मूवी रिव्यू: ड्रीम गर्ल 2
फिल्म को कूल बनाने के चक्कर में इतना ज़्यादा मसाला घुसेड़ दिया है कि मज़ा किरकिरा हो गया.
आयुष्मान खुराना जिस फिल्म का प्रमोशन पिछले कई महीनों से कर रहे हैं, आखिरकार सिनेमाघर में रिलीज हो गई है. शायद ही किसी ने कोविड के बाद से सोशल मीडिया पर ऐसा प्रमोशन किया होगा, जैसा 'ड्रीम गर्ल 2' का हुआ. हर बड़े स्टार के साथ पूजा का कोलैबोरेशन. ख़ैर, देखते हैं ये फ़िल्म है कैसी?
करम वीर सिंह जिसे परी से शादी करनी है. पर इसके लिए उसे छह महीने में चाहिए अपना घर, एक जॉब और लाखों का बैंक बैलेंस. अब करम कोई काम तो करता नहीं है. और छह महीने में जॉब, घर और बैंक बैलेंस जुटाना टफ टास्क है. उसके पिता जगजीत जगराते करते हैं. ऐसा ही कुछ-कुछ हुनर करम के पास भी है. और उसके पास एक और हुनर है, लड़की बनने का. बचपन से ही वो नाटक मंडली में लड़की बनता आया है. अब जवानी में अपने प्यार के लिए उसे पूजा बनना पड़ रहा है. उसमें लड़कियों की आवाज़ निकालने का ऐसा हुनर है कि उसके पिता कहते हैं: "तू अपनी आवाज़ से श्रीलंका तक का लोन माफ करा सके है बेटे."
करम के पूजा बनते ही उसके जीवन में कुछ किरदार आते हैं. जैसे: सोना भाई, शाहरुख, शौकिया, टाइगर पांडे और भी कई सारे. इस सबके बाद फिल्म प्रियदर्शन की फिल्मों जैसी भसड़ मचाने की कोशिश करती है. लेकिन कामयाब नहीं होती. फिल्म में पंचेस अच्छे नहीं हैं. आधे से ज़्यादा जो भी पंचेस लैंड होते हैं, वो ऐक्टर्स की कॉमिक टाइमिंग की वजह से. जैसे एक जगह अन्नू कपूर का किरदार कहता है, करम ने कई बार कहा कि आलीशान हवेली में शिफ्ट हो जाओ, लेकिन हम नहीं हुए. शिफ्ट क्यों नहीं इसके जवाब में जगजीत कहता है: क्योंकि है ही नहीं. बड़े ऑब्वियस से जोक क्रैक करने की कोशिश हुई है. जैसे फिल्म में अभिषेक बनर्जी का नाम शाहरुख है. तो शाहरुख खान को लेकर जोक हो रहे है और ये ऐसे जोक हैं, जिनमें कोई क्रिएटिविटी नहीं दिखती.
जैसे अभी ऊपर हमने बताया कि ड्रीमगर्ल के प्रमोशन के दौरान कई फिल्मों के साथ कोलैबोरेशन हुआ था. ऐसा ही फिल्म में भी देखने को मिलता है. जैसे: 'किसी का भाई किसी की जान' का गाना नईयो लगदा बजता है. 'एनिमल' के प्री-टीजर का गाना सुनाई देता है. 'गदर' का 'मैं निकला, गड्डी लेके' भी सुनने को मिलता है. 'पठान' का भी जिक्र 'ड्रीम गर्ल 2' में मिलेगा. पहली वाली 'ड्रीम गर्ल' को राज शांडिल्य ने डायरेक्ट किया था. इस वाले के डायरेक्टर भी वही हैं. मुझे लगा कि इस फिल्म को कूल बनाने के चक्कर में उन्होंने इतना ज़्यादा मसाला घुसेड़ दिया कि मज़ा किरकिरा हो गया.
स्क्रीनप्ले में भी कुछ ख़ास नयापन नहीं है. वैसे ही पुरानी कहानी. यदि आपने ट्रेलर देखा है, तो बहुत ज़्यादा सरप्राइज मिलने वाले नहीं हैं. कई जगह डायलॉग ठीक लगे हैं. एक आध उदाहरण दे देता हूं. कस्टमर से वो नोट भी निकलवा लूंगी, जो बार गर्ल नोटबन्दी में भी नहीं निकलवा पाईं. लड़की बनना कितना मुश्किल होता है, उससे ज़्यादा मुश्किल होता है लड़की होना. नवाज़ को कुछ दिन पहले उनके एक स्टेटमेंट के लिए बहुत ट्रोल किया गया था कि गांव में डिप्रेशन नहीं होता. ऐसा ही कुछ-कुछ इसमें डायलॉग भी है: तूने कभी गरीब का बच्चा डिप्रेशन में जाते देखा है. फिर वही बात है, कुछ बातें ठीक हैं और कुछ बहुत क्रिंज.
'ड्रीम गर्ल 2' की सबसे अच्छी बात है, ऐक्टिंग. फिल्म में इतने कमाल के ऐक्टर्स थे, इसलिए उनसे उम्मीद भी थी. अन्नू कपूर आयुष्मान खुराना के पिता बने हैं. उन्होंने 'ड्रीम गर्ल' की पहली किश्त में जहां छोड़ा था, वहीं से उठा लिया है. इसके अलावा विजय राज ने भी समां बांधा है. कई-कई जगह वो ऐसा करते हैं, जो सिर्फ विजय राज ही कर सकते हैं. शाहरुख बने अभिषेक बनर्जी ने भी अपने काम को जस्टिफाई किया है. राजपाल यादव थोड़ी-सी ओवरऐक्टिंग कर गए हैं. परेश रावल ने भी अपने तजुर्बे का जलवा दिखाया. आयुष्मान के दोस्त बने मनजोत सिंह ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है. आयुष्मान खुराना ने कमर्शियल हीरो जैसा काम किया है. जैसा उनसे उम्मीद की जाती है. सीधे शब्दों में कहें, तो उन्होंने बढ़िया काम किया है. जब वो लड़की बनकर डांस करते हैं, भाई साहब उन्होंने क्या कमाल की भाव-भंगिमा पकड़ी है! कई मौकों पर पूजा वाला किरदार करम के किरदार पर हावी होता भी दिखता है. परी के रोल में अनन्या पांडे भी जंची हैं. वो धीरे-धीरे परिपक्व होती जा रही हैं. शायद आने वाले समय में वो बेहतर ऐक्टर बनकर उभरें.
बाक़ी अगर आपको 'ड्रीम गर्ल' पसंद आई थी, तो जाकर 'ड्रीम गर्ल 2' एक बार तो देख ही लें. खासकर अन्नू कपूर और विजय राज की ऐक्टिंग के लिए.
वीडियो: आयुषमान खुराना की नई फिल्म ड्रीम गर्ल के बहाने क्रॉस ड्रेसिंग पर एक बातचीत