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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ जगन्नाथ मंदिर में भेदभाव? इन तस्वीरों के पीछे की कहानी क्या है?

आरोप लगाए गए कि आदिवासी समाज से होने की वजह से राष्ट्रपति के सामने बैरिकेंडिंग लगाई गई थी.

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Jagannath temple President Draupadi Murmu discrimination Ashwini Vaishnav fact check
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की इन तस्वीरों को शेयर किया जा रहा है, दोनों तस्वीर दिल्ली के जगन्नाथ मंदिर की हैं. (फोटो- ट्विटर)
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प्रशांत सिंह
28 जून 2023 (Updated: 28 जून 2023, 20:05 IST)
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सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों को एक साथ शेयर किया जा रहा है. तस्वीरें हैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की. इनमें दोनों एक मंदिर में दिख रहे हैं. ये है जगन्नाथ मंदिर. लेकिन कहां का? ये आगे बताएंगे. 

दावा किया जा रहा है कि भगवान जगन्नाथ के मंदिर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मूर्ति के पास जाकर पूजा की थी, लेकिन जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु वहां गईं तो उन्हें भगवान के पास जाने से रोकने के लिए एक बैरिकेडिंग लगा दी गई. उनको बैरिकेडिंग के पीछे पूजा करनी पड़ी. आरोप लगाए जा रहे हैं कि आदिवासी समाज से होने की वजह से राष्ट्रपति के साथ भेदभाव किया गया.

ट्विटर पर @PriyanshuVoice नाम के अकाउंट से दोनों फोटो का एक कोलाज शेयर किया गया है. फोटो शेयर करते हुए लिखा गया,

“पहली तस्वीर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की है. दूसरी तस्वीर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की है. क्या आपको कुछ अजीब नहीं लग रहा है?”

इसी पोस्ट पर नवीन दुबे नाम के यूजर ने लिखा,

“राष्ट्रपति जी ने मंदिर की मर्यादा का पालन किया है और आम भक्त की तरह दर्शन किए. जबकि रेल मंत्री ने पद का दुरुपयोग किया है. इतनी सी बात है. अब आप इसमें कोई जातीय एंगल निकालें तो अलग बात है.”

सच क्या है?

पहले बात करते हैं दोनों तस्वीरों की. असल में दोनों तस्वीरें दिल्ली के हौज खास स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर की हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु वाली तस्वीर 20 जून की है. ये तस्वीर उनके ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से पोस्ट की गई थी. तस्वीर शेयर करते हुए लिखा गया,

“भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के शुभारंभ के अवसर पर सभी देशवासियों, विशेष रूप से भगवान जगन्नाथ के श्रद्धालुओं को मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं. मैं महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करती हूं कि भक्ति और समर्पण का यह त्योहार, सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए. जय जगन्नाथ!”

वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की फोटो 12 जुलाई 2021 की है. उनके अकाउंट से फोटो ट्वीट कर लिखा गया था,

“रथ यात्रा के शुभ अवसर पर नई दिल्ली के भगवान जगन्नाथ मंदिर में चतुर्दमूर्ति का आशीर्वाद लिया. मैं सभी की भलाई के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूं. जय जगन्नाथ.”

फोटो पर राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने क्या बताया?

वायरल हो रही फोटो पर राष्ट्रपति के प्रवक्ता सूरज कुमार महतो ने आजतक से बात करते हुए बताया कि हौज खास के मंदिर में राष्ट्रपति के साथ भेदभाव होने की बात सही नहीं है. उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रपति हमेशा दूर से ही भगवान की पूजा करती हैं.

मंदिर की तरफ से क्या बताया गया?

राष्ट्रपति और रेल मंत्री की वायरल हो रही फोटो पर श्री नीलांचल सेवा संघ, हौज खास के सचिव रविंद्र नाथ प्रधान ने आजतक से बात करते हुए कहा कि जो लोग मंदिर में जाते हैं उन्हें एक लकड़ी के बैरिकेड के पीछे खड़े होकर ही भगवान के दर्शन करने होते हैं. प्रधान ने आगे बताया,

“भगवान की मूर्ति के पास सिर्फ पुजारी जा सकते हैं. इस नियम के बारे में राष्ट्रपति जानती हैं और इसी वजह से उन्होंने बैरिकेडिंग के पीछे खड़े होकर ही दर्शन किए.”

प्रधान ने रेल मंत्री की फोटो के बारे में बताते हुए कहा कि साल में एक दिन यानी रथयात्रा वाले दिन, बैरिकेडिंग कुछ देर के लिए हटाई जाती है. इस दिन एक मुख्य अतिथि को आमंत्रित किया जाता है. जो कि मूर्ति के पास जाकर भगवान के दर्शन करते हैं. रविंद्र नाथ प्रधान के मुताबिक रेल मंत्री की जो तस्वीर वायरल हे वो रथ यात्रा वाले दिन की है, जब वो बतौर मुख्य अतिथि मंदिर में आए थे.

प्रधान ने ये भी बताया कि मंदिर में रथयात्रा वाले दिन मुख्य अतिथि के तौर पर अभी तक किसी महिला को आमंत्रित नहीं किया गया है. इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा रिवाज है कि ‘राजा’ भगवान जगन्नाथ का आह्वान करते हैं. इसी वजह से अभी तक यात्रा के दिन मुख्य अतिथि के तौर पर पुरुषों को ही आमंत्रित किया गया है.

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