राम गोपाल वर्मा ने बताया, कैसे 2000 रुपए की फिल्म से 70 लाख बना डाले
राम गोपाल वर्मा के लिए कहा जाता है कि वो बदल गए हैं. उनके सिनेमा में अब सिर्फ कामुकता दिखती है. रामू ने खुलकर इसके पीछे की वजह बताई है.
Ram Gopal Varma ‘शिवा’, ‘सत्या’, ‘कौन’, ‘कंपनी’ और ‘सरकार’ जैसी मज़बूत फिल्में बनाईं. लेकिन फिर बीते कुछ सालों से उनका सिनेमा पूरी तरह बदल गया. रामू ने एक हालिया इंटरव्यू में ऐसे ही सवालों पर बात की. उन्होंने कहा कि वो हमेशा से ऐसे ही रहे हैं, बस दुनिया अब देख रही है. रामू ने अपनी एक ऐसी फिल्म के बारे में भी बताया जिसका नाम कोई नहीं जानता. उन्होंने 2000 रुपए की लागत में उस फिल्म से 70 लाख रुपए कमा लिए. Galatta Plus को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अपनी फिलॉसफी को लेकर कहा,
आपको लगता है कि आप सही हैं और सामने वाला गलत. लेकिन आपको कैसे पता. आपको बस किसी ने बता दिया. मुझे एक पॉइंट पर एहसास हो गया कि अगर आप अपने परिवार, भगवान और सामाजिक मंज़ूरी जैसी चीज़ों का त्याग कर दें तो आपसे ज़्यादा उन्मुक्त इंसान कोई दूसरा नहीं होगा. आप बिना कोई शर्मिंदगी महसूस किए कुछ भी कर सकते हैं. मैं इसी में भरोसा रखता हूं.
इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि आप दुनिया को ऐसे रहने के लिए क्यों कहते हैं. उस पर रामू ने कहा कि उन्हें दूसरों को उकसाने में मज़ा आता है. उन्हें लोगों को परेशान करना पसंद है. फिर चाहे वो उनका मज़ाक उड़ाएं या फिर उन्हें छिछला कहें. रामू के लिए लिखा जाता है एक समय पर उस आदमी ने ‘सत्या’, ‘रंगीला’ और ‘कंपनी’ जैसी फिल्में बनाईं, फिर वो एकदम अलग तरह की फिल्में बनाने लगें. उन्होंने ऐडल्ट फिल्म स्टार मिया मालकोवा को लेकर ‘गॉड, सेक्स एंड ट्रूथ’ नाम की फिल्म बनाई थी. उसकी तुलना सॉफ्ट पॉर्न से हुई. क्या इस तरह की बातें रामू पर असर डालती हैं. इस सवाल पर उनका कहना था,
मुझे नहीं लगता कि ये जुड़ी हुई हैं. महिलाओं को लेकर मेरी हमेशा से यही सोच रही है. मैं हमेशा से ऐसा रहा हूं, बस अब मेरे पास संसाधन आ गए हैं. पहले मैं सेंसर या सिनेमाघर वाले ऑप्शन की वजह से 50 मिनट की फिल्म नहीं बना सकता था. ट्विटर और सोशल मीडिया की वजह से लोगों को लगता है कि मैं ऐसा बन गया हूं. लेकिन मैं हमेशा से ऐसा रहा हूं. उन्हें लगता है कि ये आदमी ऐसी फिल्में क्यों बना रहा है. लेकिन बात ये है कि मैं ऐसा ही हूं.
रामू ने आगे अपनी एक फिल्म के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इस फिल्म के बारे में कोई जानता. उन्होंने कोरोनाकाल में अपने मोबाईल फोन पर ये फिल्म शूट की. उसे एक पे-पर-व्यू थिएटर पर रिलीज़ किया. यानी वो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जहां लोग आपकी फिल्म को देखने के लिए पैसे देते हैं. रामू बताते हैं कि उन्हें ये फिल्म बनाने में 2000 रुपए खर्च करने पड़े और बदले में 70 लाख कमा लिए. उन्होंने कहा कि इसी वजह से वो इतने सालों से टिके हुए हैं.
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