‘दी लल्लनटॉप’ की टीम लोकसभा चुनाव की ग्राउंड रिपोर्ट आप तक पहुंचा रही है. इसकेअलावा फेसबुक के साथ मिलकर देश के अलग-अलग इलाकों में फ़ेक न्यूज़ से बचने के लिएवर्कशॉप भी चला रही है. लोगों से जान रही है कि उन्हें कैसी फ़ेक न्यूज़ मिल रहीहैं. इस कड़ी में हमारी टीम पहुंची जबलपुर (मध्य प्रदेश). यहां ‘दी लल्लनटॉप’ केरिपोर्टर विनय ने ऐसी ही वर्कशॉप की.वर्कशॉप अटेंड करने वाले आशीष झा एक वायरल मैसेज की सच्चाई जानना चाहते हैं, जिसमेंदावा किया जा रहा है कि आज रात 12:30 से 3:30 बजे के बीच आसमान से खतरनाककॉस्मिक-रे गुजरेंगी. इस दौरान मोबाइल स्विच ऑफ रखें. आशीष चाहते हैं कि ‘दीलल्लनटॉप’ इस ख़बर की पड़ताल करे.दावासोशल मीडिया पर कई लोगों ने लिखा है आज रात 12.30 से 3.30 बजे तक प्रथ्वी के पास सेखतरनाक कास्मिक किरणें गुजरेंगी । कृपया आप अपने अपने मोबाइलफ़ोन स्विच ऑफ करके रखे।और फ़ोन को अपने पास रखकर बिल्कुल न सोइए। अन्यथा आपको हानि पहुँच सकती हे।कृपयाइस सन्देश को नजरअंदाज न करे। यदि आपको विश्वासन होतो आप गूगल पर “नासा बी बी सीन्यूज़”सर्च कर विस्तृत समाचार देख सकते हे। कृपया इस सन्देश को अन्य लोगो तकपहुचाने की कृपा करे। धन्न्यवाद(नोट- हमने भाषा के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की है. जैसा आया था वैसा आपके सामने है.वर्तनी और ग्रामर की गलती पर ध्यान न दें.) इसी से जुड़ा एक और मैसेज शेयर किया जारहा है. रात 12:30 से 3:30 बजे के बीच मोबाइल ऑन रखने से फोन में नेटवर्क टाॅवर केजरिए कॉस्मिक-रे आने और उससे तुरंत फोन ब्लास्ट होने की बात कही जा रही है. इसकेअलावा और भी मिलते-जुलते मैसेज के स्क्रीनशॉट नीचे देखें.एक ही बात को इंग्लिश, उर्दू और हिंदी भाषा में शेयर किया जा रहा है.यह मैसेज पिछले कई सालों से वायरल हो रहा है. सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण जैसे किसीदूसरे ग्रह के पृथ्वी के पास आने के टाइम या किसी धूमकेतु के धरती के पास से गुजरनेकी सूचना पर यह फिर से वायरल होने लग जाता है. कई भाषाओं में आने वाले इन मैसेज में बस कुछ चीजें कॉमन रहती हैं, जैसे मोबाइल बंद करने का टाइम रात के 12.30 से3.30 का और सब जगह नासा और बीबीसी का रेफरेंस जरूर होता है. साल 2018 में ऐसी दोघटनाएं हुईं जिसकी वजह बना इस मैसेज के फिर से वायरल होने की. पहली थी 27 जुलाई कोहुआ चंद्रग्रहण. दूसरी घटना 31 जुलाई को मंगल ग्रह का पृथ्वी के पास आना. इन दोनोंखगोलीय मतलब ग्रहों और उपग्रहों से संबंधित घटनाओं के कारण यह मैसेज फिर से ट्रेंडमें आ गया. कुछ-कुछ दिनों पर यह खबर वायरल होती रही है.पड़तालसबसे पहले कॉस्मिक किरण की साइंस को समझते हैं. यह कॉस्मिक शब्द निकला है कॉसमोस सेजिसका मतलब होता है ब्रह्मांड. कॉस्मिक मतलब ब्रह्मांड से जुड़ी हुई चीजें. औरकॉस्मिक रेज या कॉस्मिक किरणों का मतलब हो गया ब्रह्मांड के किसी पिण्ड से निकलनेवाली किरणें. जो ग्रह होते हैं वो कोई एनर्जी सोर्स नहीं होते इसलिए इनसे कोईकिरणें पैदा नहीं होती हैं. ये किरणें तारों से पैदा होती हैं. सूरज भी एक तारा हीहै. हालांकि यह अपनी एनर्जी खुद ही पैदा पैदा करता है.ये कॉस्मिक किरणें हाई एनर्जी प्रॉटोन्स होती हैं. यह भी लाइट की स्पीड से ही चलतीहैं. ये दो तरीके से पैदा होती हैं. पहला सुपरनोवा की कंडीशन में. सुपरनोवा मतलबहोता है तारों का विस्फोट. इस विस्फोट में भयंकर रेडिएशन पैदा होता है. सूरज पर भीऐसे धमाके होते रहते हैं. इन रेडिएशन्स को कॉस्मिक रेज कहते हैं. अब ये कॉस्मिक रेजब्रह्मांड में इधर-उधर घूमना शुरू कर देती हैं. ब्रह्मांड में पृथ्वी और दूसरे ग्रहहैं. जब ये कॉस्मिक किरणें पृथ्वी की तरफ आगे बढ़ती हैं तो पृथ्वी के चुंबकीयक्षेत्र से टकराकर वापस चली जाती हैं या डायवर्ट हो जाती हैं यानी इधर-उधर चली जातीहैं.धरती के चुंबकीय क्षेत्र से टकराती हुईं कॉस्मिक किरणें. (प्रतीकात्मक फोटो,क्रेडिट-स्पेस डॉट कॉम)जब इन कॉस्मिक रेज की तीव्रता ज्यादा होती है तो ये पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र कोपार कर जाती हैं. लेकिन पृथ्वी तक पहुंचते हुए बहुत कमजोर हो जाती हैं. इनसे नइंसानों पर कोई असर होता है और न ही मोबाइल पर. जब ये कॉस्मिक रेज बहुत तीव्रता कीहोती हैं तो उपग्रहों और इलेक्ट्रिक ग्रिड पर असर डालती हैं. लेकिन मोबाइल फोन परइसका कोई असर नहीं होता है.इस मैसेज में दूसरी बात लिखी है कि बीबीसी और नासा ने इस बात को बताया है. हमनेइसके बारे में सर्च किया. बीबीसी और नासा की वेबसाइट पर इस तरह की कोई बात नहींमिली. कुछ मैसेज में लिखा था कि मंगल ग्रह से कॉस्मिक किरणें आएंगी. लेकिन मंगल कोईतारा नहीं है इसलिए इसमें से कॉस्मिक किरणें निकल ही नहीं सकती हैं.नतीजा‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में ये वायरल मैसेज झूठ निकला. कास्मिक किरणें को लेकरझूठी खबर फैलाई जा रही है.अब तो कई लोग इस फर्जी पोस्ट से इतने बोर हो चुके हैं कि इस पोस्ट पर मौज लेते दिखरहे हैं.--------------------------------------------------------------------------------अगर आपको चुनाव से जुड़ी या उसके अलावा भी किसी ख़बर पर शक हो तो हमें लिखें. हमारापता है PADTAALMAIL@GMAIL.COM-------------------------------------------------------------------------------- वीडियो- पड़ताल: सोशल मीडिया पर दावा, 777888999 नंबर से कॉल आने पर मोबाइल मेंब्लास्ट हो रहा है?