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जब सनी देओल और डायरेक्टर के झगड़े से मिली फ़िल्म ने अक्षय की लाइफ बना दी

'जानवर' के किस्से: जब 14 फ्लॉप फ़िल्में दे चुके अक्षय, डायरेक्टर के पास काम मांगने पहुंच गए.

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एक दर्जन से ज़्यादा फ्लॉप फिल्मों के बाद अक्षय को 'जानवर' मिली
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अनुभव बाजपेयी
30 अगस्त 2022 (Updated: 30 अगस्त 2022, 20:14 IST)
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अक्षय कुमार, बॉलीवुड सुपर स्टार. आज अक्षय का नाम सुनकर दिमाग में सबसे पहले यही आता है ना. इधर से स्क्रिप्ट डालो उधर से साल में 4-5 फ़िल्में निकालो. पर एक दौर था जब अक्षय पस्त हो चुके थे. लगातार फ़िल्में फ्लॉप हो रही थीं. दर्जन भर से ज़्यादा फ़िल्में फ्लॉप हो चुकी थीं. फिर 1999 में एक फ़िल्म आई. 'जानवर'. इसने उनके करियर को नई दिशा दी. उन्हें दोबारा हीरो के रूप में बॉलीवुड में स्थापित किया. आज इसी फ़िल्म की कास्टिंग और मेकिंग से जुड़े कुछ किस्से.

अक्षय कुमार का सबसे धांसू रोल
सनी देओल और डायरेक्टर की तनातनी ने छीनी सनी से फ़िल्म

'जानवर' फ़िल्म के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर सुनील दर्शन इससे पहले सनी देओल के साथ 'इंतक़ाम', 'लुटेरे' और 'अजय' बना चुके थे. उनको सनी पर भरोसा था. उन्हीं को ध्यान में रखते हुए सुनील ने 1997 के आसपास इंदौर में एक कहानी लिखी. 1998 में सनी से समय मांगा. उन्हें स्क्रिप्ट नरेट की. पर सनी को स्क्रिप्ट जमी नहीं. उन्होंने सुनील से थोड़ा और इम्प्रूव करने को कहा. पर सुनील स्क्रिप्ट में किसी तरह का बदलाव नहीं चाहते थे. जिस कारण सनी ने फ़िल्म करने से मना कर दिया. पर कहने वाले ये भी कहते हैं कि फाइनैंशियल चक्करों के चलते सनी ने फ़िल्म छोड़ दी. दरअसल उसी दौरान सनी देओल 'लंदन' नाम की एक फ़िल्म प्रोड्यूस कर रहे थे. इसमें ख़ुद सनी और उनके भाई बॉबी बतौर ऐक्टर काम कर रहे थे. इसे लंदन बेस्ड डायरेक्टर गुरिंदर चड्ढा डायरेक्ट कर रही थीं. 

पैसों के चक्कर ने सनी को डायरेक्टर बना दिया

उनका अप्रोच रियल था, पर सनी इसे कमर्शियल मूवी की तरह बनाना चाहते थे. सनी और गुरिंदर के बीच बन नहीं रही थी. वो फ़िल्म से अलग हो गईं. चूंकि शूटिंग शुरू हो चुकी थी. काफ़ी पैसा लग चुका था. इसलिए सनी ने इस फ़िल्म को 'दिल्लगी' नाम से खुद डायरेक्ट किया. अब यहां कहानी के दो वर्जन सामने आते हैं. सनी ने पहले इस फ़िल्म के निर्देशन के लिए सुनील दर्शन को बुलाया. सुनील ने शायद कुछ शेड्यूल शूट भी किया. पर दोनों के बीच कुछ मतभेद हो गया. सुनील ने फ़िल्म छोड़ दी. इन सबके बाद सनी ने सुनील की फ़ीस नहीं दी. दूसरा वर्जन ये आता है कि सुनील ने सनी को कुछ रुपए दिए थे. जो उन्होंने नहीं लौटाए थे. जिसके लिए बाद में उन्होंने सनी पर केस भी किया. इन्हीं सब चक्करों के कारण सनी देओल ने 'जानवर' में काम नहीं किया.

अक्षय कुमार को कैसे मिली ‘जानवर’ 

अब सुनील को फ़िल्म तो बनानी ही थी. वो स्क्रिप्ट लेकर अजय देवगन के पास पहुंचे. अजय को पसंद आई. उन्होंने हां भी कर दी. ये शनिवार का दिन था. सोमवार को औपचारिक तौर से फ़िल्म साइन होने की बात तय हुई. पर उससे पहले रविवार को सुनील के पास एक फोन आया. फ़ोन पर आवाज़ थी अक्षय कुमार की. उन्होंने कहा, "सर मैं आपसे मिलना चाहता हूं." शाम को 4:30 बजे मिलना तय हुआ. दरअसल अक्षय सुनील दर्शन से काम मांगने आए थे. पर दर्शन के सामने भी असमंजस था. अक्षय की क़रीब दर्जन भर फ़िल्में फ्लॉप हो चुकी थीं. उन्हें फ़िल्म में साइन करने में बड़ा रिस्क था. पर ये तो एक प्रोड्यूसर के मन की बात थी. 

फ़िल्म के सीन में अक्षय और जॉनी लीवर

दूसरी ओर दर्शन के अंदर का डायरेक्टर कुछ और ही सोच रहा था. उनका मानना था कि ये सुंदर, शांत और डिसिप्लिन्ड लड़का सामने से मेरे पास काम मांगने आया है. यानी फ़िल्म में ये किसी तरह का दख़ल नहीं देगा. जैसा बोलूंगा वैसा करेगा. उस समय अक्षय को काम की सख़्त ज़रूरत थी. उनकी ये फ़िल्म न चलती तो कनाडा की नागरिकता लेकर, वो वहीं शिफ़्ट होने की योजना बना रहे थे. ऐसे में सुनील ने सोचा, अक्षय एक न्यूकमर की तरह उनके पास आए हैं. इसलिए वो अपने मन मुताबिक अच्छी फ़िल्म बना पाएंगे. फिर क्या, दर्शन ने अक्षय को 'जानवर' का हीरो बना दिया. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक जब अक्षय को पता चला कि सुनील दर्शन 'जानवर' के बाद उनके अलावा दूसरे ऐक्टर्स को अपनी फ़िल्म में साइन कर रहे हैं, तो अक्षय उनके पास आए और बोले, 

ऐसा करो. आप मेरे साथ अपनी अगली 100 फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट कर लो. 

बाद में दर्शन ने अक्षय के साथ लगातार 5 से 6 फ़िल्में बतौर निर्माता-निर्देशक बनाईं.

जानवर में करिश्मा कपूर
जूही की जगह करिश्मा कपूर की एंट्री 

सुनील ने अक्षय को फ़िल्म में बतौर लीड ले तो लिया था, पर कहीं न कहीं आशंका भी थी कि फ़िल्म चलेगी या नहीं चलेगी. उन्होंने इसका तोड़ निकाला कि उस समय की हिट अभिनेत्रियों को फ़िल्म में शामिल किया जाए. सबसे पहले वो जूही चावला के पास गए. जूही ने हां भी की, फिर न जाने क्या हुआ वो बैकआउट कर गईं. इसके बाद दर्शन करिश्मा कपूर के पास पहुंचे. करिश्मा उस दौर एक बड़ी ऐक्ट्रेस थीं. उनकी 'राजा हिंदुस्तानी' और 'दिल तो पागल है' जैसी फ़िल्में हिट हो चुकी थीं. सुनील ने करिश्मा को स्क्रिप्ट सुनाई. उन्हें पसंद आई. सपना के रोल में वो काम करने को तैयार हो गईं. फिर सुनील ने उन्हें फ़िल्म के हीरो का नाम बताया, 'अक्षय कुमार.' चूंकि अक्षय की फ़िल्में चल नहीं रही थीं, इसलिए पहले वो थोड़ा ठिठकी, पर सुनील के भरोसे पर फ़िल्म के लिए हां कर दी. सुनील को करिश्मा का ये रवैय्या अच्छा लगा. वो उस समय फ़िल्में चूज करने की स्थिति में थीं, पर दर्शन के कहने पर वो अक्षय के साथ भी फ़िल्म करने को राज़ी हो गईं.

‘जानवर’ में मोहनिस बहल और शिल्पा शेट्टी
काजोल ने फ़िल्म साइन करके मना क्यों कर दी?

दो नाम लॉक हो चुके थे. इसके बाद ममता ओबरॉय के किरदार के लिए सुनील काजोल के पास पहुंचे. काजोल ने हामी भर दी. पर जब फ़िल्म की शूटिंग शुरू होने वाली थी. ठीक उसी समय उनकी मां तनुजा का सुनील को फ़ोन आया. सुनील को लगा कि फ़िल्म से जुड़ी कोई बात है. बची हुई औपचारिकताएं पूरी करने के लिए फोन आया है. पर बात कुछ और थी. दरअसल काजोल और अजय की शादी तय हो गई थी. इसलिए अब वो 'जानवर' में काम नहीं कर सकती थीं. सुनील के सामने फिर से संकट. उनकी फ़िल्म को ग्रहण लगा हुआ था. लोग आते और चले जाते. फिर एक दिन शिल्पा शेट्टी की मां का सुनील को कॉल आया. उन्होंने पूछा ‘क्या शिल्पा इस रोल में काम कर सकती है’? शिल्पा की इमेज ग्लैमरस थी. 'जानवर' में उनका रोल इसके उलट होने वाला था. सुनील दर्शन की भाषा में कहें, "मेरे पास एक साड़ी वाली लड़की का रोल था, जो मां भी थी." अब उस समय सुनील के पास कोई ऑप्शन नहीं था. उन्होंने हां कर दिया. शिल्पा के चेहरे पर उन्हें एक ईमानदारी दिखती थी. और उनमें काम करने की भूख थी, जिस कारण डायरेक्टर साहब तैयार हो गए. उस दौर में एक ग्लैमरस हीरोइन को किसी संजीदा किरदार में एक्सेप्टेन्स दिला पाना कठिन काम था. पर उन्होंने मनीष मल्होत्रा के साथ शिल्पा की ड्रेसिंग और लुक पर अलग से मेहनत की. उन्हें ममता के रोल के लिए तैयार किया. फ़िल्म रिलीज़ होने पर लोगों ने उस लुक में शिल्पा को स्वीकार भी किया.

बाबू लोहार और राज
अक्षय कुमार के बेटे का रोल किसने किया?

इस फ़िल्म में अक्षय कुमार के साथ एक चाइल्ड आर्टिस्ट को लोगों ने खूब पसंद किया था. उस चाइल्ड आर्टिस्ट का नाम था, आदित्य कपाड़िया. उन्होंने फ़िल्म में शिल्पा शेट्टी के सगे बेटे और अक्षय कुमार के गोद लिए बेटे राज का किरदार निभाया था. ‘जानवर’ के बाद आदित्य ने कई बॉलीवुड फिल्मों और टीवी सीरियल में भी बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया. ‘सोनपरी’ और ‘शाका लाका बूम बूम’ में उन्हें ऑडियंस ने खूब पसंद किया. आदित्य ने ‘हरी पुत्तर’ ‘इक्कीस तोपों की सलामी’ जैसी फिल्मों में भी काम किया. इस दौरान वो लगातार टीवी में काम करते रहे. सोनी टीवी पर प्रसारित हालिया शो ‘तेरा यार हूं मैं’ में उन्होंने एक छोटा किरदार निभाया था. वो गुजराती सिनेमा में भी सक्रिय हैं. वहां पर फिल्में भी कर रहे हैं

महेश आनंद और अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन की फिल्मों के इस ऐक्टर की ज़िंदगी पर बनी फ़िल्म

ऐसा माना जाता है कि फ़िल्म की कहानी अस्सी-नब्बे के दशक में अधिकतर विलेन का किरदार निभाने वाले महेश आनंद और उनके बेटे की लाइफ से इंस्पायर्ड है. महेश आनन्द ‘हथियार’, ‘गंगा जमुना सरस्वती’, ‘विश्वात्मा’ और ‘शहंशाह’ जैसी तमाम फ़िल्मों में काम किया. उनका असली ज़िन्दगी में अपने बेटे के साथ जैसा रिलेशन था, उसी पर 'जानवर' की कहानी बेस्ड है. 2019 में महेश आनंद की मौत हो गई. उनका शव मुंबई में उनके फ्लैट में मिला था. उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई थी. अक्षय के किरदार 'बाबू लोहार' का लुक भी थोड़ा बहुत महेश आनंद के लंबे बालों और मूंछों से प्रेरित था. अक्षय का लुक एक और जगह से इंस्पायर्ड था. सुनील ने कहीं ग्रीक-अमेरिकी रैपर Yanni की तस्वीर देखी थी. उन्हें उनका मूंछो और बालों वाला लुक पसंद आया था. जो बाद में अपनी फ़िल्म में उन्होंने अडैप्ट किया.

सुनील दर्शन ने एक बार कहा था: 

जानवर फ़िल्म जब रिलीज़ हुई थी, तो मुम्बई से ज़्यादा शोर यूपी, बिहार, राजस्थान, बंगाल और एमपी से आया. दूसरे दिन ही फ़िल्म के कलेक्शन ऐसे हो गए थे जैसे ऑडिएंस फ़िल्म से कनेक्ट फील कर पा रही है.

आज का सफ़र यहीं खत्म होता है. फिर मिलेंगे किसी नई फ़िल्म के कुछ नए किस्सों के साथ. 

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