RRR के अंग्रेज़ विलेन स्कॉट की असली कहानी, जो शराब के ग्लास की वजह से एक्टर बने
राजामौली की फिल्म RRR बॉक्स ऑफिस पर बम्पर कमाई कर रही है. फिल्म से राम चरण और जूनियर NTR के किरदारों के अलावा एक और किरदार चर्चा में है, ब्रिटिश गवर्नर स्कॉट का, जिसे निभाया रे स्टीवनसन ने. स्टीवनसन की पूरी कहानी पढिए.
RRR. रिलीज़ के बाद से ये कीवर्ड ट्विटर की ट्रेंडिंग लिस्ट से नीचे नहीं उतर रहा. फिल्म देखने वालों में कोई जूनियर NTR के किरदार की एंट्री का फैन हो गया, तो कोई राम चरण के भगवान राम के गेटअप में आने पर गला फाड़कर चीखा, तो किसी को आलिया भट्ट के कम स्क्रीन टाइम से शिकायत थी. राजमौली के ‘RRR’ यूनिवर्स में ऐसे कई किरदार हैं, जिनपर चर्चा का बाज़ार गर्म रहेगा. ऐसे ही किरदारों में से एक है गवर्नर स्कॉट का किरदार. क्रूर, भयावह स्कॉट. जो दुश्मन पर गोली नहीं चलाना चाहता. और वजह कोई दरियादिली नहीं है. बस दुश्मन को इस लायक नहीं मानता कि उस पर एक गोली भी ज़ाया कर सके.
स्कॉट के कम ही सीन हैं, फिर भी वो ऑडियंस को याद रह जाता है. इसमें कुछ क्रेडिट फिल्म के डायरेक्टर एसएस राजामौली का, तो कुछ क्रेडिट उसको निभाने वाले रे स्टीवनसन का है. रे को देखकर भले ही लगे कि वो इंडियन ऑडियंस के लिए नया चेहरा हैं, पर आप उन्हें पहले भी अनेकों बार देख चुके हैं. वो कौन-सी फिल्में थीं, ये बताएंगे. साथ ही बात करेंगे रे स्टीवनसन की रील से परे रियल कहानी की.
# शराब के नशे में धुत होकर एक्टर बनने का फैसला लिया
25 मई, 1964 को रे का जन्म आयरलैंड में हुआ. उनके पिता यूनाइटेड किंगडम की एयर फोर्स में पायलट थे. मां आयरिश थीं. दोनों को तीन बेटे हुए. रे का एक भाई उनसे छोटा है और दूसरा बड़ा. बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में रे बताते हैं कि जब तीनों बच्चों के करियर चुनने की बात आई, तो उनके पिता का दो टूक कहना था, कि या तो ये कोई साइड चुन लें, या फिर कोई साइड इन्हें चुन लेगी.
यही सोचकर पूरा परिवार इंग्लैंड शिफ्ट हो गया. उस वक्त रे आठ साल के थे. वो बताते हैं कि उस दौरान पहली बार उन्हें एक्टिंग वाले कीड़े ने काटा था. इसकी वजह थी Saturday Morning Picture Show. जहां फिल्मों की स्क्रीनिंग होती थी. वर्किंग क्लास पेरेंट्स अपने बच्चों को वहां छोड़ जाते और बच्चे पूरे दिन फिल्में देखते. रे बताते हैं कि उन्होंने वहां हर तरह की फिल्में देखी, कलर से लेकर ब्लैक एंड व्हाइट, और ए ग्रेड से लेकर बी ग्रेड. कच्ची उम्र के रे के लिए नई दुनिया खुल गई थी. वो दुनिया जिसका वो हिस्सा बनना चाहता था, लेकिन खुद को वहां इमैजिन भी नहीं कर पा रहा था.
रे का सिनेमा से मोह भंग हो गया. शनिवार को जितनी फिल्में घोटकर पी, उन सभी में दिखने वाले एक्टर्स अजनबी लगते थे, जैसे कहीं और से आए हों. उन्हें अपने जैसा कोई नहीं दिखा. रे का सिनेमा से मन भले ही उचट गया हो, लेकिन किसी कोने में एक्टर बनने की इच्छा अभी भी थी. बस इतनी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे कि किसी के आगे कन्फेस कर सकें. रे बताते हैं कि वो अपने इस हिस्से को एक ऑल्टर ईगो की तरह मानते थे, जिसे दुनिया से छुपा रखा था. अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया, स्कूल की पढ़ाई पूरी की. हालांकि, इस दौरान सिनेमाघरों और थिएटर्स में बराबर हाज़िरी भी लगाते रहे.
रे अब इंटीरियर डिज़ाइनर बन चुके थे. जॉब कर रहे थे. लेकिन मन में कसक बाकी थी कि एक बार खुद को परफॉर्म करते देखना है, खुद के लिए परफॉर्म करना है. बस इस दबी कसक को बाहर आना था और ये आई भी. एक बार रे अपने एक दोस्त से मिले. ऑस्ट्रेलिया का रहने वाला ये शख्स पेशे से एक्टर था. दोनों दोस्तों ने मिलकर शराब पीने का प्लान बनाया. जो काम रे स्टीवनसन को मुश्किल लग रहा था, वो उनके लिए शराब ने आसान कर दिया. शराब के नशे में धुत होकर मन में क्या-कुछ चल रहा था, सब बाहर निकाल दिया. कि भैया एक्टर बनना है. दोस्त ने सुझाया कि एक्टिंग क्लास जॉइन कर लो.
रे ने अपनी जॉब के साथ-साथ एक्टिंग क्लास जॉइन कर ली. ये सिलसिला करीब एक साल तक चला. इस पर फुल स्टॉप लगाकर उन्होंने फुल टाइम ड्रामा स्कूल जॉइन कर लिया. शोबिज़ में ‘एक्टिंग इज़ अ यंग प्रोफेशन’ को सिरे से खारिज कर उन्होंने 27 साल की उम्र में ड्रामा स्कूल जॉइन किया था. 1998 में आई ‘द थ्योरी ऑफ फ्लाइट’ से उन्होंने अपना फिल्मी करियर शुरू किया, लेकिन वो यादगार रोल नहीं था. उसके लिए उन्हें लंबा इंतज़ार करना पड़ा, क्योंकि अगले 10 साल तक वो सपोर्टिंग कैरेक्टर्स ही निभाते रहे. 2008 में आई ‘आउटपोस्ट’ बतौर लीड एक्टर उनकी पहली फिल्म थी, पर बड़ी वाली पिच्चर नहीं. उसी साल उन्हें मार्वल कैरेक्टर पनिशर पर बनी ‘पनिशर: वॉर ज़ोन’ में टाइटल कैरेक्टर निभाने के लिए साइन किया गया.
फिल्म के लिए रे ने कोई कसर नहीं छोड़ी. सुबह 05:45 बजे उनकी ट्रेनिंग शुरू हो जाती. पहले कुछ घंटे हथियार चलाना सिखाया जाता, फिर मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग होती. फिल्म पर एक्शन सीक्वेंस सुपरवाइज़र रहे पैट जॉनसन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि एक्शन फिल्म करने वाले एक्टर को एक फाइटर से बेहतर हालत में होना चाहिए. बस इसी फिलॉसफी पर रे स्टीवनसन की ट्रेनिंग होती. फिल्म बनकर रिलीज़ हुई और बुरे रिव्यूज़ के साथ खुली. बॉक्स ऑफिस पर भी निराशा हाथ लगी. फिल्म को सबसे बुरी सुपरहीरो फिल्मों में से एक कहा गया. लेकिन ये भी सच है कि रे के पनिशर को फैन्स सबसे कॉमिक ऐक्युरेट पनिशर मानते हैं.
पनिशर के बाद उन्हें एक बार और मार्वल यूनिवर्स का हिस्सा बनने का मौका मिला, पर लीड रोल में नहीं. उन्होंने ‘थोर’ की फिल्मों में वॉलस्टैग नाम का कैरेक्टर प्ले किया. रे को जिस कामयाबी की उम्मीद थी, वो उन्हें फिल्मों से नहीं मिली. इसलिए वो लगातार टीवी शोज़ पर भी काम कर रहे थे. 2005 से 2007 तक चला ‘रोम’ उनके सिनेमा करियर का सबसे हाईलाइटिंग काम है. ये शो उन्हें अमेरिकन ऑडियंस तक ले गया. अब 2022 में आई ‘RRR’ उन्हें इंडियन ऑडियंस तक ले आई. फिल्म में उनके किरदार ने जैसा इंप्रेशन छोड़ा, उम्मीद है कि वो और भी प्रोजेक्ट्स में दिखाई दे सकते हैं.