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"मैं आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं था", नेहरू के इस बयान में सारा खेल 'मैं' का ही है

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को लेकर एक दावा वायरल है. उनके 60 साल पुराने क्लिप को शेयर करके कहा जा रहा कि वे भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं थे.

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jawaharlal nehru edited interview on india freedom struggle viral with misleading claims
क्या जवाहर लाल नेहरू ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के खिलाफ थे? (तस्वीर:PIB Archive/ANI/Social Media)
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शुभम सिंह
24 जून 2024 (Published: 23:16 IST)
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लोकसभा के चुनाव संपन्न हो गए. नई सरकार का गठन भी हो गया. नवनिर्वाचित सांसद शपथ भी ले रहे हैं. लेकिन कई लोग अभी भी भारत के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू की कही बातों को लेकर एक नया दावा करने में लगे हैं. अब नेहरू के एक इंटरव्यू की क्लिप वायरल हो रही है. इसमें वे कह रहे हैं कि वे भारत की ‘स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल नहीं थे’. आगे बढ़ें, इससे पहले ये जान लेते है कि वायरल क्लिप में नेहरू कह क्या रहे हैं,

“मैं (यहीं खेल है) आजादी की लड़ाई में किसी भी तरह से शामिल नहीं था. यहां तक कि उसने इसका विरोध किया था. मुस्लिम लीग की शुरुआत साल 1911 में हुई थी. इसे अंग्रेजों ने शुरू किया और मुस्लिम लीग ने इसका समर्थन किया जिससे गुटबाजी बढ़ाई जा सके. ये उसमें कुछ हद तक सफल भी हुए और अंत में देश का विभाजन हो गया.”

इस पर इंटरव्यूर उनसे सवाल करता है कि क्या आप और महात्मा गांधी देश के विभाजन के समर्थक थे?  

नेहरू जवाब देते हैं, 

”मिस्टर गांधी अंत तक विभाजन के खिलाफ थे. मैं भी इसके पक्ष में नही था. लेकिन बाकी की तरह मैंने भी फैसला किया कि लगातार चल रही परेशानियों से विभाजन बेहतर विकल्प है.”

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मनोज श्रीवास्तव नाम के यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करके लिखा, "जवाहर लाल नेहरू का बयान है कि मैं आज़ादी की लड़ाई में बिल्कुल भी शामिल नहीं था. बल्कि मैंने इसका विरोध किया था.”

इसी तरह के दावे के साथ कई अन्य यूजर्स ने भी वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि नेहरू ने कहा कि वे आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं थे.

पड़ताल

क्या देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं हुए थे? नेहरू के विचार और उनके लिखित और मौखिक बयान पर्याप्त मात्रा में इंटरनेट पर उपल्बध हैं. ऐसे में हमें नेहरू का यह वीडियो आसानी से यूट्यूब पर मिल गया. वीडियो को भारत सरकार के अंतर्गत आने वाली संस्था प्रसार भारती ने 5 साल पहले अपलोड किया था.

यहां दी गई जानकारी के अनुसार, नेहरू ने यह इंटरव्यू साल 1964 मेें अमेरिकी टीवी पत्रकार Arnold Michaelis को दिया था. यह जवाहर लाल नेहरू का संभवत: आखिरी टीवी इंटरव्यू था.

प्रसार भारती के यूट्यूब चैनल पर मौजूद नेहरू के इंटरव्यू का स्क्रीनशॉट.

इसमें वायरल वीडियो का हिस्सा करीब 14 मिनट 50 सेकेंड से शुरू होता है, जब स्वतंत्रता आंदोलन और देश के विभाजन के मसले पर पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना, महात्मा गांधी और खुद नेहरू की भूमिका को लेकर सवाल किया जाता है. इस पर नेहरू कहते हैं, 

“मिस्टर जिन्ना आजादी की लड़ाई में किसी भी तरह से शामिल नहीं थे. यहां तक कि उन्होंने इसका विरोध किया था. मुस्लिम लीग की शुरुआत साल 1911 के लगभग हुई थी. इसे अंग्रेजों ने शुरू किया और मुस्लिम लीग ने इसका समर्थन किया जिससे गुटबाजी बढ़ाई जा सके. ये उसमें कुछ हद तक सफल भी हुए और अंत में देश का विभाजन हो गया.”

जिसके जवाब में अर्नॉल्ड सवाल करते हैं, "क्या महात्मा गांधी और आप विभाजन के पक्ष में थे?"  इस पर नेहरू कहते हैं, “गांधी अंतिम सांस तक इसके पक्षधर नहीं थे. जिस वक्त विभाजन हो रहा था, तब भी वे इसके खिलाफ थे. मैं खुद इसके पक्ष में नहीं था. लेकिन मैं भी बाकी की तरह इस नतीज़े पर पहुंचा कि लगातार चल रही परेशानियों से विभाजन बेहतर विकल्प है.”

नेहरू आगे कहते हैं, “मुस्लिम लीग के कई नेता बड़े जमींदार थे. वे भूमि सुधार के खिलाफ थे. वहीं, हम लोग भूमि सुधार करने को लेकर बहुत इच्छुक थे. जिसे बाद में हम लोग लागू कराने में सफल भी रहे. ये एक वज़ह थी कि हम विभाजन के लिए तैयार हुए क्योंकि हमारा अंदाजा था कि इस रस्साकस्सी के साथ ही साथ वे हमारे सुधार कार्यों में भी परेशानी खड़ी करेंगे.”

यानी यह साफ है कि नेहरू की असल बात को एडिट किया गया है. जहां ‘जिन्ना’ को ‘मैं' शब्द से रिप्लेस कर दिया गया है. मतलब ये कि जवाहर लाल नेहरू बात मोहम्मद अली जिन्ना की कर रहे हैं. कह रहे हैं कि जिन्ना आजादी की लड़ाई में शामिल नहीं हुए थे. वीडियो शेयर करने वालों ने संदर्भ हटाकर भ्रम फैला दिया.

नतीज़ा

कुल मिलाकर, नेहरू के 60 साल पुराने इंटरव्यू को एडिट कर अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. असल में वे मोहम्मद अली जिन्ना की बात कर रहे थे, जिसे संदर्भ से हटाकर भ्रम फैलाया गया है. 

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