फास्ट एंड फ्यूरियस सीरीज की ये सोलह साल में आठवीं फिल्म है. फेट ऑफ फ्यूरियस. कुछचीजें जो पहले ही समझ लेनी चाहिए वो ये कि पॉल वाकर इस फिल्म में नहीं हैं. न उनकीमृत्यु का जिक्र किया गया है. और ये तो पहली ही तय हो गया था कि उनके भाई को इसफिल्म में नहीं कास्ट किया गया है. तो कहानी शुरू होती है कुछ ऐसे कि डॉम और लेटीहवाना में हनीमून पर होते हैं. शेष टीम अपने जीवन में सेटल होती है. डॉम का अपनावही कार प्रेम उमड़-उमड़कर आता है. शुरू में ही सिद्ध किया जाता है कि डॉम कार के नामपर भंगार को भी भगा सकता है और रेस के साथ-साथ दिल भी जीत सकता है. तभी उनके जीवनमें एक अंजान सी लड़की आती है और डॉम बदल जाता है. अपने परिवार और लेटी के खिलाफ होजाता है. क्राइम करने लगता है. ये लड़की साइफर है. एक साइबर टेररिस्ट, जो डॉम केदिमाग के साथ खेलती है. इस चक्कर में अपने भाई हॉब्स को जेल तक जाना पड़ता है. भलाआदमी कहां अपनी बच्ची के साथ हंसी-खुशी जीवन बता रहा होता है. कहां जेल पहुंच जाताहै. इस जेल वाले पूरे एपिसोड में फाइट का पूरा सीक्वेंस है, जो देखने में बहुतअच्छा है. इसके ठीक पहले डॉम के कल्टी मार जाने वाला फाइट सीक्वेंस है. जो फिल्म कापहला हाई है. ऐसे सीन्स की बात की जा रही है क्योंकि कम ही ऐसे सीन हैं. फिल्मथ्रीडी में है लेकिन थ्रीडी उतना मजेदार है नहीं. कहानी भी जो है, उसमें कोई गहराईनहीं है. आपके दिमाग में हर सलीके के सीन के बाद यही आता है कि 'एफ एंड एफ 6 हीअच्छी थी'. इस पूरी पिच्चर में सबसे ज्यादा ध्यान खींचते है. जेसन स्टेथम. ये फिल्मदेखने से पहले मुझे जेसन स्टेथम उर्फ डेकर्ड शॉ से नफरत थी. यही वो आदमी है जिसकेकारण मुझे तीन बार हान को मरते देखना पड़ा था. एक बार टोक्यो ड्रिफ्ट के अंत में,दोबारा तब जब हान की गर्लफ्रेंड को डेकर्ड के भाई के कारण मरना पड़ा. और तीसरी बारतब जब हान मरा. लेकिन इस फिल्म में आप जेसन स्टेथम को जो करते देखते हैं आपको उससेप्यार हो जाता है. जी करता है थ्रीडी वाला चश्मा उतार कर आगे बढ़ें और परदे पर इसआदमी का सिर चूम लें. तेज और रोमन का जो चलता है सो चलता ही है. अब उनको साथ मेंहैकर भी मिल गई है. लेकिन असल नोंक-झोंक तो जेसन और रॉक की ही है. आपको पॉल और विनके इसी सीरीज के शुरुआती दिन याद आ जाते हैं. एक सीन है, जहां हॉब्स और डेकर्ड जेलकी सेल में आमने-सामने आते हैं. जबर बकैती होती है और हॉब्स कांक्रीट ब्लॉक उठाकरडम्बल का काम लेने लगते हैं और आप वाओ हो जाते हो. ऐसे ही न्यूयॉर्क का सड़क पर कारदौड़ाने वाला सीन है. ट्रेलर में आपने देखा होगा. जब इमारतों से कारें गिरने लगतीहैं. ये सीन भी पैसा वसूल है. फिल्म में तब भी गहराई की कमी है. कई सीन ऐसे हैं जोआप पहले से ही कह सकते हो कि अब ये होगा. जो फिल्म को थोड़ा कमजोर बनाता है. असल चीजजो मेरे को खली वो ये कि अपनी वैंप जो है. साइफर, वो पूरी फिल्म में नकेल लगा केभले रखती है. लेकिन पूरी फिल्म में डॉम का हौव्वा इतना बना रखा है कि उससे ज्यादाडर नहीं लगता. लगता है कि डॉम अंत में तो इसे हरा ही देगा. एक चीज और जो इरिटेटकरती है वो बात-बार डॉम के परिवार का जिक्र. हमको पता है उसके लिए उसका परिवार बहुतजरूरी है. उसी के अराउंड सारी हिंसा, सारी भागदौड़ और संभव-असंभव जस्टीफाई किए जातेहैं. पर बार-बार फैमिली-फैमिली शब्द आना आपको परेशान करता है. यार जाओ न, क्राइमकरो, मारपीट करो, गाड़ियां उड़ाओ. हम वो देखने आए हैं. परिवार प्रेम आप बिन बोले भीतो दिखा सकते हो, ये खलचरित्र हर बार जब परिवार के नाम से डराएगा तभी थोड़े ये बाततय होगी. एक ही बार में तय कर लो न फेट ऑफ फ्यूरियस ही बनानी है या फाइट फॉर फैमिलीबना रहे हो. क्लाइमैक्स में बरफ और पनडुब्बी वाले सीन वो हैं, जिनके लिए आप इससीरीज की फिल्में देखने जाते हैं. अगर आप छोटी-मोटी कमियां पकड़ने के उद्देश्य से नगए हों तो बतौर दर्शक आपका आधा पैसा वहीं वसूल हो जाता है. और बाकी का अंत-अंत मेंप्लेन वाली लड़ाई में जेसन स्टेथम की टीम वसूल करा देती है. अब डेकर्ड और हॉब्स साथकैसे आए. पॉल वाकर के कैरेक्टर को कैसे किनारे रखा गया. डॉम पलटी किस बात पर मारगया. ये सब देखना हो तो पैसे खर्च कर थिएटर जाओ. पिछली सात फिल्में देखी हैं तबजरुर जाओ. लेकिन बहुत उम्मीदें पालकर मत जाना. थोड़ी मायूसी होगी. सहेश फिल्ममजे-मजे में देखने लायक है. पर्याप्त सूं-सां है.--------------------------------------------------------------------------------ये भी पढ़ेंहाफ गर्लफ्रेंड ट्रेलर: गर्लफ्रेंड माने गर्लफ्रेंड, आधा पौना तीन चौथाई कुछ नहीं‘शक्तिमान देख बच्चे छत से कूद जाते हैं’ वाली खबर का सच क्या था?रियलिटी शो में हार जाने वाले बच्चों की ज़िंदगी कैसी होती हैहमारी जनरेशन को ‘तूने मेरे जाना…’ से ज्यादा बुद्धू किसी ने नहीं बनायाकपिल शर्मा के शो को ये 8 चीज़ें सबसे घटिया कॉमेडी शो बनाती हैं