राजपाल यादव ने NSD में एडमिशन के लिए रिवॉल्वर गारंटी के तौर पर क्यों रखी?
राजपाल स्कूटर भी तो गारंटी के तौर पर रख सकते थे.
![Rajpal Yadav in Guest in the Newsroom](https://static.thelallantop.com/images/post/1687954036259_rajpal-yadav.webp?width=540)
साल 2000 में राजपाल यादव की ‘जंगल’ आई थी. इस फिल्म के बाद उन्हें पहचान मिली. पहली बार राजपाल ने किसी फिल्म के लिए अवॉर्ड जीता. लेकिन इस सब को हासिल करने के लिए उन्हें बहुत स्ट्रगल करना पड़ा. हाल ही में राजपाल यादव लल्लनटॉप के वीकली शो ‘गेस्ट इन दी न्यूजरूम' में आए. यहां उन्होंने अपनी लाइफ और करियर पर बात की. इंटरव्यू में कुछ मज़ेदार किस्से भी सुनाए. साथ ही में कई एक्टर्स के साथ काम करने का अपना अनुभव भी साझा किया. सलमान और शाहरुख के साथ काम करने का अनुभव आप यहां पढ़ सकते हैं.
इसी बातचीत में राजपाल यादव ने एनएसडी में एडमिशन का एक मज़ेदार किस्सा सुनाया. जब उन्हें दाखिले के वक्त 36000 रुपए तक की कोई चीज़ सॉल्वेंसी/सिक्योरिटी के तौर पर चाहिए थी. राजपाल यादव ने बताया,
‘’हमारा सेलेक्शन हो गया था एनएसडी में और 36000 रुपए सॉल्वेंसी के लिए चाहिए थे.’’
राजपाल ने 15 दिनों तक सॉल्वेंसी गारंटी की रकम इकठ्ठा करने लिए भाग-दौड़ की. लेकिन किसी से भी मदद नहीं मिली. तब उनके गुरु ज़रीब मलिक आनंद काम आए. उनका स्कूटर गारंटी के तौर पर रखा जा सकता था. पर स्कूटर की गारंटी लेता कौन? और उसकी कीमत भी सम्भवतः 36 हज़ार के बराबर नहीं रही होगी. तब ज़रीब, राजपाल को अशोक गुप्ता के पास लेकर गए. अशोक पेशे से पत्रकार थे. उनके पास एक रिवॉल्वर थी. राजपाल यादव और ज़रीब ने रात भर अशोक गुप्ता को रिवॉल्वर के पेपर सिक्योरिटी रखने के लिए समझाया. तब जाके वो रिवॉल्वर गिरवी रखने को राज़ी हुए.
राजपाल यादव ने आगे बताया कि तहसीलदार रिवॉल्वर को सॉल्वेंसी के स्वीकार नहीं रहा था. उसका कहना था कि आदमी ज़मीन, सोना गिरवी रखता है गारंटी में रिवॉल्वर कौन रखता है? ये कोई गारंटी है? रिवॉल्वर खो गया तो कौन रिवॉल्वर ढूंढ़ता फिरेगा? तहसीलदार पर काफी दवाब बनाया, तब जाके वो माना. इतने पापड़ बेलने के बाद राजपाल यादव को एनएसडी में एडमिशन मिला
( ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं सोनम सैफी ने लिखी है)
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