अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना के बीच दुश्मनी की बात में कितनी सचाई थी?
जानिए विनोद खन्ना ने इस बारे में क्या कहा था.
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एक जमाना था, जब विनोद खन्ना और अमिताभ बच्चन की जोड़ी फिल्मी पर्दे पर बहुत फेमस थी. दोनों की साथ में कई फिल्में आईं. लेकिन ऐसी खबरें भी हमेशा आती रहीं कि दोनों के बीच एक किस्म की असुरक्षा है, शत्रुता है. दोनों में बेहतर कौन था वाली डिबेट भी चलती थी. इस बारे में विनोद खन्ना क्या सोचते थे, आइए आपको बताते हैं. विनोद खन्ना का जिक्र अभी क्यों, क्योंकि आज उनका जन्मदिन होता है. विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर, 1946 को पेशावर में हुआ था.
विनोद खन्ना और अमिताभ बच्चन ने साथ में कई यादगार फिल्में कीं. जैसे– 'हेराफेरी' (1976), 'ख़ून पसीना' (1977), 'अमर अकबर एंथनी' (1977), 'परवरिश' (1977) और 'मुकद्दर का सिकंदर' (1978). इनमें से एक भी फिल्म ऐसी नहीं थी, जिसमें अमिताभ, विनोद से इक्कीस लगे हों. दोनों ही प्रभावी थे. अपनी स्क्रीन प्रेजेंस में विनोद कहीं-कहीं अमिताभ को ओवरपावर भी करते थे.
अमिताभ लगातार फिल्में करते गए और विनोद अपनी स्पिरिचुअल खोज के चलते अनियमित और अमहत्वाकांक्षी रहे. माना गया कि वे फिल्में छोड़ अमेरिका नहीं जाते, तो अमिताभ बच्चन के बराबर महानायक का रुतबा होता. फिर जब 1987 के करीब विनोद लौटे तो अमिताभ की फिल्में फ्लॉप जाने लगीं और उन्होंने करियर में विराम ले लिया.
अमेरिका से लौटने के बाद विनोद खन्ना के साथ अमिताभ बच्चन.फिल्म 'हेराफेरी' के एक सीन में दोनों बतौर को-स्टार (दाएं).
अमिताभ और विनोद खन्ना में बेहतर कौन? इसे लेकर अक्सर बहस होती थी. डिबेट में लोग और फिल्म जर्नलिस्ट जैसा सोचते हैं, वैसा विनोद खन्ना नहीं सोचते थे. उनसे एक बार पूछा गया था कि आप बॉलीवुड नहीं छोड़कर जाते तो बच्चन के सबसे मजबूत प्रतिद्वंदी होते? इस पर खन्ना ने कहा था,
“नहीं, ऐसा नहीं है. बच्चन की लोकप्रियता हमेशा से रही है. वो 'शोले' और 'दीवार' जैसी (क्लासिक) फिल्में कर चुके थे. निश्चित रूप से वो बहुत अच्छे एक्टर हैं. उनका करियर बहुत ही अद्भुत रहा है.”
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