्रग थेरेपी और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी. इन सभी पद्धतियों का इस्तेमाल सही तरीके से करने के लिए प्लानिंग बहुत ज़रूरी है. रेडियोलॉजी से ये पता लगाया जाता है कि कैंसर कितना फैला है. पैथोलॉजी से बीमारी का नेचर, प्रकार और म्यूटेशन को समझा जाता है. हर मरीज़ के इलाज के लिए डॉक्टरों की एक टीम बैठकर चर्चा करती है. टीम ये तय करती है कि मरीज़ को किस तरह का कैंसर है और उसका इलाज कैसे होगा.
कैंसर पेशेंट की डाइट कैसी होनी चाहिए?कैंसर के मरीज़ की डाइट उसकी स्थिति पर निर्भर करती है. अगर किसी मरीज़ की कीमोथेरेपी चल रही है तो उसे बहुत संभलकर खाना चाहिए. बाहर का नहीं खाना चाहिए क्योंकि इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है. इलाज के दौरान कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. जैसे म्यूकोसाइटिस (मुंह में छाले) होना. ऐसे में कुछ चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि खाना या निगलना मुश्किल हो जाता है. इस दौरान लिक्विड डाइट बढ़ जाती है.
कुल मिलाकर, कैंसर के इलाज पर ही मरीज की डाइट निर्भर करती है. आमतौर पर, एक संतुलित डाइट लेना पर्याप्त रहता है. जिसमें 30% कार्बोहाइड्रेट, शुगर और 30 से 40% प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्व होते हैं. खाने में फल और सब्ज़ियां भी हों. हालांकि कुछ खास परिस्थितियों में डाइट में बदलाव की ज़रूरत हो सकती है, जो आपको डॉक्टर बताएंगे.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप' आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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