दसरा: 'पुष्पा' से भी भयंकर होने वाली है साउथ की ये फिल्म!
नानी की आने वाली फिल्म 'दसरा' की तस्वीरें देखकर आपको 'KGF' और 'पुष्पा' याद आएंगी. क्या ये फिल्म वैसी ही मास अपील रख पाएगी, ये देखने लायक होगा.
KGF. भारतीय सिनेमा की हालिया इवेंट फिल्म. इवेंट फिल्म ऐसी फिल्म होती है, जो चीज़ों को दो पलड़ों में बांट दे, बिफोर और आफ्टर टाइप. कि उसके आने से पहले हाल ये था. और उसकी रिलीज़ के बाद फलां-फलां बदला. जैसे ‘बाहुबली’. वो फिल्म, जिसके आने के बाद कितने ही फिल्ममेकर्स को हिम्मत मिली इतनी बड़ी फिल्म बनाने की. ऑडियंस में उस किस्म का सिनेमा देखने की नई ललक जगी. KGF का असर समझना है तो हाल-फिलहाल में बना सिनेमा देखिए. जिस तरह एंटी-हीरो सिनेमा पसंद किया जा रहा है.
इसका रीसेंट और सबसे बड़ा एग्ज़ाम्पल है अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा’. अब उसी ‘पुष्पा’ और KGF के कदमों पर चलते हुए एक और साउथ इंडियन फिल्म आ रही है. नाम है इसका ‘दसरा’. भारत के तेलंगाना राज्य में एक जगह है, गोदावरीखानी के नाम से. इसे काले सोने के शहर या सिटी ऑफ ब्लैक गोल्ड कहा जाता है. इसकी वजह है सिंगारेनी कोल माइन. इसी काले सोने से तपकर निकला है एक मजदूर. फैली हुई, गंदी, धूल भरी दाढ़ी लिए. उसके चेहरे से लेकर लुंगी, बनियान तक सब काले रंग से लिपे हैं. जैसे-जैसे चल रहा है, कांच के टनटनाने की आवाज़ सुनी जा सकती है. उसके कमर से छोटी, देसी शराब की बोतलें लटकी हैं जो आपस में टकरा रही हैं.
ये बंदा सामने जल रही आग की तरफ बढ़ता है, जो शायद किसी हिंसा से उपजी है. अपने ज़ख्मी हाथों की अंगुलियों के बीच दबी सिगरेट को उसी आग के बीच से निकालता है, और सिगरेट जल उठती है. ये देखकर ‘KGF चैप्टर 2’ का वो सीन झट से आंखों के सामने आता है, जहां रॉकी का किरदार बंदूक की तपती नली से सिगरेट जलाता है. देखकर लगता है कि ये मजदूर भी रॉकी जैसे हालात से निकला है. उसके पीछे और भी मजदूरों की भीड़ है. शायद ये सभी कोयले की खदान में काम करते हैं. इन सभी में से आपका ध्यान जाता है एक कम ऊंचाई वाले आदमी पर. जिसे एक दूसरे आदमी ने गोद में उठा रखा है. जिस तरह ये सारे मजदूर उस एक मजदूर के पीछे चल रहे हैं, ऐसा लगता है कि वो उनका मसीहा है. या शायद उनके और अपने हक के लिए लड़ रहा हो.
तेलुगु एक्टर नानी ने इस मजदूर का रोल निभाया है. ऐसा भी नहीं लगता कि नानी का किरदार पूरी तरह संत आदमी है. ‘दसरा’ का अनाउंसमेंट टीज़र रिलीज़ हुआ था. जहां हम ऐनिमेटिड ट्रेन देखते हैं, कोयले से लदी हुई. उसके ऊपर सवार है एक आदमी, जो नानी जैसा प्रतीत होता है. ये शख्स कोयले के बोरों को ट्रेन से नीचे फेंकता हुआ दिखता है. यानी सरकारी कोयले की चोरी कर रहा है. ये मजदूर शायद पुष्पाराज जैसा किरदार होगा, जो लाल चंदन की लकड़ी की स्मगलिंग करता था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ‘दसरा’ की कहानी असली घटनाओं से प्रेरित होगी. इस पर मेकर्स ने कोई कमेंट नहीं किया है.
हालांकि, इस बात को नकारा भी नहीं जा सकता. ‘KGF’ के डायरेक्टर प्रशांत नील ने अपनी फिल्म की प्रेरणा पर बात की थी. बताया कि सत्तर के दशक में सोवियत रूस और अमेरिका के बीच कोल्ड वॉर हुआ. परिणामवश, दुनियाभर में सोने की कीमतों में भारी उछाल आया. सोने की कीमत बढ़ी, और साथ ही बढ़ा उसे पाने का लालच. कोई असली रॉकी नहीं था. बस सोने के प्रति लालच को प्रशांत ने अपना बेसिक आइडिया बनाया. अब सवाल आता है कि ‘दसरा’ की कहानी कब घटती है. इसका जवाब भी फिल्म के पोस्टर्स और टीज़र से मिलता है. फिल्म का एक ताज़ा पोस्टर रिलीज़ हुआ है. जहां नानी का किरदार हाथ में शराब की बोतल थामे बैठा दिखता है. उसके पीछे एक फोटो लगी है. किसी औरत की. बड़ी लाल बिंदी लगाए. अपनी छोटी उंगली दांतों में दबाए.
ये औरत है एक समय की मशहूर सेक्स सिम्बल सिल्क स्मिता. विद्या बालन की फिल्म ‘द डर्टी पिक्चर’ उनके जीवन पर ही आधारित थी. छोटे शहरों में बसने वाले सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों पर सिल्क की फिल्मों का अलग ही सुरूर था. उनकी अधिकतर फिल्मों को बी-ग्रेड सिनेमा की कैटेगरी में रखा जाता है. लेकिन उनकी पॉपुलैरिटी सिर्फ वहीं तक सीमित नहीं थी. मेनस्ट्रीम सिनेमा में भी उन्होंने रज के काम किया. लिखते वक्त एक तो कमल हासन की फिल्म ‘सदमा’ ही याद आती है. ‘दसरा’ के पोस्टर पर सिल्क की बड़ी फोटो होने का एक मतलब है. कि ये उस दौर में सेट है जब सिल्क एक बड़ा नाम थी. यानी लेट एटीज़.
बाकी फिल्म बनाने वालों ने कहानी पर पूरी चुप्पी रखी है. समय के साथ ही खोलेंगे. इतना बताया जा रहा है कि यहां खूब वहशीपन होगा. गुस्सा होगा, और उससे पैदा होने वाली मार-धाड़, खून खराबा. फिल्म से नानी का लुक ही रिलीज़ किया गया है. उनकी साथी एक्टर कीर्ति सुरेश के किरदार के बारे में कुछ नहीं बताया गया. बस कीर्ति का किरदार वैसा न हो जैसा रश्मिका मंदाना का ‘पुष्पा’ में था. कीर्ति सुरेश ने ‘महानती’ और ‘सानी काईदम’ जैसी फिल्मों में जो मज़बूत काम किया है, उसे देखकर लगता है कि यहां भी उनका किरदार मज़बूत ही होगा. नानी और कीर्ति के अलावा ज़रीना वहाब भी अहम किरदार निभाएंगी. साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि मलयालम सिनेमा के एक्टर रोशन मैथ्यू भी फिल्म में नज़र आएंगे. अगर ऐसा होता है तो ये रोशन की पहली तेलुगु फिल्म होगी.
‘दसरा’ के बारे में बात करते हुए कई बार ‘पुष्पा’ का ज़िक्र आया. ऊपर बताई बातों के अलावा उसकी एक और वजह है. ‘पुष्पा’ को बनाया था सुकुमार ने. उनकी 2018 में एक फिल्म आई थी, ‘रंगस्थलम’. उस फिल्म के एसोसिएट डायरेक्टर्स की लिस्ट में एक शख्स का नाम था. श्रीकांत ओधेला का. श्रीकांत ने ही दसरा को लिखा है और डायरेक्ट करने जा रहे हैं. ‘मास्टर’ और ‘कैथी’ जैसे फिल्मों के सिनेमैटोग्राफर रहे सत्यन सूरन ही ‘दसरा’ के सिनेमैटोग्राफर भी हैं. फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी है. 30 मार्च, 2023 यानी रामनवमी को फिल्म की रिलीज़ डेट के तौर पर चुना गया है.
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