पापा जब कॉलेज में इश्क़ लड़ाते थे, ये ऐड उस जमाने के हैं
सड़क पर पानी से भरकर फोड़ते थे बड़ा सा गुब्बारा. बाद में पता चला कि वो गुब्बारा नहीं कॉन्डम था.
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कुछ दिन पहले एक ऐड आया था. पेपरबोट ड्रिंक्स का. नॉस्टेल्जिया तो ऐसा पिरोया था कि यादों को याद करके आंसू छलक आएं. इस ऐड में म्यूजिक था मालगुडी डेज वाला. वही मालगुडी डेज, जो हम सब बचपन में दूरदर्शन पर देखते थे. इस ऐड के साथ-साथ सुनाई देती है गुलज़ार साहब की आवाज में एक कविता. हमने बचपन में जो-जो देखा वो सब इस कविता में सुनाया गया है.
https://www.youtube.com/watch?v=t7I6zYp0CU8
ये ऐड देखकर पुराना जमाना याद आ गया था. कई पुराने ऐड याद आ गए. आज आपको दिखाते हैं कुछ पुराने ऐड. पुराने लोगों के लिए नॉस्टेल्जिया और नए लोगों के लिए पुराने एड देखने का मौका. नई, पुरानी यादों का कॉम्बो.
1. तंत्रज्ञान और परिष्कृति, उत्कृष्टता का प्रतीक
ये ऐड है बीपीएल टीवी का. भूल गए क्या? ये वो वाला ब्लेक एंड व्हाइट टीवी है जिसपे शक्तिमान, मालगुडी डेज और जंगल बुक देखा करते थे. छत पर चढ़ कर एंटीना घुमाते हुए चिल्लाते थे, आया क्या. ये एड भी उन्हीं दिनों का है.2. हीरो की वही शान
याद है ना साइकिल पर एक जने को आगे और एक जने को पीछे बैठाकर स्कूल जाते वक्त ढलान में साइकिल चलाते थे. ये उसी हीरो साइकिल का ऐड है.3. हीरो होन्डा के सवार को आप रोक ना पाएंगे. दिल की बात कहने से.
घर में पहली मोटर साइकिल ले आए थे पापा, याद है ना हीरो होंडा CT 100. और उसे अभी तक संभाल रखा है. कितनी प्यारी लगती थी. ये उसी हीरो होंडा कंपनी का पुराना ऐड है.4.प्यासी निगाहें
ये लिम्का का ऐड. आगे की बेंच पर बैठने वाली लड़की के लिए पापा की जेब से पैसे चुराकर लिम्का की बोतल ले गए थे याद है कि भूल गए? कोई मिलाए कोई झुकाए निगाहें, लिम्का बुझाए प्यास, आप जब चाहें. गुरु ये ऐड इस जमाने के बच्चों के पापा जब कॉलेज में लाइन मारते थे तब का है.5. क्रेकजेक कुरकुराइए
ये तो याद ही होगा. जेब में छुपाकर खाते थे. नमकीन-नमकीन बिस्कुट. ये उसका गोल्ड पैक आया तब का एड है. क्रेकजेक ही खाइए, हर चीज के संग जमाइए.6. खुशबू व स्वाद, दोनों में लाजवाब
मुंह में रजनीगंधा कदमों में दुनिया वाले रजनीगंधा का पुराना ऐड है ये. छोटे थे घर में कोई सूट-बूट वाला मेहमान आता था तब जाके ले आते थे ना वो ही. खुद तो 2100 खाते थे. ये बहुत महंगा आता था ना.7. सही निर्णय का अंदरूनी राज़
तो ये है सही निर्णय का अंदरूनी राज. रूपा अंडरवियर वही है जो शायद आप सालों से पहनते आ रहे हैं. ये उसका तब का ऐड है जब ऐड शुद्ध हिंदी लिखावट के साथ छपा करते थे.8. मम्मी की कॉफ़ी से भी मज़ेदार है मेरी कॉफ़ी
आर्मी वाले चाचा छुट्टी पर आते थे, तब भागे दौड़े चले जाते थे कॉफी बाइट के लिए. ये कॉफी बाइट का 25 साल पुराना ऐड है.9. शुक्र है बोरोलीन करीब
दीवाली के पटाखों से हाथ जलाकर इस कमरे से उस कमरे भाग-भागकर बोरोलीन ढूंढ रहे थे भूल गए क्या. ये बोरोलीन आप के दादा के जमाने से लगा रहे हैं लोग.10. फॉर द ग्रेसियस पीपल
ये गोल्ड फ्लेक का तब का एड है जब ये ग्रेसियश लोगों की पसंद हुआ करता था. यही पीते थे ना छुप-छुपकर?11. You'll never use anything else again
लक्स साबुन खूब रगड़ा है ना बदन पर. ये देख लो उसका बहुत पुराना ऐड. 1975 का. दादाजी के जमाने में ऐसा दिखता था उसका पैकेट. तब तो खूब मंहगा भी रहा होगा.12. भला हम क्यों कहें कि हम हैं सबसे बेहतर, हमारे खरीददार जो कहते हैं.
ये है गोदरेज रेफ्रिजरेटर का 25 बरस पुराना शुद्ध देशी ऐड. अरे वही गोदरेज फ्रिज जिसमें देशी दूध की खूब शक्कर डालकर कुल्फी जमाया करते थे.13. लिव लाइफ़ किंगसाइज
हंस क्या रहे हो. ये वही है जो पापा की जेब से चुराया था चौथी क्लास में. और फिर स्कूल के पीछे छिपकर दोस्त के साथ पी थी. तेज खांसी भी आई थी ना? तो ये उसी फॉर स्क्वायर का पुराना ऐड देखकर बचपन याद कर लो.14. चल मेरी लूना
स्कूल में मैडम, मास्टर साहेब की लुना को पीछे से पकड़कर भागते थे ना. अब गांव में तो मैडम के पास ही देखने को मिली थी लुना. शहर में तो कॉलेज टॉप करने पर बच्चों को गिफ्ट करते थे पापा, उस जमाने में. अब वाले जमाने के नकचिढ़ु हाथ भी न लगाएं.15. रैन आए तो चैन आए
खेलते वक्त पीठ खिंच जाने पर मम्मी से रातभर मालिश करवाते थे. और कमरे में सुगंध फैल जाती थी वो इसी आयोडेक्स की थी. उसका पुराना एड देख ल्यो.16. परिवार नियोजन विश्वसनीय कोहिनूर के संग
कोहिनूर याद है कि नहीं. सड़क पर पानी से भरकर फोड़ते थे ना बड़ा सा गुब्बारा. एक बार मार भी पड़ी थी जिसके लिए. बाद में पता चला था कि वो गुब्बारा नहीं कॉन्डम था. तो ये उसका पुराना ऐड. सारी जानकारी भी लिखी है साथ में.