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BSNL को मनमोहन सरकार में फायदा, मोदी सरकार में घाटा? सच क्या है

BSNL को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया गया कि साल 2013 में कंपनी मुनाफे में थी जबकि दस साल बाद वो घाटे में आ गई.

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bsnl profit loss account fact check
BSNL को लेकर हो रही राजनीति के बीच एक दावा सोशल मीडिया पर वायरल है. (तस्वीर:India Today/Reuters)
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शुभम सिंह
24 जुलाई 2024 (Updated: 24 जुलाई 2024, 22:33 IST)
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BSNL पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. दावा किया जा रहा है कि Jio के दाम बढ़ाने के बाद लोग उसका 'बॉयकॉट' कर रहे और अपनी सिम को BSNL में पोर्ट करा रहे हैं. 24 साल पहले सरकार ने दूरसंचार क्रांति को बढ़ावा देने के मकसद से BSNL की स्थापना की थी. अब जब BSNL खबरों में है तो विभिन्न दलों के राजनीतिक समर्थक उसके फायदे और नुकसान को लेकर अपने-अपने हिस्से के दावे कर रहे हैं. इसी तरह का एक दावा सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें कहा जा रहा कि साल 2013 में BSNL मुनाफे में थी जबकि दस साल बाद वो घाटे में आ गई.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर नेशनल यूथ कांग्रेस की प्रवक्ता रोशनी जैसवाल ने लिखा, “2013 में BSNL का मुनाफा 10183 करोड़ था और 2023 में घाटा 13356 करोड़ हो गया. मित्रो, आखिर किसने बर्बाद किया BSNL को?”

इसी तरह के पोस्ट कई अन्य यूजर्स ने भी किए हैं जिन्होंने 2013 में BSNL के फायदे में होने का दावा किया है. मकसद ये संकेत देना है कि BSNL कांग्रेस सरकार के समय मुनाफा कमा रही थी, लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कंपनी लगातार घाटा झेलती रही.

BSNL के फायदे और नुकसान को लेकर किए दावे का स्क्रीनशॉट
BSNL के फायदे और नुकसान को लेकर किए दावे का स्क्रीनशॉट

पड़ताल

क्या वाकई BSNL आज से 10-11 साल पहले करोड़ों रुपये के फायदे में था? इसकी सच्चाई एक सिंपल गूगल सर्च में पता की जा सकती है. हमने भी वही किया. साल 2014 में छपी कई मीडिया रिपोर्ट्स में एकदम स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि BSNL को वित्तीय वर्ष 2013-14 में कुल 7085 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. इसके पहले वाले वित्त वर्ष 2012-13 में कंपनी को 7884 करोड़ का और उसके भी पहले यानी 2011-12 में 8851 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

मीडिया रिपोर्ट्स में यह आंकड़ा तत्कालीन दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के राज्यसभा में दिए एक बयान के हवाले से छपा था. हमें यह आंकड़ा राज्यसभा की वेबसाइट पर भी मिला जहांं रविशंकर प्रसाद ने BSNL के विस्तार, सुधार और नफा-नुकसान को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब दिए हैं.

जहां तक बात BSNL के साल 2023 में फायदे की है, तो यह भी दावा गलत है. ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ की 24 जुलाई, 2024 को छपी रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में BSNL का नुकसान घटकर 5371 करोड़ रुपये हो गया है. यह जानकारी दूरसंचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में दी है. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में BSNL का घाटा 8161 करोड़ रुपये था.

क्या हमेशा BSNL नुकसान में रही?

BSNL की स्थापना भारत सरकार ने 15 सिंतबर, 2000 को की थी. उस समय देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. BSNL भारत सरकार के सौ प्रतिशत मालिकाना हक वाली एक पब्लिक सेक्टर अन्डरटेकिंग यानी PSU है. कंपनी लैंडलाइन के अलावा इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी देती है. साल 2002 के आस-पास BSNL ने ‘Cellone’ के बैनर तले अपनी मोबाइल सेवाएं शुरू कीं. लोगों को तब महीनों के इंतजार के बाद SIM कार्ड मिला करते थे. दी हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2005 आते-आते BSNL की मोबाइल फोन बाज़ार में 21 प्रतिशत की हिस्सेदारी बन गई थी. 

ऐसा नहीं है कि BSNL हर वक्त नुकसान में रही. साल 2004-2005 के वित्त वर्ष में BSNL ने 10,183 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. उस साल देश की सत्ता में भी बदलाव हुआ था. आम चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले UPA ने सत्ता संभाली और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनाए गए. लेकिन उससे पहले ही BSNL कामयाबी की ऊंचाइयां छू रही थी.

लेकिन फिर BSNL को टक्कर देने के लिए दो प्राइवेट प्लेयर मार्केट में आ गए थे. एक कंपनी थी भारती एयरटेल और दूसरी थी रिलायंस इंडिया मोबाइल. इसके बाद BSNL की मार्केट हिस्सेदारी में गिरावट शुरू हुई. मार्केट शेयर गिरा तो कंपनी की कमाई भी गिरी. इंडिपेंडेंट संस्थान PRS की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2009-10 से BSNL घाटे में जाना शुरू हुई. साल 2009-2010 के वित्तीय वर्ष में 574 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने वाली कंपनी अगले ही वित्तीय वर्ष यानी 2010-2011 में 1800 करोड़ के नुकसान में चली गई.

सरकार ने BSNL की खस्ता हालत में सुधार के लिए लगातार राहत पैकेज दिए हैं. साल 2019 से लेकर 2023 तक BSNL को कुल 3 लाख 22 हज़ार करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया गया है. अब BSNL की बैलेंस शीट में फिर से फायदा कब से लिखा जाएगा, बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं का विश्वास उस पर दोबारा फिर से कब कायम होगा, ये भविष्य बताएगा.

नतीजा

कुल मिलाकर, BSNL के साल 2013 में 10186 करोड़ रुपये के मुनाफे और 2023 में 13356 करोड़ रुपये के घाटे में होने का दावा भ्रामक है.  

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: क्या BSNL इस स्थिति में है कि पोर्ट करवाकर आए लोगों का लोड संभाल सके?

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