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"काला नहीं चलेगा"- रोते रोते बोले मिथुन

Mithun Chakraborty, Dada Saheb Phalke Award लेते वक्त हुए भावुक, फिल्म इंडस्ट्री की सच्चाई बता डाली.

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mithun chakraborty
मिथुन चक्रवर्ती ने भावुक होकर बताया कि उन्हें रंगभेद का सामना करना पड़ा था.
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मेघना
9 अक्तूबर 2024 (Updated: 9 अक्तूबर 2024, 11:58 IST)
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अपने समय के मशहूर अभिनेता  Mithun Chakraborty को Dadasaheb Phalke Award दिया गया. 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी में मिथुन को ये सम्मान मिला. सिनेमा में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति Droupadi Murmu ने उन्हें सम्मानित किया. अवॉर्ड लेने के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने जो स्पीच दी वो वायरल हो गई. मिथुन अपने पुराने दिनों को याद कर रोन लगे.

मिथुन चक्रवर्ती ने अवॉर्ड मिलने के बाद कहा,

''अवॉर्ड मिलने के बाद स्पीच देना मेरे लिए सबसे कठिन है. अगर मुझे कुछ डायलॉग्स दिए जाते तो वो मैं शायद आप सबके सामने पढ़ देता. मगर इस वक्त ऐसा कुछ भी नहीं है. मैं इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हूं. मेरे पास कोई पेपर-पेन नहीं है. मुझे नहीं पता क्या कहना है. सम्माननीय राष्ट्रपति और यहां उपस्थित सभी लोगों से मैं बस ये कहना चाहता हूं कि मैं इस मंच पर इससे पहले तीन बार आ चुका हूं. ये सब आप लोगों की दुआ से हुआ है.''

मिथुन को Mrigayaa के लिए उनका पहला नेशनल अवॉर्ड मिला था. उन्होंने बताया कि उस अवॉर्ड को लेने के बाद उनके साथ क्या हुआ. मिथुन ने कहा,

''पहला नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद लोगों ने मुझसे कहना शुरू कर दिया था, 'आपको नेशनल अवॉर्ड मिला है, आपने कितना अच्छा काम किया है'. तो मेरा दिमाग थोड़ा खराब होने लगा. थोड़ा-थोड़ा. मुझे ऐसा लगने लगा था जैसे मैंने सच में बहुत कुछ बड़ा कर दिया हो. ख़ैर, उस वक्त मैं मुंबई गया हुआ था. 'मृग्या' की स्क्रीनिंग के लिए. उस वक्त इस पिक्चर की स्क्रीनिंग फिल्ममेकर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए रखी गई थी.''

मिथुन ने आगे बताया,

''मैंने अपने आप से ही सोच लिया था कि लोगों को ये फिल्म बहुत पसंद आएगी और वो मुझे अपनी अगली फिल्म में ले लेंगे. पिक्चर देखने के बाद, मैं उनका नाम नहीं लूंगा वो अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनके साथ मैं हॉल के बाहर आया. मैंने उनसे पूछा, सर पिक्चर कैसी लगी? उन्होंने मुझसे कहा, 'मुझे फिल्म अच्छी लगी, तुम भी अच्छे एक्टर हो लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि तुम कपड़ों में कैसे दिखोगे?' मैं बिल्कुल सन्न रह गया. मैं उनके सामने बिना कपड़ों के नहीं खड़ा था. बाद में मुझे एहसास हुआ कि वो ऐसा इसलिए कह रहे थे क्योंकि फिल्म में मैं आदिवासी बना हुआ था और पूरी पिक्चर में मैंने शरीर के ऊपरी हिस्से में कुछ नहीं पहना था.''

मिथुन ने कहा कि पहली फिल्म के बाद वो खुद को Al Pacino समझने लगे थे. मिथुन ने कहा,

''नेशनल अवॉर्ड मिलने के बाद मेरा दिमाग वैसे ही खराब हो गया था. मुझे लगने लगा था कि मैं अल पचीनो हो गया हूं. मुझे लगता था मैंने कुछ कमाल कर दिया है. मेरे स्वभाव में भी वो झलकने लगा था. प्रोड्यूसर्स से भी इसी एटीट्यूड के साथ मिलता था. वो ये सोचते थे कि मुझे क्या हो गया है. उन्हें नहीं पता था कि मैं अल पचीनो की तरह बिहेव कर रहा था. कुछ समय बाद मैंने उनसे कहा कि वो मेरे घर पर ही फिल्म स्टोरी भेज दें. इसी के बाद मुझे एक प्रोड्यूसर ने लात मार कर भगा दिया. अपनी फिल्म से भी निकाल दिया. फिर मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ.''

अपनी इसी स्पीच में मिथुन ने बताया कि उन्हें रंगभेद का भी सामना करना पड़ा. इमोशनल होते हुए मिथुन ने बोले,

''लोग मुझे कहा करते थे कि फिल्म इंडस्ट्री में काला रंग नहीं चलेगा, तो तुम यहां क्या कर रहे हो? जब मैं सड़क पर चलता था तो लोग मुझे, ऐ कालिया कहते थे. आप समझ सकते हैं कि ये मेरे लिए कितना अपमानजनक था. तब मैंने सोचना शुरू किया कि मैं इसमें क्या कर सकता हूं? मैं भगवान से पूछा करता था कि वो मेरा रंग क्यों नहीं बदल देते. मगर भगवान ने मेरी नहीं सुनी. तो मैंने खुद में बदलाव शुरू किया. मैंने डांस करना शुरू किया. हर तरीके का डांस किया. अपने पैरों से अलग-अलग तरह के स्टेप्स किए. ताकि लोग मेरे पैर देखें, मेरा रंग नहीं.''

मिथुन ने आगे कहा,

''मेरी सारी फिल्में देखिए. सभी फिल्मों में मैं अपने पैरों से नाच रहा हूं. मैं रुका नहीं. लोग मेरे रंग को भूल गए. उन्होंने मुझे बंगाली बाबू कहना शुरू कर दिया. मैं भगवान से शिकायत करता रहता था. क्योंकि मुझे सजी-सजाई चीज़ नहीं मिली थी. मुझे हर चीज़ के लिए संघर्ष करना पड़ा था. मैं भगवान से कहता था कि मुझे नाम, काम, सफलता सब दी मगर हर समय संघर्ष क्यों दिया. मैं बहुत शिकायत करता था. लेकिन जब मुझे लगता था कि शायद ये ऐसे ही होना था. आज इस अवॉर्ड को लेने के बाद मुझे भगवान से कोई शिकायत नहीं.''

मिथुन की दी हुई इस स्पीच की खूब चर्चा है. मिथुन चक्रवर्ती के करियर की बात करें तो उन्होंने करीब-करीब 350 फिल्मों में काम किया है. जिसमें हिंदी समेत बंगला और कई अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों के नाम शामिल हैं. मिथुन को उनकी Disco Dancer, Mrigaya, Surakshaa, Tarana, Agneepath जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है. फिल्मों से इतर मिथुन टीवी इंडस्ट्री में भी पॉपुलर हैं. कई सारे डांस शो में वो बतौर जज जाते हैं. 

वीडियो: स्ट्रगल के दिनों में मिथुन को गर्लफ्रेंड ने छोड़ दिया था, फिर जब मिले तो क्या हुआ?

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