हमास से जंग के बीच इज़रायली PM नेतन्याहू के खिलाफ उतरी 'लाखों की भीड़' के वीडियो में झोल निकला
जैसे-जैसे जंग आगे बढ़ रही है डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी फर्जी और भ्रामक नैरेटिव की लड़ाई तेज होती जा रही है. इसी कड़ी में एक वीडियो वायरल है.
इज़रायल-हमास (Israel-Hamas Conflict) के बीच सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ की बाढ़ आ गई है. जैसे-जैसे जंग आगे बढ़ रही है डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी फर्जी और भ्रामक नैरेटिव की लड़ाई तेज होती जा रही है. इसी कड़ी में एक वीडियो वायरल है. इसमें बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते नज़र आ रहे हैं. इसे इज़रायल-हमास की मौजूदा जंग से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इज़रायल में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ लाखों लोग सड़कों पर उतर आए हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक यूजर ने इज़रायल-फिलिस्तीन हैशटैग के साथ वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि भारत में कुछ लोग नेतन्याहू का जोरदार तरीके से समर्थन कर रहे हैं, जबकि इजराइल में नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, उनको 'खूनी और हत्यारा' बताया जा रहा है.
इसके अलावा एक अन्य X अकाउंट से वायरल वीडियो को शेयर किया गया. इसमें दावा किया गया है कि इज़रायल में करीब ‘5 लाख लोग’ अपनी सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर गए हैं.
वीडियो को कई अन्य यूजर्स ने भी ‘X’ (ट्विटर) पर शेयर किया है.
पड़ताल‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला.
सच्चाई जानने के लिए हमने वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम बनाए. इसके बाद वीडियो के शुरुआती पांच सेकेंड वाले हिस्से के फ्रेम को रिवर्स सर्च किया. हमें इज़रायल के एक पत्रकार बराक राविड (Barak Ravid) का फरवरी 2023 में किया गया ट्वीट मिला. इसमें वायरल वीडियो में नज़र आ रही लाखों की भीड़ वाला हिस्सा देखा जा सकता है. ट्वीट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, वीडियो इज़रायल का है जहां लाखों लोग नेतन्याहू सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर उतर गए. ट्वीट में बताया गया है विरोध की वजह न्यायिक व्यवस्था को कमजोर किए जाने को लेकर है.
बीबीसी की वेबसाइट पर मार्च 2023 में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायल की सरकार देश की न्यायिक व्यवस्था में बदलाव के लिए एक प्रस्ताव लाई थी, जिस कारण वहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस प्रस्ताव के कारण वहां के सुप्रीम कोर्ट का नियंत्रण कमज़ोर हो जाएगा.
इसके बाद हमने वायरल वीडियो के अगले हिस्से को देखा कि टिकर पर इज़रायल हमास जंग से संबंधित खबर चल रही है. साथ में ऑस्ट्रेलियन मीडिया संस्थान ‘ABC’ चैनल का लोगो भी नज़र आ रहा है. हमने इसके यूट्यूब चैनल को खंगाला जहां 15 अक्टूबर 2023 को अपलोड किया गया वीडियो मिला. इसमें 7 सेकेंड के बाद वायरल वीडियो का हिस्सा देखा जा सकता है.
यूट्यूब पर अपलोड इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, “इज़रायल में दर्जनों प्रदर्शनकारी बंधकों को ढूंढने के लिए अपनी सरकार से और अधिक प्रयास करने की मांग कर रहे हैं.”
इतना सब ये समझने के लिए काफी था कि वायरल वीडियो में कुछ झोल है. लेकिन हमने और सर्च किया.
गूगल पर थोड़ा खोजबीन करने पर ‘बिजनेस इनसाइडर’ की वेबसाइट पर 16 अक्टूबर को छपी एक रिपोर्ट मिली. इसमें टाइम्स ऑफ इज़रायल के हवाले से बताया गया कि इज़रायल की सड़कों पर दर्जनों लोग बंधकों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वे इज़रायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के इस समस्या से पार पाने के तौर-तरीकों का विरोध करते हुए बंधकों को जल्द से जल्द छुड़ाने की मांग कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, चरमपंथी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को इज़रायल के एक म्यूजिक फेस्टिवल पर हमला बोला था. इस हमले से अब तक 1300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इजरायली सरकार के मुताबिक हमास के चरमपंथी 199 लोगों को बंधक भी बना ले गए.
नतीजाकुलमिलाकर, दो अलग-अलग वीडियो को जोड़कर भ्रामक तस्वीर पेश करने की कोशिश की गई है कि इज़रायल सरकार के खिलाफ लाखों लोग सड़क पर उतर गए हैं. वायरल वीडियो में नज़र आ रही भारी भीड़ वाला हिस्सा फरवरी में हुए प्रदर्शन का है.
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