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जब जावेद अख्तर को फोन आया- "आप राज्यसभा जा रहे हैं", लखनऊ में मुर्दाबाद के नारे क्यों लग रहे थे?

'इस पर किसी को विश्वास होगा कि एक कान में मुर्दाबाद के नारे और दूसरे काम में राज्यसभा की खबर.'

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Javed Akhtar Rajysabha kissa guest in the newsroom
सांकेतिक फोटो (साभार- सोशल मीडिया)
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उदय भटनागर
21 जनवरी 2023 (Updated: 21 जनवरी 2023, 12:52 IST)
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"फोन बजा और आवाज आई जावेद अख्तर मुर्दाबाद"

वाकया है सन, 2010 का. जावेद अख्तर अपने घर पर कमरे में बैठे हैं, एक तरफ मोबाइल फोन रखा है और दूसरी तरफ लैंडलाइन. एक कॉल आता है. जावेद लैंडलाइन उठाते हैं तो दूसरी तरफ कोई अनजान शख्स कहता है कि सुनो तुम्हारे बारे में लखनऊ में क्या हो रहा है. इसके बाद बस 'जावेद अख्तर मुर्दाबाद' के नारे सुनाई देते हैं. बात तब की है जब जावेद अख्तर को कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए नामित किया गया था.

अपनी जिंदगी पर लिखी किताब 'जादूनामा' के बारे में बात करने के लिए जावेद अख्तर दी लल्लनटॉप के स्पेशल शो गेस्ट इन द न्यूजरूम में आए. यहीं उन्होंने राज्यसभा के लिए नामित होने और दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शन से जुड़ा किस्सा सुनाया. जावेद अख्तर ने बताया, 

"हुआ ये कि किसी टीवी चैनल पर हिज़ाब और परदे को लेकर शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद से मेरी बहस हो गई. अब मुझे इतना मालूम नहीं है, तो मैंने उनसे सीधा सवाल किया कि शिया देश ईरान में सिर पर हिजाब होता है लेकिन चेहरा फिर भी खुला होता है. तो ये जो आप इस्लाम में नकाब की बात करते हैं, ईरान में तो ऐसा नहीं है. 

इसका जवाब देते हुए कल्बे जव्वाद बोले कि एक इमाम खुमैनी कहते थे पर्दा नहीं होना चाहिए और ईमाम खामुनी कहते थे कि पर्दा होना चाहिए. अब मैंने फिर उनसे कहा कि मैं तो जाहिल आदमी हूं, आप ही बता दो कि दोनों में से कौन सही है. बस अब इसका जवाब था नहीं तो कल्बे जव्वाद गुस्सा गए."

जावेद अख्तर बताते हैं कि इस डिबेट के तीन-चार दिन बाद उनके पास एक फोन आया. फोन पर अनजान शख्स बोला कि सुनिए लखनऊ में आपके लिए क्या हो रहा है. फिर फोन पर 'जावेद अख्तर मुर्दाबाद' के नारे सुनाई देने लगे. असल में वे लोग जुम्मे (शुक्रवार) की नमाज़ के बाद मेरा पुतला जला रहे थे. इसी समय जावेद के मोबाइल पर राज्यसभा नॉमिनेशन को लेकर कॉल आया. जावेद बताते हैं,  

"जब लैंडलाइन पर मुझे नारे सुनाई दे रहे थे तभी मोबाइल फोन भी बजा. ऊधर वाले शख्स ने बोला कि आप राज्यसभा के लिए चुने गए हैं."

जावेद अख्तर कहते हैं कि बताइए इस पर किसी को विश्वास होगा कि एक कान में मुर्दाबाद के नारे और दूसरे काम में राज्यसभा की खबर.

वीडियो: गेस्ट इन द न्यूज़रूम: जावेद अख़्तर 'जादूनामा' और 'शोले' पर क्या बोले, असली सूरमा भोपाली पर मजेदार किस्सा सुनाया Part-2

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