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बॉबी देओल की 'गुप्त' के किस्से: जिस गाने के लिए वो ट्रोल हुए, उसकी शूटिंग के वक्त बॉबी का पैर टूटा हुआ था

'गुप्त' से जुड़े मज़ेदार किस्से सार्वजनिक कर दिए हैं. पढ़ लो.

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Bobby Deol
बॉबी देओल की मशहूर फिल्म 'गुप्त' का पोस्टर
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4 जुलाई 2022 (Updated: 4 जुलाई 2022, 18:58 IST)
Updated: 4 जुलाई 2022 18:58 IST
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बॉक्स ऑफिस के लिहाज़ से साल 1996 फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए सही नहीं गया था. कई बड़ी फ़िल्में कब आईं और कब 'ख़ामोशी' से निकल गईं, किसी को पता नहीं चला. तो अब सन 97 से इंडस्ट्री को और फ़िल्मखोरों को बड़ी उम्मीदें थीं. लेकिन 1997 की शुरुआत ऐसी हुई कि फ़िल्म निर्माताओं को जनवरी में ही पसीने आ गए. सरकार ने एंटरटेनमेंट टैक्स बढ़ा दिया था. जिसके विरोध में देशभर के सिनेमाघर मालिक स्ट्राइक पर चले गए थे. थिएटरों पर ताला डल गया. खैर, महीने भर में मामला ठंडा हुआ और फ़रवरी में थिएटर फ़िर खुले. और ऐसे खुले कि पिछले साल की भी कसर पूरी हो गई. ये साल बॉलीवुड के लिए बहुत अच्छा रहा. 'बॉर्डर', 'दिल तो पागल है', ‘जुड़वा’, 'इश्क', 'हीरो नंबर 1' जैसी कई शानदार फ़िल्में इस साल रिलीज़ हुईं.

इन्हीं शानदार फ़िल्मों में एक फ़िल्म है 4 जुलाई 1997 को रिलीज़ हुई 'गुप्त'. 'बॉर्डर' छोड़ उस साल लगी रोमांटिक कॉमेडी फिल्मों की लहर में ये एक सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्म थी. पिक्चर में हीरो थे बॉबी देओल. हिरोइन्स थीं काजोल और मनीषा कोइराला. फ़िल्म के डायरेक्टर थे राजीव राय. 'गुप्त' का म्यूजिक फ़िल्म की रिलीज़ डेट आने तक ऑलरेडी तहलका मचा चुका था. मतलब इतना हिट था कि लोगों ने बजा-बजाके कैसिटें घिस डाली थीं. 'गुप्त' के हिट होने के पैमानों का अगर पाई चार्ट बनाएंगे तो सबसे बड़ा खाना विजू शाह के म्यूजिक का ही निकलेगा. 'गुप्त' भारत की पहली डिजिटली रिकार्डेड अल्बम थी. गाने भी कर्रे कर्रे थे. कई लोग तो अपने नए स्पीकर्स का बास 'गुप्त-गुप्त' गाना बजाकर चेक किया करते थे.

आज हम आपके लिए 'गुप्त' से जुड़े सुने-अनसुने-कमसुने किस्से लेकर आए हैं. और हां अगर आप पीके स्टाइल में अभी-अभी इस गोला पे लैंड किए हों, या कैप्टेन अमेरिका की तरह सालों बाद जागे हों और 'गुप्त' नहीं देखी हो, तो आपके लिए नीचे 'गुप्त' का स्पॉइलर है. बिवेयर रहिएगा.

स्पॉइलर अलर्ट

# रवीना गॉन, करिश्मा गॉन

क्रिटिक्स ने 'गुप्त' में हीरो बॉबी देओल की परफॉरमेंस से ज्यादा काजोल और मनीषा कोइराला की अदाकारी की तारीफ़ें की थीं. काजोल ने फ़िल्म में ईशा दीवान का रोल किया था. जो कि अंत में कातिल यानी के विलन निकलती है. और मनीषा कोइराला ने बॉबी से प्रेम करने वालीं शीतल चौधरी का. लेकिन असल में मनीषा पहले फ़िल्म में काजोल वाला रोल यानी विलेन का रोल करने वाली थीं .और शीतल के रोल के लिए राजीव ने रवीना टंडन को साइन किया था.

रवीना टंडन और बॉबी देओल का प्रमोशनल फ़ोटो शूट भी हो गया था. लेकिन बाद में निजी कारणों से रवीना ने ये फ़िल्म छोड़ दी. रवीना के मना करने के बाद राजीव राय उस वक्त टॉप पर चल रहीं करिश्मा कपूर के पास गए. लेकिन करिश्मा ने भी ये ऑफर ठुकरा दिया. राजीव शीतल की तलाश में जुटे ही थे कि मनीषा ने भी उन पर एक बम फोड़ दिया. मनीषा ने कहा कि वो अब विलन का रोल नहीं करना चाहती हैं. हां अगर राजीव चाहें तो वो फ़िल्म में शीतल का रोल कर लेंगी. यहां एक हीरोइन नहीं मिल रही थी, अब ये भी चली जातीं तो और टेंशन. लिहाज़ा राजीव मान गए.

पहले बॉबी देओल के साथ रवीना टंडन को साइन किया गया था.

अब राजीव विलन ईशा दीवान के रोल के लिए एक्ट्रेस ढूँढने लगे. ऑफर लेकर पहुंचे काजोल के पास. जैसे ही राजीव ने काजोल को रोल ऑफर किया उन्होंने तुरंत ही हां कर दी. काजोल लंबे वक़्त से खुद विलन का रोल करना चाहती थीं. उन्होंने जब से शाहरुख को 'डर', 'अंजाम', 'बाज़ीगर' में नेगेटिव रोल करते देखा था, तबसे उनका भी ऐसा नेगेटिव शेड वाला कोई करैक्टर करने का दिल था.

# बॉबी देओल के टूटे पैर की वजह से टल गई फ़िल्म

पहले 'गुप्त' को 1996 में रिलीज़ करने का प्लान था. इस साल जनवरी में शूटिंग भी शुरू हो गई थी. शूटिंग के कुछ दिन बीते ही थे कि बॉबी एक सीन के दौरान बुरी तरह घायल हो गए. उनका पैर टूट गया. हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया उनके चलने-दौड़ने लायक होने में तो, कई महीने लग जाएंगे. 'गुप्त' की शूटिंग पोस्टपोन हो गई.

टीम केरला में रेडी थी. यहां एक गाना शूट होना था. राजीव ने बॉबी से कहा कि अगर वो किसी तरह ये एक गाना अभी शूट कर लें, तो केरला का काम निबट जाएगा. बाकी फ़िल्म आराम से जब वो ठीक हो जाएंगे, तब कर लेंगे. बॉबी दर्द में थे लेकिन मान गए. ये गाना था 'मुश्किल बड़ा ये प्यार है'. जिसमें मनीषा कोइराला और बॉबी नाच रहे थे. लेकिन पूरे गाने को अब आप अगर दुबारा देखेंगे तो पाएंगे कि बॉबी सिर्फ़ एक जगह खड़े होकर डांस कर रहे हैं. जिस वजह से कुछ डांस स्टेप्स बड़े वीयर्ड भी लग रहे हैं. इन्हीं स्टेप्स की वजह से बॉबी आजतक ट्रोल भी होते रहते हैं. लेकिन भाई बॉबी का दोष नहीं है. बंदा दर्द में था.

#सनी देओल ने कहा बॉबी को ले लो

ऐसा नहीं है कि 'गुप्त' में काजोल की ही एंट्री बाद में हुई. बॉबी देओल का नंबर भी कई एक्टर्स से पास होता हुआ ही आया था. राजीव ने 'गुप्त' की स्क्रिप्ट अक्षय कुमार को दिमाग में रखकर लिखी थी. लेकिन अक्षय की डेट्स उपलब्ध नहीं थीं. अक्षय को उपलब्ध ना पाकर राजीव ने सनी देओल के घर को गाड़ी घुमाई. उनके घर में स्क्रिप्ट सुनाने बैठे. सनी आए और चाय पानी के बाद स्क्रिप्ट सुनी. सनी को स्क्रिप्ट तो पसंद आई लेकिन उन्होंने राजीव से कहा इस रोल के लिए उनसे बढ़िया बॉबी रहेगा. इस वक़्त तक बॉबी की सिर्फ एक फ़िल्म आई थी 'बरसात'. नए एक्टर को लेकर फ़िल्म बनाना उस ज़माने में अपने आप में एक ब्रेवरी एक्ट होता था. इसलिए पहले तो राजीव थोड़ा झिझके. लेकिन 'बरसात' चूंकि हिट रही थी तो रिस्क लेते हुए वो बॉबी के साथ फ़िल्म बनाने को राज़ी हो गए.

#एक गाने के शूट में 6 बार बदली पैंट

'दुनिया हसीनों का मेला, मेले में ये दिल अकेला'. ये गाना बॉबी के करियर का ट्रेडमार्क सांग बन गया. आज भी बॉबी किसी इवेंट में शिरकत करते हैं, तो ये गाना ज़रूर बजाया जाता है. ये गाना तो बंपर हिट था ही, बॉबी के लंबे कर्ली बाल और गॉगल्स वाला लुक भी इंडिया का नया फैशन बन गया था. देओल लिगेसी से विपरीत बॉबी ने इस गाने में डांस भी ज़बरदस्त किया था.

लेकिन इस 5 मिनट की शानदार परफॉरमेंस के पीछे घंटों और हफ़्तों की मेहनत थी बाबूजी. बॉबी गाने के लिए इतनी डांस प्रैक्टिस करते थे कि लगता था फैमिली पर लगे कलंक को मिटाने की कसम खा कर आए हों. बॉबी डेली शूट से पहले पांच-पांच घंटे रिहर्सल किया करते थे. उसके बाद गाने के शूट में भी वो इतनी जान डाल देते थे कि 5 मिनट में ही उनके कपड़े पसीने से भींग जाते थे. जिसकी वजह से बार-बार शूटिंग रोकनी पड़ती थी. शूटिंग ठीक से हो जाए इसलिए बाद में उनके लिए 6 जोड़ी कपड़े लाए गए थे.

'दुनिया हसीनो का मेला' गाना बॉबी के करियर का ट्रेडमार्क सांग बन गया.

#हैविली इंस्पायर्ड गुप्त

'गुप्त' को हिंदी सिनेमा की टॉप थ्रिलर मूवीज़ में जगह दी जाती है. जो कि ये फ़िल्म डिज़र्व भी करती है. लेकिन इसका पूरा क्रेडिट राजीव राय डिज़र्व नहीं करते. करते हैं, लेकिन पूरा नहीं. क्यूंकि फ़िल्म में जेल के दिखाए सीन, जिसमें बॉबी जेल से सुरंग के रास्ते भागते हैं, ये पूरा सीन 1994 में रिलीज़ हुई सबसे महान फ़िल्म कही जाने वाली 'शॉशंक रिडेम्पशन' से कॉपी किया गया था.

'शॉशंक रिडेम्पशन' फ़िल्म में सुरंग के रास्ते भागने और बाद में टनल से निकलने के पीछे एक फ़िल्म की थीम से जुड़ा रीज़न था. लेकिन राजीव ने सेम सीन उसी अंदाज़ में कॉपी कर दिया. बिना फ़िल्म का असल मतलब समझे. कॉपीड सीन के अलावा फ़िल्म का बेसिक प्लाट भी सिक्स्टीज़ में आए इंग्लिश नॉवेल 'गुड चिल्ड्रेन डोंट किल' से लिया गया था. इसी नॉवल से प्रेरित 1975 में ऋषि कपूर स्टारर फ़िल्म 'खेल खेल में' भी आई थी.

# दुनिया भर का संगीत उठा के डाल दिया था विजू शाह ने

राजीव राय ने 'गुप्त' के म्यूजिक का प्रमोशन ज़बरदस्त तरीके से किया था. एक टीवी चैनल ने म्यूजिक लांच के पूरे दिन 'गुप्त गुप्त' बजाया था. म्यूजिक डायरेक्टर थे विजू शाह. 'गुप्त' का म्यूजिक विजू शाह के करियर का हाईलाइट रहा, जिसे कई पुरस्कार भी मिले. लेकिन फ़िल्म का पूरा म्यूजिक इन्क्लुडिंग बैकग्राउंड स्कोर दुनिया भर की फिल्मों और अल्बम्स से उठाया गया था. हां लेकिन विजू ने उन धुनों को जो देसी टच दिया था, वो वाकई तारीफ़ के लायक है. 'गुप्त' के मेन गाने कहां से उठाए गए थे. आज आपको बता ही देते हैं.

#गुप्त गुप्त

इस गाने को गाया था कविता कृष्णमूर्ती, हेमा सरदेसाई और चेतन शशितल ने. हालांकि चेतन सिंगर नहीं हैं बल्कि जानेमाने मिमिक्री आर्टिस्ट हैं. डॉनल्ड डक से लेकर अमिताभ बच्चन तक की आवाज़ निकाल लेते हैं. 'गुप्त गुप्त' गाने के शुरुआत में सुनाई पड़ने वाली चीख को प्रभुदेवा स्टारर 1996 रिलीज़ 'लव बर्ड्स' से कॉपी किया गया था. जो कि असल में ए.आर रहमान की क्रिएशन थी. गाने का मुख्य पार्ट 1992 में रिलीज़ हुए 'डीप फ़ॉरेस्ट' गाने से उठाया गया था.

#दुनिया हसीनों का मेला

अब बात फ़िल्म के और बॉबी के सबसे बड़े गाने की. 'दुनिया हसीनों का मेला' को गाया था उदित नारायण ने. इस गाने की शुरुआत में जो धुन सुनने को मिलती है, वो धुन असल में 1990 में रिलीज़ हुए जापानी आर्टिस्ट कितारो के ग्रैमी नॉमिनेटेड गाने 'मत्सूरी' से ली गई है. इससे ज्यादा 'चुल्लू लेवल वॉटर' की बात ये है कि सिंगर और गाने के विकिपीडिया पेज पर बाकायदा ये बात लिखी भी हुई है.

# ये प्यार क्या है किसी ने ना जाना

इस गाने के गायक हैं अलका याग्निक, कविता कृष्णमूर्ती और कुमार सानु. इस गाने के शुरुआत में सुनाई पड़ने वाली बांसुरी की धुन को 1978 में रिलीज़ हुई 'सत्यम शिवम सुंदरम' के म्यूजिक से लिया गया था.

# मेरे सनम

इस गाने के सिंगर हैं साधना सरगम और उदित नारायण. इस गाने की धुन नाइजीरियन आर्टिस्ट डॉक्टर अल्बन की 1993 में रिलीज़ हुई 'वन लव' अल्बम के भयंकर वर्ल्डवाइड पॉपुलर 'सिंग हलिलुया' गाने से ली गई थी.

पूरी फ़िल्म में जगहों, जगहों में इस्तेमाल हुए बैकग्राउंड स्कोर भी दुनिया भर के अलग अलग ठिकानों से लिए गए थे. सब बताने बैठे तो रात हो जाएंगी. इतना ही रखते हैं. कुछ बातें 'गुप्त' ही रहने देते हैं.

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ये स्टोरी दी लल्लनटॉप के लिए शुभम ने लिखी है.

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