भारतरत्न सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन. उम्दा फिलॉसफर और महान शिक्षक. जिनके जन्मदिनको हम 'टीचर्स डे' के तौर पर मनाते हैं. इनका दर्शन अद्वैत वेदांत पर आधारित है.अद्वैत वेदांत में आत्मन यानी अपने अंदर के सत्य को सबसे ऊपर माना जाता है. 05सितंबर को इनका जन्मदिन होता है, जिसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.राधाकृष्णन दार्शनिक होने के साथ-साथ कूटनीति की भी बारीक समझ रखते थे. 1957 की बातहै. राधाकृष्णन तब भारत के उपराष्ट्रपति थे. वो चीन के दौरे पर गए थे. उस वक्त माओचीन के बड़े नेता थे. माओ ने राधाकृष्णन अपने घर पर खाने पर बुलाया था. राधाकृष्णनजब वहां पहुंचे तो माओ उनकी अगवानी के लिए आए. दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया. इसकेबाद राधाकृष्णन ने माओ के गाल थपथपा दिए. माओ कुछ बोलने ही वाले थे कि राधाकृष्णनने ऐसी बात कह दी कि शायद वो चाहकर भी कुछ नहीं बोल पाए. उन्होंने माओ से कहा,'प्रेसिडेंट साहब, आप परेशान मत होइए. मैंने यही स्टालिन और पोप के साथ भी कियाहै.' ये एक उदाहरण ही काफी है उनके डिप्लोमैटिक अंदाज को समझने के लिए. अब यहांपढ़िए उनके कुछ विचार, जो हर उम्र, वर्ग के लोगों के लिए जरूरी है: #1 #2 #3 #4 #5#6 #7 #8 #9 #10-------------------------------------------------------------------------------- ये भी पढ़ें:104 सैटेलाइट भेज इसरो ने नाम ऊंचा किया, गर्व करना है तो इनकी कहानी पर करोराजेंद्र प्रसाद को इस मजेदार सी बात का सबसे ज्यादा मलाल रहता थानेता, जिसने प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दियाभारत में ओबामा जैसा कूल लीडर सिर्फ एक है, और वो मोदी नहीं केजरीवाल हैगोलमाल फिल्म का वो एक्टर, जो नक्सल समर्थक था!--------------------------------------------------------------------------------वीडियो देखें: महामहिम- सर्वपल्ली राधाकृष्णन