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नेटफ्लिक्स किस डर से दिबाकर बैनर्जी की ये फिल्म 3 साल से रिलीज़ नहीं कर रहा?

Freedom/Tees एक मुस्लिम फैमिली की कहानी है, जो तीन पीढ़ियों में घटती है. क्या यही वजह है?

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फ्रीडम/टीस को कमिशन खुद नेटफ्लिक्स ने किया था. लेकिन अब वो रिलीज़ से हाथ पीछे खीच रहा है. क्यों? कोई नहीं जानता. दिबाकर ने एक जवाब दुनिया के सामने रखा है.
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श्वेतांक
21 नवंबर 2023 (Updated: 22 नवंबर 2023, 13:12 IST)
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Dibakar Banerjee 2019 में Netflix के लिए एक फिल्म बना रहे थे. उसका नाम था Freedom. 2020 में वो फिल्म बनाकर उन्होंने नेटफ्लिक्स को सौंप दी. इस बात को तीन साल बीत चुके हैं. मगर उस फिल्म का क्या हुआ किसी को नहीं पता. डेडलाइन को दिए इंटरव्यू में दिबाकर ने बताया कि नेटफ्लिक्स ने उनकी फिल्म को रोके रखने की कोई ठोस वजह नहीं बताई. उन्हें बस ये बताया गया कि 'फ्रीडम' को रिलीज़ करने का ये सही वक्त नहीं है. अगर पिक्चर थिएटर्स में आनी होती, तो बात समझ आती है. पैंडेमिक आया. पिक्चरें नहीं चलीं. न दर्शक मिले, न खरीददार. मगर 'फ्रीडम' तो ओटीटी पर आनी थी!  

दावा है कि नेटफ्लिक्स ‘डर’ के मारे 'फ्रीडम' को अपने प्लैटफॉर्म पर रिलीज़ नहीं करना चाहती. ये सारा फसाद शुरू हुआ 2021 में एमेज़ॉन प्राइम वीडियो के शो 'तांडव' की रिलीज़ के बाद. इस सीरीज़ के एक सीन पर हंगामा खड़ा हुआ. कहा गया कि 'तांडव' हिंदू देवताओं का मज़ाक उड़ाती है. लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है. इस शो को लेकर हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया. हिंदू संगठनों ने कहा कि इस शो की और स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म की पुलिसिया जांच होनी चाहिए. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने इस शो को बैन करने की मांग की. देश के अलग-अलग राज्यों में इस शो के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी गईं. वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला इतना बढ़ गया कि एमेज़ॉन प्राइम वीडियो के टॉप एग्ज़ीक्यूटिव को अंडरग्राउंड होना पड़ा. उन्हें अपना पासपोर्ट भी पुलिस के हवाले करना पड़ा.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी इस शो के कुछ हिस्सों पर आपत्ति ज़ाहिर की. इसके बाद इस सीरीज़ के डायरेक्टर अली अब्बास ज़फर ने बिना शर्त माफी मांगी. उन्होंने ये भी कहा कि शो के जिस हिस्से से लोगों और मंत्रालय को दिक्कत है, वो उसमें बदलाव करेंगे. ये महज एक शो और उसके ऊपर हुआ साधारण विवाद नहीं था. इस कॉन्ट्रोवर्सी ने इंडिया में ओटीटी की दुनिया को हिला दिया. उनके काम करने के तरीकों को बदल दिया. इसी घटना के बाद भारत सरकार सेल्फ रेगुलेशन का नया सिस्टम लेकर आई. इसमें कहा गया कि जिन शोज़ या कॉन्टेंट को लेकर दर्शक शिकायत करते हैं, 15 दिनों के अंदर स्ट्रीमिंग प्लैटफॉर्म्स उन शिकायतों का समाधान करें. वरना इंडस्ट्री के लोगों या अलग-अलग मंत्रालयों द्वारा बनाई गई सरकारी समिति के हाथों जांच का सामना करने के लिए तैयार रहें. कहा गया कि ये फैसला सरकार की आलोचना को रोकने के मक़सद से नहीं लिया गया है. न ही इसका लक्ष्य भारत के सामाजिक या धार्मिक मतभेद पर होने वाली चर्चा को बैन करना है. ये सिस्टम सिर्फ ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर फैली ‘अभद्र भाषा’ और ‘अश्लीलता’ को कम करने के लिए लाया गया है.    

इसके बाद से देश में ऑपरेट होने वाले तमाम ओटीटी प्लैटफॉर्म्स सचेत हो गए. वो खुद को विवादों से दूर रखने के लिए किसी भी तरह का पॉलिटिकली चार्ज्ड या धार्मिक मसले पर बना कॉन्टेंट रिलीज़ करने से कतराने लगे. नतीजतन,

1) एमेज़ॉन प्राइम वीडियो की सीरीज़ 'पाताल लोक' का दूसरा सीज़न बनाने से रोक दिया गया. हालांकि खबरें हैं कि अब उसका दूसरा सीज़न मेकिंग में है.
2) अनुराग कश्यप, नेटफ्लिक्स के लिए सुकेतु मेहता की किताब 'मैक्सिमम सिटी' पर तीन पार्ट में एक सीरीज़ बनाने वाले थे. उसे नेटफ्लिक्स ने कमिशन करने के बाद बनाने से रोक दिया. 
3) अनुराग के ही शो 'सेक्रेड गेम्स' का तीसरा सीज़न भी इसी डर से नहीं बनाया गया. 
4) AIB फेम गुरसिमरन खंभा के पॉलिटिकल सटायर शो 'गॉरमिंट' को अनिश्चितकाल तक के लिए शेल्व कर दिया गया. 
5) नेटफ्लिक्स ने खूब पैसे खर्च करके Indi (r) a’s Emergency नाम की एक डॉक्यूमेंट्री बनवाई थी. विक्रमादित्य मोटवाने डायरेक्टेड इस डॉक्यूमेंट्री को नेटफ्लिक्स ने अपने प्लैटफॉर्म पर रिलीज़ करने से इन्कार कर दिया. हाल ही में इस डॉक्यूमेंट्री को मुंबई फिल्म फेस्टिवल (MAMI 2023) में प्रदर्शित किया गया है.

इसी लिस्ट में छठा प्रोजेक्ट है 'फ्रीडम'. हालांकि अब इसका नाम बदलकर 'टीस' कर दिया गया है. ये इंडिया में रहने वाले एक मिडल क्लास मुस्लिम परिवार की कहानी है. ये कहानी तीन जेनरेशन में घटती है, जिसे अलग-अलग काल-खंडों में तोड़कर दिखाया गया है. फिल्म का पहला हिस्सा 1990 के कश्मीर में घटता है, जब कश्मीरी पंडितों का विस्थापन हुआ. फिल्म का दूसरा सेग्मेंट मुंबई में सेट है. जहां इस फैमिली की एक लड़की आज के समय के मुंबई में अपार्टमेंट खरीदना चाहती है. मगर इसमें उसका धर्म आड़े आ रहा है. कहानी का तीसरा भाग आज से 25 साल आगे भविष्य में घटित होता है. जहां इसी परिवार का एक लड़का अपना लिखा नॉवल छपवाने के लिए संघर्ष कर रहा है.  

इस फिल्म की मदद से उस परिवार और भारत के आइडियोलॉजिकल और सेक्शुअल इतिहास पर बात होती है. 'टीस' में नसीरुद्दीन शाह, कल्कि केकलां, मनीषा कोईराला, हुमा कुरैशी, ज़ोया हुसैन, शशांक अरोड़ा, दिव्या दत्ता और नीरज काबी जैसे एक्टर्स ने काम किया है. इस फिल्म को दिबाकर बैनर्जी ने डायरेक्ट किया है.

फरवरी 2023 में डेडलाइन को दिए इंटरव्यू में दिबाकर ने अपनी फिल्म 'टीस' के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि उनकी फिल्म उतनी पॉलिटिकल भी नहीं है. बावजूद इसके नेटफ्लिक्स उसे अपने प्लैटफॉर्म पर रिलीज़ नहीं कर रहा है. न ही वो लोग उस फिल्म को फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाने की इजाज़त दे रहे हैं. हालांकि नेटफ्लिक्स ने ये छूट दी हुई है कि दिबाकर अपनी इस फिल्म का लिंक उन्हें भेज सकते हैं, जो इसे खरीदकर रिलीज़ करना चाहते हों. इसका मतलब साफ है कि वो भविष्य में भी अपने प्लैटफॉर्म पर ये फिल्म रिलीज़ नहीं करना चाहते. मगर वो लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं, इस बारे में दिबाकर को कुछ नहीं बताया गया. डेडलाइन के साथ इंटरव्यू में दिबाकर कहते हैं,

“वो नहीं जानते कि अभी इस फिल्म को रिलीज़ करने का सही समय है या नहीं. नेटफ्लिक्स ने मुझे इसके अलावा फिल्म की रिलीज़ नहीं करने की कोई और वजह नहीं बताई. 'तांडव' के साथ जो हुआ उसे देखते हुए सिर्फ इस नतीजे पर पहुंचा जा सकता है कि नेटफ्लिक्स डर के मारे इस फिल्म को रिलीज़ नहीं करना चाहती है. क्योंकि उन्हें लग रहा है कि उन लोगों को उसी तरह से टार्गेट किया जाएगा. मगर मैंने जो फिल्म बनाई है, वो उस सीरीज़ से बिल्कुल अलग है.”

दिबाकर अपनी बातचीत में आगे जोड़ते हैं,

"ये किसी भड़काऊ घटना पर आधारित फिल्म नहीं है. ये एक साधारण मिडल क्लास परिवार की तीन पीढ़ियों के दैनन्दिन जीवन के बारे में है. मगर अब मेरी फिल्म के साथ जो हो रहा है, वो काफी हद तक मेरी फिल्म के नायक की कहानी जैसा होता जा रहा है. मेरा मानना है कि ये मेरे करियर की सबसे अच्छी फिल्म है. हालांकि इसकी थीम यूनिवर्सल है. मगर ये उस दर्शक वर्ग के लिए बनी फिल्म है, जिन्हें मेरी पिछली फिल्में याद हैं. और वो मेरी बनाई फिल्मों को देखने के आदी हैं. मुझे ये बात दुखी करती है कि वो ये फिल्म नहीं देख पाएंगे."   

इसलिए अब दिबाकर बैनर्जी देश-विदेश के तमाम डिस्ट्रिब्यूटरों और प्रोड्यूसर्स के साथ बातचीत कर रहे हैं. ताकि उनमें से कोई उनकी फिल्म को नेटफ्लिक्स से खरीदकर रिलीज़ कर दे.  

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