इस साल के शुरू में डायरेक्टर एसएस राजामौली की मैमथ RRR आई थी. और अब अंत में आईहै - Avatar: The Way of Water. पहली वाली फ़िल्म इंडियन सिनेमा, उसकीस्टोरीटेलिंग, एक्शन, वीएफएक्स के लिए ऐतिहासिक और बेजोड़ थी. वहीं अवतार-2 पूरीदुनिया के सिनेमा के लिए हिस्टोरिकल है. सिनेमा की दुनिया के चक्रवाती तूफानस्टैनली कुबरिक ने कहा था - If it can be written, or thought, it can be filmed.अवतार-2 ने, "क्या फिल्म किया जा सकता है और दर्शक की नजर को दग़ा देकर काल्पनिक कोभी कितना रियल बनाया जा सकता है", इसके होराइज़न को बहुत बड़ा कर दिया है. फ्यूचरफिल्ममेकिंग को ये फिल्म कितना बदल जाएगी इसका अभी अंदाजा भी लगा पाना मुश्किल है.ये फिल्म अपने साथ सीजीआई, मोशन कैप्चर, 3डी कैमराज़, सॉफ्टवेयर्स, रिग्स के मामलेमें जितना इवोल्यूशन लेकर आई है, वो न जाने भविष्य के सिनेमा को कितने असंभव संसाररचने में सक्षम करेगी. न जाने कितने ऐतिहासिक, अनदेखे पात्रों को यकीनी तौर पर इसइवोल्यूशन के जरिए जिंदा किया जा सकेगा.