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वंदे भारत ट्रेन का शीशा तोड़ने वाले का नाम हमने पता लगा लिया

एक व्यक्ति वंदे भारत ट्रेन में लगे शीशे को हथौड़े से तोड़ता नज़र आ रहा है. वीडियो को शेयर करके शीशा तोड़ने वाले की मंशा पर सवाल उठाया जा रहा. ये तक कहा गया है कि वो 'मुस्लिम' है.

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वंदे भारत ट्रेन के शीशा तोड़ने की सच्चाई सामने आई. (तस्वीर:सोशल मीडिया)
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शुभम सिंह
12 सितंबर 2024 (Updated: 12 सितंबर 2024, 18:47 IST)
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भारतीय रेलवे किसी न किसी हादसे के कारण चर्चा में बना ही रहता है. कभी ट्रेनें सामने से भिड़ती हैं, तो कभी पीछे से टक्कर हो जाती है. जब नहीं भिड़तीं, तो चलते-चलते दो हिस्सों में बंट जाती हैं. अगर ट्रेनों के साथ कुछ ना हो तो लोग रेलवे के साथ कोई ना कोई कांड कर देते हैं. ये लोग यात्री भी हो सकते हैं और रेलवे के अपने कर्मचारी भी. एक वीडियो कुछ दिनों से वायरल है. इसमें एक व्यक्ति वंदे भारत ट्रेन में लगे शीशे को हथौड़े से तोड़ता नज़र आ रहा है. लोगों ने शीशा तोड़ने वाले की मंशा पर सवाल उठाया है. कहा जा रहा कि वो व्यक्ति ट्रेन को नुकसान पहुंचाने के इरादे से उसके शीशे को तोड़ रहा है. यहां तक तो ऐसा शक करना समझ आता है. लेकिन कुछ लोग इस बहाने एक धार्मिक समुदाय को निशाना बना रहे हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अमित सनातनी नाम के एक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “ये वंदे भारत ट्रेन के शीशे तोड़ रहा है. इसको क्या सजा मिलनी चाहिए? और इसका नाम क्या हो सकता है?”

इसी तरह कई अन्य यूजर्स ने शीशा तोड़ने वाले व्यक्ति को एक विशेष समुदाय से जोड़कर ट्वीट किए हैं. इनके ट्वीट आप यहां और यहां देख सकते हैं. इन पोस्ट में हथौड़े चला रहे शख्स को सीधा-सीधा 'जिहादी' बताने की कोशिश की गई है.

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स्क्रीनशॉट.
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स्क्रीनशॉट.
पड़ताल

ट्रेन के शीशे तोड़ने वाले वीडियो की आखिर सच्चाई क्या है? क्या एक व्यक्ति जानबूझकर ट्रेन को नुकसान पहुंचाने की मंशा से शीशे तोड़ रहा है? क्या वो मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है? जानने के लिए हमने सबसे पहले ‘एक्स’ पर कुछ कीवर्ड सर्च किए. हमें तमिलनाडु के तिरुनेलवेली कोचिंग डिपो में सेक्शन इंजीनियर मंथिरा मूर्ति का ट्वीट मिला जिसे कई यूजर ने शेयर किया है. इसके अनुसार, यह वंदे भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया गया है, बल्कि ये टूटे हुए शीशे को बदलने की एक प्रक्रिया है.

हमने मंथिरा मूर्ति से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया, 

“यह विंडो बदलने की प्रक्रिया थी. चूंकि उन्होंने उचित पीपीई नहीं पहना था, इसलिए इसे गलत समझा गया.”

अब बात कि वीडियो कहां का है और उसे तोड़ने वाला शख्स कौन है?

कुछ कीवर्ड सर्च करने पर हमें एक स्क्रीनशॉट मिला जिसमें इंस्टाग्राम प्रोफाइल ‘signare_mahi_manish’ का जिक्र था.

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स्क्रीनशॉट.

इस प्रोफाइल पर यूजर का नाम है रवीश कुमार गुप्ता. इस अकाउंट से वंदे भारत ट्रेन के अंदर के कुछ और वीडियो भी अपलोड किए गए हैं. हमें इस प्रोफाइल पर वायरल वीडियो तो नहीं मिला, लेकिन इसी प्रोफाइल से 10 सितंबर को अपलोड की गई इंस्टाग्राम स्टोरी मिली जिसके स्क्रीनशॉट में वायरल वीडियो मौजूद है. यानी इस प्रोफाइल से वीडियो अपलोड किया गया और काफी वायरल होने के बाद उसे डिलीट कर दिया गया.

‘signare_mahi_manish’ के प्रोफाइल से 10 सितंबर को अपलोड की गई स्टोरी को देख सकते हैं.

इसके बाद हमने इस इंस्टाग्राम अकाउंट के यूजर से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि उनका नाम मनीष कुमार है और वे बिहार के आरा के रहने वाले हैं. फिलहाल अहमदाबाद में हैं और रेलवे में काम करते हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके अफसरों ने मीडिया से बात करने से मना किया है इसलिए वे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं. लेकिन इतना जरूर माना है कि वीडियो जो शख्स दिख रहा है वो वही हैं.

इस मामले को लेकर आजतक के बालकृष्ण ने वेस्टर्न रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी से बातचीत की. उन्होंने हमें कन्फर्म किया कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति मनीष कुमार ही हैं और वो गुजरात के अहमदाबाद में रेलवे के मेंटेनेन्स यार्ड में काम करते हैं. और वो टूटे कांच को बदलने के लिए उसे हथौड़े से तोड़ रहे हैं.

हमने अधिक जानकारी के लिए अहमदाबाद के संवाददाता बृजेश दोषी को संपर्क किया. उन्होंने वेस्टर्न रेलवे के सीनियर पब्लिक रिलेशन अधिकारी प्रदीप शर्मा से बात की. इसके अनुसार, वीडियो एकीकृत कोचिंग डिपो कांकरिया में अहमदाबाद –मुंबई वंदे भारत के अनुरक्षण के दौरान बनाया गया है.

उन्होंने बताया,

”वंदे भारत के विंडो ग्लास को यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए Toughned ग्लास का बनाया जाता है ताकि कोई बाहरी वस्तु टकराने पर यात्रियों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो, अनुरक्षण के समय विंडो ग्लास में Crack होने पर उसे नुकीले हथौड़े की सहायता से तोड़ कर निकाला जाता है. यह काम एक संविदा श्रमिक द्वारा किया जा रहा था. उसी दौरान अन्य संविदा श्रमिक द्वारा यह वीडियो बनाया गया.”

उन्होंने आगे बताया,

"रेलवे परिसर में वीडियोग्राफी करना प्रतिबंधित है. संविदा श्रमिक द्वारा अनुरक्षण का वीडियोग्राफी करने और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है एवं संविदा के नियमों की अनुपालन नहीं करने के लिए ठेकेदार के खिलाफ भी संविदा के शर्तों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जा रही है."
 

नतीजा

कुलमिलाकर, ट्रेन का शीशा तोड़ने का वायरल वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया है. वायरल वीडियो में नज़र आ रहा शख्स वंदे भारत के कोच का कांच बदल रहा है. उसका मकसद उसे नुकसान पहुंचाना नहीं था और वो मुस्लिम भी नहीं है.

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