जब बीच प्ले में लाइट चली गई और लोगों ने मनोज बाजपेयी से मोमबत्ती जलाकर परफॉर्म करवाया
मनोज बाजपेयी का एक ऐसा रोल, जिसे वो अपना सबसे सफल किरदार मानते हैं.
मनोज बाजपेयी की 23 मई को फिल्म आ रही है, 'सिर्फ एक बंदा काफ़ी है'. आजकल वो इसी के प्रमोशन में व्यस्त हैं. इसी सिलसिले में मनोज का हमारे खास प्रोग्राम गेस्ट इन द न्यूज़रूम में आगमन हुआ. इसमें उन्होंने अपनी फिल्मों और थिएटर के दिनों से जुड़े तमाम किस्से सुनाए. इसी में से एक आपके सामने पेश है.
1990 के आसपास की बात है. मनोज बाजपेयी फ्रांस से बैरी जॉन का एक प्ले करके वापस लौटे थे. थिएटर का जाना-माना नाम एनके शर्मा, उन्होंने मनोज को प्ले का ऑफर दिया. ये वही एनके शर्मा हैं, जिनके साथ मिलकर मनोज बाजपेयी ने ऐक्ट वन शुरू किया था. इसमें आगे चलकर पीयूष मिश्रा, सूजीत सरकार, इम्तियाज़ अली, गजराज राव, आशीष विद्यार्थी ने काम किया. खैर, वापस लौटते हैं. एनके शर्मा ने एक कहानी निकाली 'मर्सिया'. ये दो औरतों की कहानी थी. पर मध्यांतर के बाद के लिए वो एक और कहानी खोज रहे थे. मनोज के एक दोस्त थे निखिल वर्मा, उन्होंने रतन वर्मा की 'नेटुआ' नाम की कहानी हंस पत्रिका में पढ़ी थी. इस पर एक नाटक बना. इसके राइटिंग प्रॉसेस से मनोज भी जुड़े रहे. प्ले तैयार हुआ. इसे ‘मर्सिया’ के बाद दिखाया जाने लगा. पहले दो तीन शो के बाद मर्सिया के दर्शक कम हो गए, लोग 'नेटुआ' देखने आने लगे. तब मनोज और एनके ने इस प्ले की लेंथ को बढ़ाया और दो घंटे का सिंगल प्ले बना दिया.
इसे मनोज अपने करियर का सबसे सक्सेसफुल रोल मानते हैं. वो कहते हैं:
ये बहुत सफल नाटक और बहुत सफल किरदार रहा. इससे ज़्यादा सफल किरदार मैंने आजतक नहीं निभाया. मैं इसके लिए 18 घंटे रिहर्सल करता था. 'नेटुआ' के लिए कत्थक सीखा. मैं घुंघरू बांधकर नाचता था. इतनी रिहर्सल करता था कि घुंघरू बांधने वाली जगह पर ब्लीडिंग होने लगी थी. फिर बैंडेज के ऊपर घुंघरू बांधने लगा. नाचने का इतना आदी हो गया था कि नाल बजाने वाला, सागर ताल बदलकर मुझे चुनौती देता था कि अब नाचकर दिखाओ और मैं उस पर भी नाचता था.
एक बार श्रीराम सेंटर में प्ले हो रहा था. मनोज बाजपेयी 'नेटुआ' बनकर नाच रहे थे. लाइट चली गई. लोगों ने उनका नाच रुकने नहीं दिया. कहा कि नाचते रहो, हम लाइट की व्यवस्था करते हैं. लोग न जाने कहां से मोमबत्ती ले आए. सब के हाथ में मोमबत्ती जल रही है और मनोज बाजपेयी स्टेज पर नाच रहे हैं.
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