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देवी 'काली' को सिगरेट पीते दिखाने वाला पूरा विवाद, फिल्ममेकर को गिरफ्तार करने की बात होने लगी है

लीना ने अपनी फिल्म का जो पोस्टर शेयर किया है, उसमें हिंदुओं की देवी काली के एक हाथ में त्रिशूल है. दूसरे हाथ में रंग-बिरंगा प्राइड फ्लैग और तीसरे हाथ से वो सिरगेट पीती दिख रही हैं.

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पहली तरफ फिल्म 'काली' का पोस्टर. दूसरी तरफ उसकी डायरेक्टर लीना मणिमेकलाई.
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श्वेतांक
4 जुलाई 2022 (Updated: 4 जुलाई 2022, 13:59 IST)
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लीना मणिमेकलाई नाम की तमिल फिल्ममेकर हैं. उनकी नई डॉक्यूमेंट्री आ रही है, जिसका नाम है 'काली' (Kaali). 2 जुलाई को लीना ने अपनी इस फिल्म का पोस्टर रिलीज़ किया. इस पोस्टर के बाहर आते ही सोशल मीडिया पर #ArrestLeenaManimekalai ट्रेंड करने लगा. लोगों का कहना है कि डॉक्यूमेंट्री 'काली' का पोस्टर हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला है. क्योंकि इस फिल्म के पोस्टर में हिंदुओं की देवी काली सिगरेट पीती नज़र आ रही हैं.  

# 'सेक्सी दुर्गा' के बाद सिगरेट पीती 'काली'

2018 में मलयालम भाषा की एक फिल्म आई थी. सनल कुमार सशिधरन डायरेक्टेड इस फिल्म का नाम था- Sexy Durga. ये फिल्म दुर्गा और कबीर की कहानी थी, जो धर्म के पाखंड से दूर जाकर एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं. केरल में घटने वाली ये एक थ्रिलर थी. इस फिल्म की मदद से सनल कुमार सशिधरन ये भी बताना चाहते थे कि कैसे धर्म ने केरल के समाज को दो फाड़ कर दिया है. मगर जैसे ही इस फिल्म की घोषणा हुई आपत्तियां आनी शुरू हो गईं. जनता का कहना था कि आप दुर्गा को 'सेक्सी' नहीं बुला सकते. इससे लोगों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचने लगी. फाइनली इस फिल्म को 'S Durga' नाम से रिलीज़ किया गया. फिल्म अपने विषय और उसे बरतने को लेकर खूब सराही गई.

फिल्म ‘एस. दुर्गा’ के पोस्टर पर राजश्री देशपांडे. विवादों के बाद इस फिल्म का नाम बदलकर ‘एस. दुर्गा’ कर दिया गया.

अब लीना मणिमेकलाई की परफॉरमेंस डॉक्यूमेंट्री आ रही है, जिसका नाम है 'काली'. इस फिल्म का पोस्ट शेयर करते हुए लीना ने लिखा -

''मैं आग़ा खान म्यूज़ियम में अपनी नई फिल्म का पोस्टर शेयर करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं. मेरी फिल्म 'काली' का 6 मिनट लंबा हिस्सा Rhythms of Canada फेस्टिवल में दिखाया जाना है. एक हफ्ते तक चलने वाला ये फेस्टिवल विभिन्न कनैडियन कल्चर को सेलीब्रेट करेगा. इस फेस्टिवल के दौरान म्यूज़ियम की पर्मानेंट गैलरी में एंट्री फ्री है.''  

लीना ने अपनी फिल्म का जो पोस्टर शेयर किया है, उसमें हिंदुओं की देवी काली नज़र आ रही हैं. उनके एक हाथ में त्रिशूल है. दूसरे हाथ में रंग-बिरंगा प्राइड फ्लैग और तीसरे हाथ से वो सिरगेट पीती दिख रही हैं. सारा विवाद इसी पोस्टर को लेकर हो रहा है.

# किस बारे में है 'काली'?

'काली' की कहानी एक रात के बारे में है. वन लाइनर स्टोरीलाइन ये है कि क्या होता है, जब एक रात कैनडा की सड़कों पर हिंदुओं की देवी काली घूमती पाई जाती हैं. फिल्म में इसके कई एक्सप्लेनेशन हो सकते हैं. हो सकता है कि वो कोई साधारण महिला हो, जो काली के वेष में रात को कैनडा की सड़कों पर घूमती हो. इसके पीछे उसकी अपनी वजहें हों. इसलिए पहली चीज़ तो ये कि हमें उस डॉक्यूमेंट्री/फिल्म की रिलीज़ का इंतज़ार करना चाहिए. ताकि अपने को पूरी तरह पता हो कि उस पोस्टर का असल मक़सद क्या है!

खैर, जब से ये पोस्टर आया है लोगों का कहना है कि लीना मणिमेकलाई को गिरफ्तार करना चाहिए. क्योंकि उन्होंने मां काली का ऑफेंसिव पोस्टर बनाया. कई लोग ने सोशल मीडिया पर इसकी शिकायत अमित शाह और पुलिस से कर रहे हैं. इंट्रेस्टिंग बात ये कि लोगों की अपील मान ली गई है. लीना मणिमेकलाई के खिलाफ दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ऑफिस और होम मिनिस्ट्री में कंप्लेंट दर्ज हो चुकी है.

सोशल मीडिया पर मामले को तूल पकड़ता देख लीना मणिमेकलाई ने तमिल भाषा में ट्वीट करते हुए लिखा-

''जब आप लोग ये पिक्चर देखेंगे, तो अरेस्ट लीना मणिमेकलाई नहीं, लव यू लीना मणिमेकलाई लिखेंगे.''

लीना के तमिल भाषा में किए गए ट्वीट का स्क्रीनग्रैब.

# कौन हैं Leena Manimekalai?

लीना मणिमेकलाई ने अपने करियर की शुरुआत असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की थी. उन्होंने कई मेनस्ट्रीम फिल्ममेकर्स को असिस्ट किया. टीवी प्रोड्यूसर से लेकर एंकर के तौर पर काम किया. 2002 में उन्होंने 'मथम्मा' नाम की शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री से अपने करियर की शुरुआत की. आगे उन्होंने अलग-अलग विषयों पर कई डॉक्यूमेंट्रीज़ बनाई. इन डॉक्यूमेंट्रीज़ के बाद लीना को फिल्ममेकर कम एक्टिविस्ट ज़्यादा माना जाने लगा. 2005 में उन्होंने एक्टिविज़्म से आर्ट की ओर कदम बढ़ाया. उन्होंने 'कनेक्टिंग लाइन्स' नाम की डॉक्यूमेंट्री बनाई, जो कि जर्मनी और इंडिया के स्टूडेंट्स के मसले पर बात करने वाली थी.

लीना मणिमेकलाई ने 2011 में अपना फीचर फिल्म डेब्यू किया. उन्होंने 'सेनगदल' नाम की तमिल फिल्म बनाई. ये फिल्म इंडिया और श्रीलंका की पॉलिटिक्स के बारे में थी. मगर उसका फोकस इससे प्रभावित होने वाले तमिल नाडु के शहर धनुषकोडी पर था. रीजनल सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म की रिलीज़ पर बैन लगा दिया. उनका कहना था कि ये फिल्म भारत और श्रीलंका के बारे में कई आपत्तिजनक टिप्पणियां करती है. फिल्म में इस्तेमाल हुए कई शब्दों को भी सेंसर बोर्ड ने असंसदीय करार दिया. लीना ने हार मानने की बजाय ये फिल्म, फिल्म अपीलेट ट्रिब्यूनल के सामने रखी. जहां से इसे बिना किसी के कट के पास कर दिया गया.  

एक फोटोशूट के दौरान लीना मणिमेकलाई.

फीचर फिल्म डेब्यू के बाद लीना ने दो डॉक्यूमेंट्री बनाई. 2019 में उन्होंने अपनी दूसरी फिल्म डायरेक्ट की, जिसका नाम था 'मादथी- एन अनफेयरी टेल'. अब वो वो 'काली' के साथ वापसी कर रही हैं. फिल्म और डॉक्यूमेंट्री के अलावा लीना कविताएं भी लिखती और परफॉर्म करती हैं. वो खुद को बाइसेक्शुअल के तौर पर आइडेंटिफाई करती हैं. उनकी आगामी विवादित डॉक्यूमेंट्री 'काली' के पोस्टर पर जो प्राइड फ्लैग नज़र आता है, उसका एक रेफरेंस ये है. फिल्म के लिहाज़ से उसका क्या रेफरेंस है, ये बात फिल्म को देखने के बाद पता चलेगी. 'काली' की रिलीज़ डेट अभी घोषित नहीं हुई है.

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