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दिल्ली वालो! वर्ल्ड सिनेमा की बेस्ट फिल्में फ्री में देखने के लिए तैयार हो जाओ

04 से 13 नवंबर तक चलने वाले इस फिल्म फेस्टिवल में 35 फिल्में दिखाई जाएंगी.

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ये सारी फिल्में आप फ्री में देख सकते हैं.
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यमन
28 अक्तूबर 2022 (Updated: 30 अक्तूबर 2022, 13:40 IST)
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अगर आप दिल्ली NCR में रहते हैं, या अगले कुछ दिनों में वहां सफर करने वाले हैं, तो आपके लिए एक बढ़िया वाली गुड न्यूज़ है. वर्ल्ड सिनेमा की अच्छी फिल्में देखने का मौका है. विदेशी डायरेक्टर्स, उनके कल्चर से रूबरू होने का मौका है. वो भी बिल्कुल फ्री में. यूरोपियन यूनियन फिल्म फेस्टिवल नाम से एक फेस्टिवल होता है. जहां यूरोपियन यूनियन के देशों की कमाल, चुनिंदा फिल्में दिखाई जाती है. कई सालों से इंडिया में ऑर्गनाइज़ किया जाता रहा है. हालांकि कोरोना महामारी के चलते पिछले दो सालों से ये नहीं हो पाया था. 

लेकिन अब फेस्टिवल का 27वां एडिशन शुरू होने वाला है. 04 नवंबर 2022 से 13 नवंबर 2022 तक दिल्ली के तीन सेंटरों पर 35 फिल्में दिखाई जाएंगी. ये तीन वेन्यू हैं – इंडिया हैबिटैट सेंटर, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और Instituto Cervantes. एंट्री बिल्कुल फ्री है. बस सीट्स के मामले में पहले आओ, पहले पाओ वाला हिसाब है. आपको रेजिस्ट्रेशन करने की भी ज़रूरत नहीं. बस वेन्यू पर जाकर टिकट लेना है. 35 फिल्मों के लाइनअप में से कुछ नाम छांटकर उनके बारे में आपको बताते हैं. 

#1. Fox in a Hole 
स्क्रीनिंग डेट: 11 नवंबर 
वेन्यू: Instituto Cervantes

fox in a hole

“मेरी फिल्म एक ट्रिब्यूट है. इस बात को कि टीचर कितने प्रभावशाली हो सकते हैं. साथ ही अंदर से वो कितने मानवीय और टूटे हुए हो सकते हैं”. डायरेक्टर अरमान रियाही ने इसी आइडिया पर अपनी फिल्म को आधारित किया है. ये फिल्म ऑस्ट्रिया से आई है. 

#2. Playground 
स्क्रीनिंग डेट: 10 नवंबर 
वेन्यू: Instituto Cervantes

playground movie

सात साल की बच्ची है नोरा. एक दिन उसे पता चलता है कि जिस दुनिया से वाकिफ थी, अब उसे पीछे छोड़ना है. नई सोसाइटी का हिस्सा बनना है. इस ट्रान्ज़िशन में नोरा एक प्रेशर महसूस करती है. खुद को पहचान पाने का प्रेशर. नए लोगों में ‘फिट इन’ होने का प्रेशर. लॉरा वॉन्डल की ये फिल्म कान फिल्म फेस्टिवल में भी स्क्रीन की जा चुकी है. 

#3. The Naked Truth About Zhiguli Band 
स्क्रीनिंग डेट: 12 नवंबर 
वेन्यू: इंडिया हैबिटैट सेंटर 

the naked truth about band

30 साल पहले एक म्यूज़िक बैंड था. किसी वजह से सभी साथी अलग हो गए. लेकिन अब उनका लीडर उन्हें वापस लाना चाहता है – एक आखिरी कॉन्सर्ट के लिए. फिल्म के डायरेक्टर इससे पहले कई शॉर्ट फिल्म बना चुके हैं. जिन्हें नामी फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाया गया था.

#4. Even Pigs Go To Heaven 
स्क्रीनिंग डेट: 05 नवंबर 
वेन्यू: Instituto Cervantes  

even pigs go to heaven

फिल्म के टाइटल का मतलब है ‘सूअर भी स्वर्ग जाते हैं’. क्रोएशिया की लोककथाओं में सेट कहानी. देश में जंग का माहौल है और एक सूअर को अपनी वर्जिनिटी लूज़ करनी है. ये सुनने में कितना अजीब या हास्यास्पद लग रहा है. फिल्म उसी से अपना ह्यूमर निकालती है. डायरेक्टर के मुताबिक ये एक ऐसी खुशमिजाज़ कहानी है, जो वॉर जैसे मुश्किल समय में घटती है. 

#5. Riders of Justice 
स्क्रीनिंग डेट: 05 नवंबर  
वेन्यू: Instituto Cervantes

riders of justice

एक बेटी जिसकी मां गुज़र चुकी हैं. पीछे रह गई है वो और उसके पिता. ये इन दोनों किरदारों की कहानी है. इस घड़ी में उनके संबंध, उनके साझे दुख और ट्रॉमा की कहानी है. साथ ही है थोड़ा ह्यूमर, क्योंकि उसके बिना दुनिया की हर कहानी अधूरी है. 

#6. Rain 
स्क्रीनिंग डेट: 12 नवंबर 
वेन्यू: Instituto Cervantes 

rain

यूरोप में एक छोटा सा देश है, एस्टोनिया. उसी छोटे से देश से आई है ये मज़बूत फिल्म. 12 साल की बच्ची के ज़रिए हम उसका परिवार देखते हैं. वो परिवार जहां कई साल बाद घर का बड़ा बेटा लौटा है. परिवार और उनके नाज़ुक संबंधों की कहानी है ये फिल्म. 

#7. Force of Habit 
स्क्रीनिंग डेट: 06 नवंबर 
वेन्यू: Instituto Cervantes

force of habit

छह शॉर्ट फिल्म से मिलकर बनकर कहानी. जो #MeToo मूवमेंट के बाद की दुनिया दिखाती है. पितृसत्ता से लड़ती हुई अलग-अलग बैकग्राउंड से आने वाली महिलायें, जो अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही हैं. 

#8. Coup 
स्क्रीनिंग डेट: 04 नवंबर 
वेन्यू: इंडिया हैबिटैट सेंटर 

coup

असली कहानी पर आधारित. जहां बैंक में काम करने वाला लड़का बड़ी चोरी करता है. देश से फरार हो जाता है. अपने परिवार को अपने पास बुलाता है. लेकिन फैमिली नहीं मानती. अब उसके पास दो ऑप्शन हैं. इतनी बड़ी रकम के साथ अकेला जिए, वरना सारा पैसा छोड़कर अपने परिवार के पास लौट जाए.   

#9. Tailor 
स्क्रीनिंग डेट: 11 नवंबर 
वेन्यू: इंडिया हैबिटैट सेंटर 

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एक ऐसे आदमी की कहानी, जो सब कुछ खोने के कगार पर पहुंचता है. फिर भी कोई-न-कोई रास्ता खोज ही लेता है. डायरेक्टर सोनिया लिज़ा का मानना है कि उनकी कहानी के नायक वो लोग होते हैं जिन्हें समाज हारा हुआ मानता है. ज़िंदगी इनके लिए कितनी भी मुश्किल हो, फिर भी ये उससे पार पा ही लेते हैं. 

#10. Wild Roots 
स्क्रीनिंग डेट: 06 नवंबर 
वेन्यू: Instituto Cervantes 

wild roots

एक MMA फाइटर सात साल बाद जेल से रिहा होता है. अपनी बेटी के पास लौटता है. दोनों ज़िद्दी किस्म के. क्या अपने रिश्ते को फिर से चांस देंगे. यही हंगरी में बनी इस फिल्म की कहानी है.

वीडियो: ऑस्कर जीतने वाली फिल्मों के लिए VFX बनाने वाली कंपनी

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