The Lallantop
Advertisement

"चार्ली चैपलिन की एक फिल्म ने मेरे सारे डर निकाल दिए थे" - राजपाल यादव

राजपाल ने बताया कि उन्होंने चैपलिन और सचिन तेंदुलकर से क्या सीखा.

Advertisement
rajpal yadav interview charlie chaplin movie great dictator
चार्ली चैपलिन की फिल्म 'द ग्रेट डिक्टेटर' हिटलर पर तीखा कटाक्ष कसती है.
font-size
Small
Medium
Large
23 जून 2023 (Updated: 25 जून 2023, 14:22 IST)
Updated: 25 जून 2023 14:22 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

Charlie Chaplin. महान कलाकार. फिल्म स्कूल्स में उनका सिनेमा पढ़ाया जाता है. उनकी फिल्मोग्राफी ऐसी फिल्मों से सजी है कि किसका नाम लें और किसे छोड़ें. उन्हीं में से एक नाम है The Great Dictator का. उस फिल्म ने बहुत लड़के-लड़कियों को सिनेमा की तरफ खींचा. उन्हें दुनिया के शोरगुल से दूर अपनी आवाज़ तक लेकर गई. सिनेमाजीवियों को तो इस फिल्म ने समृद्ध किया है, लेकिन इस अमेरिकन फिल्म को कई हज़ार किलोमीटर दूर इंडिया में एक लड़के ने भी देखा. कद था उसका पांच फीट तीन इंच. लखनऊ के भारतेंदु अकैडमी ऑफ ड्रामैटिक आर्ट्स से एक्टिंग सीख रहा था. अंग्रेज़ी की धार तेज़ नहीं थी. श को स बोलने वाली हिंदी थी. आसपास के लोग बोलते कि एक्टर तो बाद में बनेगा, पहले बोलना तो सीख ले. इस लड़के को फिर चैपलिन मिला. ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ ने उसकी ज़िंदगी बदल दी. उसे अपने सारे डरों से मुक्ति दिला दी. उस लड़के के राजपाल यादव बनने की शुरुआत हो चुकी थी. 

हाल ही में राजपाल यादव ‘द लल्लनटॉप’ के शो Guest in The Newsroom में बतौर गेस्ट आए थे. वहां उन्होंने चैपलिन की फिल्म पर बात की. कहा,

फिल्म एप्रीसीएशन कोर्स में मुझे चैपलिन को देखने का मौका मिला. वहां पर हमने उस एक्टर को बोलते हुए सुना. उससे पहले सिर्फ उनकी मूक फिल्में देखी थीं. लेकिन ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ में वो इतना बोले कि उनको 100 फिल्मों में बोलने की ज़रूरत नहीं पड़ी. मेरे सारे सवालों का जवाब उन्होंने दे दिया था. उस फिल्म ने मेरे सारे कॉम्प्लेक्स तोड़ दिए. मेरे सारे डर निकाल दिए. एक आदमी की आंखें इतना बोल सकती हैं कि उसके आगे तीन हज़ार आंखें छोटी पड़ जाएं. 

राजपाल बताते हैं कि उन्हें अपनी हाइट को लेकर, अपनी भाषा को लेकर कॉम्प्लेक्स था, लेकिन चैपलिन को देखकर सब दूर हो गया. वो अपनी बातचीत में सचिन तेंडुलकर को भी लाए. कहा कि सचिन के सामने छह फीट के मैकग्रा होते थे. उनकी बॉल चेहरे पर आती. लेकिन सचिन घबराते नहीं. न ही बोलर को डराने की कोशिश करते. वो बस अपनी टाइमिंग का इस्तेमाल करते. उसी टाइमिंग की बदौलत वो 100 शतकों तक पहुंचे. राजपाल कहते हैं कि चैपलिन और सचिन उनकी लाइफ के प्रैक्टिकल टीचर रहे हैं. राजपाल यादव का Guest in The Newsroom वाला एपिसोड आप नीचे देख सकते हैं:

वीडियो: गेस्ट इन दी न्यूजरूम: राजपाल यादव ने राजनीतिक पार्टी क्यों बनाई? ढोल-2 फिल्म, शाहरुख-सलमान के साथ काम करने पर ये बताया

thumbnail

Advertisement

Advertisement