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ऑफिस या मॉल के टॉयलेट में दरवाज़ा नीचे से खुला क्यों होता है?

हमेशा लगता है कि नीचे से कोई देख न ले.

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फोटोःफेसबुक
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निखिल
19 नवंबर 2018 (Updated: 19 नवंबर 2018, 10:27 IST)
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'टॉयलेट' इन दिनों बज़वर्ड बना हुआ है. जिनके यहां नहीं है, सरकार उनके पीछे पड़ी है कि चाहो तो पइसा ले लो, लेकिन बनवा लो. इसके बिना लोग पार्षदी का चुनाव नहीं लड़ पा रहे. टॉयलेट और टॉयलेट हैबिट्स को लेकर भरपल्ले जागरूकता फैलाई जा रही है. लेकिन फिर भी टॉयलेट को लेकर कुछ बातें बची रह गई हैं, जिनके बारे में कितने ही सर खुजा के गंजे हो लिए, सूझ नहीं ही पड़ी कि क्या है? कैसा है? क्यों है? ऐसा ही एक सवाल है कि कुछ पब्लिक टॉयलेट्स में दरवाज़ा फर्श से कुछ इंच ऊपर क्यों खत्म हो जाता है. ऐसा लगता है कि दरवाज़े की जगह खिड़की का पल्ला है, जो बच गया था तो इधर लगा दिया. ऐसे टॉयलेट्स आपने ऑफिस, मल्टीप्लेक्स या मॉल में ज़रूर देखे होंगे. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे. बस इतना दिमाग आप लगा लीजिए कि क्यों हम सिर्फ वेस्टर्न टॉयलेट की बात कर रहे हैं.
# पब्लिक टॉयलेट्स दिन भर इस्तेमाल होते रहते हैं. इनका फर्श लगातार खराब होता रहता है. फर्श और दरवाज़े के बीच जगह होने से टॉयलेट में पोछा लगाना आसान हो जाता है, वाइपर और मॉप घुमाने में सहूलियत रहती है.# पब्लिक टॉयलेट्स का काम होता है आप पर से कुदरत का प्रेशर कम करना. सीधे शब्दों में सूसू-पॉटी. लेकिन कभी-कभी टॉयलेट में एक से ज़्यादा महानुभाव घुस जाते हैं, एक दूसरा कुदरती प्रेशर कम करने के लिए. कामदेव वाला. (कम लिखे को ज़्यादा समझें) पब्लिक टॉयलेट्स में इस काम की मनाही होती है. इसलिए दरवाज़ा ऐसा रखा जाता है कि प्राइवेसी रहे पर इतनी भी नहीं कि लोग 'नए काम' करने लगें.# ऐसे मामले हुए हैं जब टॉयलेट के अंदर मेडिकल इमरजेंसी हो गई और दरवाज़ा बंद होने से बाहर लोगों को मालूम ही नहीं चला कि अंदर किसी को मदद की ज़रूरत है. ऊंचा दरवाज़ा हो तो किसी के अंदर फंस जाने पर बाहर वालों को मालूम चलने की संभावना बढ़ जाती है. कुछ नहीं तो बाहर से ये दिखता रहेगा कि कोई बड़ी देर से अंदर है और बाहर नहीं आ रहा/रही.# कभी-कभी छोटे बच्चे अंदर से टॉयलेट लॉक कर लेते हैं और उन्हें समझ नहीं आता कि लॉक खोलें कैसे. अगर बच्चे की मदद के लिए कोई न हो, तो बच्चे दरवाज़े के नीचे से बाहर निकल सकते हैं.# पब्लिक टॉयलेट्स में छोटे दरवाज़े लगाने का विचार सबसे पहले अमरीका में आया. अमरीका कैपटलिस्ट देश है, एकदम काइयां. जिस भी तरह से चार पैसे बच जाएं, वो काम ज़रूर करता है. तो वहां किसी के दिमाग में आइडिया आया कि छोटा दरवाज़ा लगाने से लकड़ी (या प्लाई) का बिल कम किया जा सकता है. अब आप कहेंगे कुछ इंच लकड़ी बचाकर क्या ही बचा लीजिएगा. तो ऐसा है कि एक पब्लिक टॉयलेट के लिए कई दरवाज़ों की ज़रूरत पड़ती है. मॉल या एयरपोर्ट के मामले में इनकी संख्या दर्जनों तक पहुंच जाती है. तो दरवाज़ों में थोड़ा-थोड़ा करके काफी बचत हो सकती है.# एक कारण ये भी है कि ऊंचे दरवाज़े से बाहर वाले को आपके पैर दिखते रहते हैं. इससे कोई भूल कर भी आपके काम में खलल डालने नहीं आता. ये भी आराम का मामला है भाई!
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