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फिल्म रिव्यू- शिद्दत

'शिद्दत' एक ऐसी फिल्म है, जो कहती कुछ है और करती कुछ.

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फिल्म 'शिद्दत' के एक सीन में सनी कौशल और राधिका मदान. इस फिल्म को कुणाल देशमुख ने डायरेक्ट किया है.
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श्वेतांक
1 अक्तूबर 2021 (Updated: 1 अक्तूबर 2021, 09:37 IST)
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इस शुक्रवार डिज़्नी+हॉटस्टार पर 'शिद्दत' नाम की फिल्म रिलीज़ हुई है. ये एक हार्डकोर रोमैंटिक फिल्म है. ऐसा इस फिल्म को लगता है. मगर क्या इस फिल्म को देखते हुए आपको भी 'शिद्दत' वाला भाव महसूस होता है? इसका जवाब हम आगे जानने की कोशिश करेंगे.
'शिद्दत' फिल्म का पोस्टर.
'शिद्दत' फिल्म का पोस्टर.


जग्गी उर्फ जोगिंदर नाम का एक लड़का है. हॉकी प्लेयर है. एक दिन स्विमिंग कैंप में वो कार्तिका नाम की एक लड़की को देखता है. पहले तो मस्ती-मज़ाक होती है. वो उसकी परमिशन के बिना उसकी फोटो निकालता है और मना करने के बावजूद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देता है. उसे स्टॉक करना शुरू कर देता है. इन सब हरकतों के बाद उसे लगता है कि वो कार्तिका को प्यार करता है. अपने इस एकतरफा प्यार या यूं कहें कि ऑब्सेशन को पूरा करने के लिए वो लिटरली जमीन-आसमान एक कर देता है. इसके साथ-साथ फिल्म में गौतम और इरा की भी प्रेम कहानी चल रही है, जिससे इंस्पायर्ड होकर जग्गी कार्तिका के प्यार में पड़ता है. मगर गौतम और इरा की कहानी मच्योर है. प्रैक्टिल है. मगर फिल्म उसे ऐसे नहीं देखती. जैसे जग्गी कार्तिका को एकतरफा प्यार करता है. वैसे ही ये फिल्म जग्गी को एकतरफा प्यार करती हुई सी लगती है. क्योंकि फिल्म में जग्गी की कहानी के सामने किसी को कोई भाव नहीं दिया जाता.
कार्तिका और उसके प्यार में पड़ा जग्गी.
कार्तिका और उसके प्यार में पड़ा जग्गी.


फिल्म में एक सीन है, जहां कार्तिका कहती है कि जग्गी के साथ उसे ऐसा लगता है मानों वो 90s के हिंदी फिल्मों की हीरोइन है. अगर कार्तिका से आपकी कहीं मुलाकात हो या अगर वो ये रिव्यू देख-पढ़ रही हैं, तो हम उन्हें बताना चाहते हैं-
सिर्फ आपको ही नहीं, इस फिल्म को देखते हुए हमें भी यही लगा कि हम 90s में बनी कोई हिंदी फिल्म देख रहे हैं.
'शिद्दत' दिखावा करती है कि वो बड़ी प्रोग्रिसिव रोमैंटिक फिल्म है. क्योंकि उसकी हीरोइन प्रैक्टिकल बातें करती है. वन नाइट स्टैंड के बावजूद लड़के से प्यार नहीं होने की बात कहती है. जब लड़का बिना परमिशन उसकी फोटो सोशल मीडिया पर डाल देता है, तो वो बदले में बॉयज़ लॉकर रूम में घुसकर नंगे लड़कों के वीडियोज़ बनाती है. जेंडर इक्वॉलिटी का भी तो ध्यान रखना है. मगर जब आप ये फिल्म देख रहे होते हैं, तो ये सब चीज़ें इतनी बेमानी, बचकानी और इल्लॉजिकल लगती हैं कि उसे बयान नहीं किया जा सकता.
गौतम और इरा, जिनके प्यार को फिल्म रत्तीभर भाव नहीं देती.
गौतम और इरा, जिनके प्यार को फिल्म रत्तीभर भाव नहीं देती.


गौतम और इरा की प्रेम कहानी को ये फिल्म ऐसे ट्रीट करती है, मानों कह रही हो कि ये प्यार करने का सही तरीका नहीं है. प्यार करो, तो जग्गी जैसा वरना रहने दो. इस चीज़ को फिल्म इतनी गंभीरता से कहती है कि गौतम को भी लगने लगता है कि उसने कायदे से प्रेम नहीं किया. फिर वो अपने प्यार को कॉम्पनसेट करने के लिए जग्गी की मदद करने लगता है.
फिल्म में जग्गी का रोल किया है विकी कौशल के भाई सनी कौशल ने. सनी ने जग्गी का कैरेक्टर एकदम फ्लॉलेस तरीके से निभाया है. जो उन्हें करने को कहा गया, उसमें उन्होंने अपना 100 परसेंट दिया है. क्योंकि उसके बिना काम भी नहीं चलता क्योंकि पूरी फिल्म उनके कंधे पर टिकी हुई है. कार्तिका रोल किया है 'मर्द को दर्द नहीं होता' फेम राधिका मदान ने. राधिका को देखकर लगता है कि वो अब भी प्रोसेस करने की कोशिश में हैं कि वो इस फिल्म में क्या कर रही हैं. क्योंकि उनके करने के लिए यहां तो कुछ है ही नहीं. गौतम का कैरेक्टर प्ले किया है 'देवों के देव महादेव' वाले मोहित रैना ने. ये इकलौता कैरेक्टर है, जिससे आप थोड़ा-बहुत रिलेट कर पाते हैं. वो भी फिल्म के फर्स्ट हाफ में. क्योंकि सेकंड हाफ में ये जग्गी को सलाह देते हैं कि वो एक लड़की के चक्कर में पड़कर सिर्फ ब्रेकफास्ट पर अटक गया है. उसे अलग-अलग मील्स ट्राय करने चाहिए. तभी तो उसे ज़िंदगी के जायके का पता चलेगा.
जग्गी को बचाने की कोशिश करता गौतम.
जग्गी को बचाने की कोशिश करता गौतम.


गौतम की पत्नी इरा का रोल किया है 'कॉकटेल' वाली डायना पेंटी ने. डायना का स्क्रीनस्पेस इस फिल्म में सबसे कम है. वो शायद इस फिल्म की इकलौती कैरेक्टर हैं, जो उसी दुनिया से आती हैं, जहां हम रहते हैं. फिल्म में एक सीन है, जहां गौतम की हरकतों से परेशान इरा को लगता है कि उसे ब्रेक चाहिए. परफॉर्ममेंस के लिहाज़ से इस फिल्म का सबसे यकीनी सीन लगता है.
'शिद्दत' एक ऐसी फिल्म है, जो कहती कुछ है और करती कुछ. ये फिल्म दिखाती है कि जग्गी कार्तिका के प्रेम में है. मगर पॉलिटिकल करेक्टनेस के चक्कर में कार्तिका को मॉर्डन, इंडीपेंडेंट और स्ट्रॉन्ग वुमन भी दिखाना है. इन दो नावों की सवारी में फिल्म डूब जाती है. जिस जग्गी को ये फिल्म भर-भरके रोमैंटिसाइज़ करने की कोशिश करती है, वो मैनचाइल्ड सा लगता है. उसे पता है कि वो एक हॉकी प्लेयर है. उसे क्रिकेटर्स जैसा स्टारडम नहीं, मगर नेशनल टीम में सेलेक्शन के बाद सरकारी नौकरी तो मिल ही जाएगी. मगर एक समय के बाद उसके सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो जाती है. उसका ऑब्सेशन इस हद तक बढ़ जाता है कि कार्तिका से मिलने के लिए वो इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने की कोशिश करता है. और कमाल की बात पता है क्या? कार्तिका इस चीज़ से इंप्रेस हो जाती है.
ये फिल्म साइन करने के बाद राधिका और फिल्म देखने के बाद दर्शक इस भाव को अच्छे से महसूस कर पा रहे होंगे.
ये फिल्म साइन करने के बाद राधिका और फिल्म देखने के बाद दर्शक इस भाव को अच्छे से महसूस कर पा रहे होंगे.


'शिद्दत' एक छिछली लव स्टोरी है, जिसे लगता है कि वो कुछ अलग बात कर रही है. ऐसे प्रेम की बात कर रही है, जो न किसी ने किया है, न किसी ने देखा है. फर्जी का रोमैंटिसाइजेशन है. भरपूर मात्रा में इल्लॉजिक है. खराब लेखन के हाथों मजबूर एक्टर्स हैं. सुंदर गाने हैं. और इस सब के बदले में हमारे पास इस फिल्म को देखने का अफसोस है.

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