फ़िल्म सत्ते पे सत्ता, अमिताभ बच्चन की क्लासिक फ़िल्मों में से एक है. ये फ़िल्मसाल 1982 में रिलीज़ हुई थी. ये सात भाइयों की कहानी है, जो एक साथ एक ही छत केनीचे रहते हैं. ये उस साल की सबसे हिट फ़िल्मों में शुमार थी. इस फ़िल्म में ऐसे कईजाने-पहचाने चेहरे थे, जिन्होंने अमिताभ बच्चन के किरदार के भाइयों का रोल किया था.इन भाइयों में से एक थे सचिन, जिन्हें आपने फ़िल्म 'नदिया के पार' में देखा होगा,इस फ़िल्म में सचिन का लीड रोल था. शक्ति कपूर ने भी इसमें एक भाई का किरदार निभायाथा. जिस शख्स की बात हम करेंगे यानी कंवलजीत सिंह, वो भी इस फ़िल्म में सात भाइयोंमें से एक थे. इनका जन्मदिन 19 सितंबर को आता है. ये 66 साल के हो गए हैं.कंवलजीत सिंह सहारनपुर, उत्तर प्रदेश की एक सिख फैमिली से आते हैं. ग्रेजुएशन पूरीकरने के बाद इन्होंने पुणे का फ़िल्म्स एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया(FTII) जॉइन किया. इसके बाद फ़िल्मों में अपना हाथ आज़माया. इनकी पहली दो फ़िल्में'हम रहे न हम' और 'शक़' फ़्लॉप रहीं, जिसके बाद इन्होंने टीवी में एक्टिंग करनाशुरू किया. 90 के दशक में इनके कई सीरियल्स आए. उनमें से जो पांच सबसे फ़ेमससीरियल्स थे, उनकी लिस्ट यहां मौजूद है:1. बुनियाद (1986)कंवलजीत सिंह ने बुनियाद में एक 'नाजायज़' बेटे का रोल निभाया था.कंवलजीत ने अपने टीवी एक्टिंग करियर की शरुआत बुनियाद सीरियल से की थी. बैक-टू-बैकदो फ़्लॉप फ़िल्में करने के बाद इनका फ़िल्मी करियर डूबता नज़र आने लगा था. तभीइन्हें डायरेक्टर रमेश सिप्पी के 'बुनियाद' सीरियल में सत्यवीर का रोल ऑफ़र हुआ. येएक ड्रामा सीरीज़ थी जो 1947 में भारत-पाक विभाजन और उसके बाद के हालतों पर आधारितथी.इस सीरियल में कंवलजीत के साथ-साथ एक्टर आलोकनाथ का भी टीवी जगत में डेब्यू हुआ था.वही आलोकनाथ जो अक्सर फ़िल्मों और सीरियल्स में पिता का रोल निभाते दिखते हैं.बुनियाद में भी वो कंवलजीत के पिता के रूप में नज़र आए थे. इस सीरियल में कंवलजीतआलोकनाथ के 'नाजायज़' बेटे थे. ये सीरियल काफ़ी लोकप्रिय हुआ. बुनियाद में किरदारकाफ़ी दमदार और रियल नज़र आते थे, शायद यही इसके हिट होने का कारण भी था. लोग खुदको इन किरदारों से काफ़ी जुड़ा महसूस करते थे.2. फ़रमान (1994)फ़रमान में कंवलजीत का किरदार एक युवा, मॉडर्न ख्यालों वाले हैदराबादी नवाब का था.इस सीरियल के महज़ 14 एपिसोड ही आए थे. शुरुआत में कंवलजीत का किरदार ज़रा निगेटिवनज़र आता है. फिर उसकी ज़िंदगी में एक लड़की आती है. इस लड़की को कंवलजीत की मांअपना असिस्टेंट रखती है. लड़की को पहली बार किसी ऑफ़िस में असिस्टेंट का काम मिलाहोता है. ये कहानी कंवलजीत और इस लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है. तमाम परेशानियों केबीच दोनों एक दूसरे के करीब आते हैं और उन्हें प्यार हो जाता है.ये सीरियल 'आलमपनाह' नाम के उर्दू नॉवेल पर बेस्ड था. इस नॉवेल की लेखिका थींरफ़िया अामीन. कंवलजीत ने इस सीरियल में अज़र नवाब का किरदार निभाया था. एक्टरदीपिका देशपांडे- अमीन इसमें लीड रोल में थीं. उनके किरदार का नाम एमन बीबी था.फ़रमान एक ऐसी यंग लड़की की कहानी है, जो एक छोटे शहर से बड़े शहर काम करने आती है.वो अपनी निजी और प्रफ़ेशनल ज़िंदगी में तालमेल बिठाने की जद्दोजहद करती नज़र आतीहै.दीपिका देशपांडे3. सांस (1998-1999)नीना गुप्ता ने न सिर्फ़ इस सीरियल में एक्टिंग की थी बल्कि खुद इसे लिखा औरडायरेक्ट भी किया था. इंडियन टेलीविज़न पर ऐसा पहली बार हुआ था कि कोई महिला किसीसीरियल में एक्टिंग के साथ-साथ उसे डायरेक्ट भी कर रही थी और उसने उसकी कहानी खुदलिखी भी थी. सांस में नीना के किरदार का नाम प्रिया था. प्रिया के पति गौतम काकिरदार कंवलजीत ने निभाया था. इसमें गौतम मनीषा नाम की लड़की के लिए अपनी पत्नीप्रिया को छोड़ देता है. इस पूरे सीरियल का फ़ोकस प्रिया, गौतम और मनीषा के लवट्राएंगल पर था.सांस सीरियल स्टार प्लस पर प्रसारित हुआ थाकंवलजीत सिंह ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि चैनल ने लगभग एक साल तक इससीरियल को अप्रूव नहीं किया था. उन्हें सांस का प्लॉट दर्शकों के लिए कुछ बोल्डलगता था. कंवलजीत ने इससे पहले सारे पॉज़िटिव किरदार निभाए थे. उनके लिए ये किरदारकरना काफ़ी चैलेंजिंग रहा था, जिसमें वो एक ऐसे पति बने थे जो अपनी पत्नी को छोड़'दूसरी औरत' के पास चला जाता है. 1998 के कलाकार अवॉर्ड्स में कंवलजीत को इस सीरियलके लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था. नीना गुप्ता को भी इस अवॉर्ड फ़ंक्शन मेंबेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला था.एक बार कंवलजीत दिल्ली की किसी पार्टी में गए थे. इस पार्टी की खास बात ये थी कियहां पुरुषों को अपनी बीवियों के साथ नहीं बल्कि गर्लफ्रेंड्स के साथ इनवाइट कियागया था. लोग अक्सर कंवलजीत को रोककर पूछा करते थे कि वो कैसे अपनी बीवी औरएक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को हैंडल करें.4. फैमिली नंबर 1 (1998-1999)फैमिली नंबर 1 सीरियल के मुख्य किरदारएक हीरो का और एक निगेटिव किरदार करने के बाद कंवलजीत ने फैमिली नंबर 1 सीरियल मेंकॉमिक रोल निभाया. इस सीरियल में तन्वी आज़मी भी थीं. जिन्हें आपने फ़िल्म बाजीरावमस्तानी में देखा होगा. इस फ़िल्म में तन्वी बाजीराव की मां बनी थीं. फैमिली नंबर 1दो सिंगल पेरेंट्स की कहानी थी, जिसमें हर एक के तीन-तीन बच्चे थे. इस सीरियल काप्लॉट साल 1978 में आई अशोक कुमार की फ़िल्म खट्टा-मीठा से मिलता-जुलता था.दो परिवार एक ही घर शेयर करने के लिए मजबूर हैं. एक परिवार का सदस्य दूसरे परिवारके सदस्य से लड़ाई करता रहता है और एक दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहींछोड़ता. आखिरकार दोनों पेरेंट्स को एक दूसरे से प्यार हो जाता है और वो अपने बच्चोंको मिलाने की कोशिश में जुट जाते हैं. ये सीरियल अमेरिका की कॉमेडी सीरीज़ 'दब्रांडी बंच' से इंस्पायर्ड था.5. अभिमान (1999)कंवलजीत सिंह अभिमान सीरियल में एक भ्रष्ट पॉलिटिशियन बने थे.1999 में कंवलजीत सिंह ने सांस सीरियल की तरह ही एक और सीरियल में डार्क कैरेक्टरप्ले किया. ये सीरियल था अभिमान. इसमें कंवलजीत एक भ्रष्ट पॉलिटिशियन बने थे. पहलेही एपिसोड से नज़र आ गया था कि इसमें कंवलजीत का निगेटिव रोल होगा क्योंकि पहलेएपिसोड में ही कंवलजीत का किरदार ऑपोज़िशन लीडर का खून कर देता है.--------------------------------------------------------------------------------ये स्टोरी टीना ने अंग्रेज़ी में लिखी है, इसका हिंदी अनुवाद रुचिका ने किया है.--------------------------------------------------------------------------------थिएटर से जुड़ा लल्लनटॉप वीडियो देखें:ये भी पढ़ें:शबाना आज़मी: जिससे नाराज़ नहीं ज़िंदगी, हैरान है!जन्मदिन पर मैं अपने पीएम को अपनी जान का तोहफा देना चाहता हूंफ्रंटल न्यूडिटी देने वाली वो बहादुर भारतीय अभिनेत्री'पप्पी नाम है हमारा, लिख के बताएं कि दे के?' एक पात्र और ठहाके बेशुमार..गुलज़ार पर लिखना डायरी लिखने जैसा है, दुनिया का सबसे ईमानदार काम