पड़ताल: क्या क़तर की राजकुमारी ब्रिटेन के होटल में सात पुरुषों के साथ पकड़ी गईं?
दावा है कि क़तर ने ख़बर दबाने के लिए लगभग 4090 करोड़ रुपये देने की पेशकश की.
सोशल मीडिया पर एक अख़बार की कटिंग वायरल हो रही है. इस कटिंग में दिख रहे आर्टिकल के टाइटल के अनुसार, क़तर की राजकुमारी शेखा सल्वा ब्रिटेन के एक होटल में सात लोगों के साथ संबंध बनाती पकड़ी गईं. साथ में ये दावा भी किया जा रहा है कि क़तर सरकार ने ख़बर दबाने के लिए 50 करोड़ यूरो (लगभग 4090 करोड़ रुपये) देने की पेशकश की, लेकिन अख़बार ने ठुकरा दिया.
22 अप्रैल, 2020, को ट्विटर यूजर @humlogindia ने ट्वीट (आर्काइव लिंक)
किया,
ये है कतर के शाही परिवार की राजकुमारी शेखा सल्वा जो आजकल अपने आरएसएस और भाजपा विरोधी तेवर के लिए जाने जा रही है।
ये लंदन के एक होटल में 7 लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाते पकड़ी गई। इस खबर को छिपाने के लिए कतर दूतावास ने अखबार को 50 करोड़ यूरो की रिश्वत देने की भी कोशिश की थी।
अमर उजाला की 24 अगस्त, 2016, की रिपोर्टये है कतर के शाही परिवार की राजकुमारी शेखा सल्वा जो आजकल अपने आरएसएस और भाजपा विरोधी तेवर के लिए जाने जा रही है। ये लंदन के एक होटल में 7 लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाते पकड़ी गई। इस खबर को छिपाने के लिए कतर दूतावास ने अखबार को 50 करोड़ यूरो की रिश्वत देने की भी कोशिश की थी। pic.twitter.com/RvcdoVVrpA
— हम लोग We The People (@humlogindia) April 22, 2020
(आर्काइव लिंक)
में भी ऐसा ही दावा किया गया है. चार साल पुरानी ख़बर को अब फिर से घुमाया जा रहा है.
अमर उजाला की वेबसाइट पर ये ख़बर अभी भी सेम दावे के साथ मौजूद है.
हालिया समय में, इसी तरह का दावा फ़ेसबुक पर सुनील कुमार मद्धेशिया
(आर्काइव लिंक)
समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स
ने किया है. ये तस्वीर सेम दावे के साथ वॉट्सऐप पर भी घुमाई जा रही है.
पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने इस दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में ये दावा पूरी तरह ग़लत निकला.
हमने अमर उजाला की रिपोर्ट को चेक किया. रिपोर्ट की दूसरी लाइन के अनुसार, ये खुलासा ब्रिटेन के अख़बार फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने किया था.
हमने इस क्लू के आधार पर फ़ाइनेंशियल टाइम्स की वेबसाइट
और सोशल मीडिया
अकाउंट्स पर वायरल दावे से संबंधित ख़बर तलाशी. लेकिन, हमें वहां ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली.
अमर उजाला की रिपोर्ट में जिस महिला को शेखा सल्वा बताया जा रहा है. रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कुछ और ही कहानी पता चली. हमें आबू धाबी स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट का एक लिंक मिला. इस लिंक में यूएई की महिला व्यवसायी आलिया अब्दुल्ला अल-मज़रुई की प्रोफ़ाइल
मिली. इस प्रोफ़ाइल में लगी तस्वीर क़तर की राजकुमारी शेखा सल्वा की कथित तस्वीर से मेल खाती है.
आलिया अल-मज़रुई की प्रोफ़ाइल. और, साथ में लगी तस्वीर.
द नेशनल यूएई की 23 नवंबर, 2013 की एक रिपोर्ट
(आर्काइव लिंक)
में भी आलिया अल-मज़रुई की तस्वीर लगी है. इससे साफ़ होता है कि वायरल ख़बर के साथ चल रही फोटो क़तर की राजकुमारी शेखा सल्वा की नहीं, बल्कि यूएई की महिला उद्यमी की है.
इस रिपोर्ट में लगी मज़रुई की तस्वीर वायरल रिपोर्ट की तस्वीर से मेल खाती है.
अहमद एम. यासीन अल अरबी टीवी में काम करते हैं. इनका ट्विटर अकाउंट वेरिफ़ाईड है. इन्होंने 28 अगस्त, 2016 को दो ट्वीट किए थे. ट्वीट में उन्होंने बताया कि जिस महिला की तस्वीर को क़तर की राजकुमारी बताया जा रहा है, वो दुबई की एक कंपनी की चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर हैं. उनके ट्वीट (आर्काइव लिंक)
देखिए,
हमने ट्वीट में मिले क्लू के आधार पर, फ़ोर्ब्स ‘मिडिल-ईस्ट’ की साल 2014 की ‘200 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट’This Lady is Alia Al Mazroui, COO of #Dubai
— Ahmad M. Yassine (@Lobnene_Blog) August 27, 2016
based AlMazrui Holdings and profiled by #Forbes
,& not named Salwa #Qatar
pic.twitter.com/wNDGPL68Rb
निकाली. इस लिस्ट में भी आलिया अल-मज़रूई का नाम 26वें नंबर पर दिखता है. उनके नाम के साथ जो तस्वीर लगी है, वो बिल्कुल वही है जो अख़बार की कटिंग और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में शेखा सल्वा की बताई जा रही है.
फ़ोर्ब्स की लिस्ट में शामिल मज़रुई.
हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें क़तर की राजकुमारी के लंदन के होटल में सात पुरुषों के साथ संबंध बनाते पकड़े जाने का ज़िक्र हो.
ABP न्यूज़ चैनल ने भी 2016 में इस ख़बर का सच बताया था.
नतीजा
'द लल्लनटॉप' की पड़ताल में कई बातें स्पष्ट हुईं-
- फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने क़तर की राजकुमारी के होटल में पकड़े जाने से संबंधित कोई रिपोर्ट पब्लिश नहीं की. और, न ही क़तर की सरकार ने किसी अख़बार को ख़बर दबाने के लिए 50 करोड़ यूरो देने की पेशकश की थी.
- वायरल ख़बर में जिस महिला को क़तर की राजकुमारी शेखा सल्वा बताया जा रहा है, वो असल में यूएई की महिला व्यवसायी आलिया अब्दुल्ला अल-मज़रुई है.
- ये अफ़वाह चार साल पहले भी उड़ी थी. उस वक़्त भी कई मीडिया संस्थानों ने इस अफ़वाह का पर्दाफ़ाश किया था.
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पर.
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