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ये 8 बड़ी फ़िल्में रिलीज़ से पहले एटम बम लग रही थीं, गीला पटाखा निकली

2022 में अक्षय कुमार, प्रभास, आमिर खान और चिरंजीवी जैसे बड़े स्टार्स की फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर धोबी पछाड़ मिली.

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इसमें सलमान खान और आमिर खान की फिल्में भी मौजूद हैं
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अनुभव बाजपेयी
28 दिसंबर 2022 (Updated: 28 दिसंबर 2022, 18:35 IST)
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साल 2022. कोरोना महामारी के बाद पटरी पर लौटती फिल्म इंडस्ट्री के इम्तेहान का साल. सबने सोचा ये साल फिल्मों पर पैसा बरसाएगा, ऐसा हुआ भी. 2022 ने भारतीय इतिहास की दो सबसे कमाऊ फ़िल्में RRR, KGF 2 दीं. पर इसी के इतर कुछ ऐसी फ़िल्में आईं , जिनका बहुत शोर रहा. पर सिर्फ़ शोर ही हुआ, कमाई नहीं. अक्षय कुमार, प्रभास, आमिर खान और चिरंजीवी जैसे बड़े स्टार्स की फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर धोबी पछाड़ मिली. आइए, खेला शुरू करते हैं.

1) सम्राट पृथ्वीराज

अक्षय कुमार की फ़िल्म में 'सम्राट पृथ्वीराज' ने रिलीज़ से पहले और रिलीज़ के बाद खूब आलोचना बटोरी. कारण थे खुद अक्षय कुमार. उनकी ऐक्टिंग और लुक को 'हाउसफुल-4' के बाला की तरह बताया गया. 40 दिन में शूट खत्म करने पर भी उनकी आलोचना हुई. 'सम्राट पृथ्वीराज' एक बड़ी फ़िल्म थी. चंद्र प्रकाश द्विवेदी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था. इसका बजट बताया गया 200 से 220 करोड़. इसने बॉक्स ऑफिस पर कमाए सिर्फ़ 85 से 90 करोड़ वर्ल्डवाइड. यानी कुल घाटा रहा 110 करोड़. हालांकि इसके बार में भी कहा गया कि इसके सेटलाइट, म्यूजिक और डिजिटल राइट्स बेचकर ये 110 करोड़ रुपए कवर कर लिए गए.

2) लाल सिंह चड्ढा

पिछले कुछ सालों से कहा जाता था कि आमिर खान कोई फ़िल्म लेकर आते हैं, तो उस पर सफलता का ठप्पा पहले से लगा होता है. पर पिछली दो फ़िल्में इस बात को झुठलाती हुई नज़र आती हैं, 'ठग्स ऑफ हिंदुस्तान' और 'लाल सिंह चड्ढा'. इस बरस रिलीज़ हुई 'फॉरेस्ट गम्प' की रीमेक 'लाल सिंह चड्ढा' बॉक्स ऑफिस पर धड़ाम हो गई. शायद ऐसी उम्मीद किसी को नहीं थी. लगभग 180 करोड़ के बजट में बनी फ़िल्म वर्ल्डवाइड केवल 133 करोड़ के आसपास ही कमा सकी. क्या इसका कारण फ़िल्म का बॉयकॉट भी रहा? क्योंकि नेटफ्लिक्स पर आने के बाद जनता ने फ़िल्म को पसंद किया. कई लोगों ने इसे थिएटर में जाकर नहीं देख सकने पर अफसोस भी जताया. खैर, अब क्या ही कर सकते हैं, आमिर की पिक्चर तो फ्लॉप हो गई.

3) गॉड फादर

इस बरस एक मेगास्टार फ़िल्म आई. इसमें चिरंजीवी लीड रोल में थे. जबकि सलमान का कैमियो था. ये मलयालम फ़िल्म 'लुसिफ़र' का रीमेक थी. फ़िल्म का खूब हल्ला हुआ. कहा गया, बड़ी हिट साबित होगी. 200 करोड़ तो कहीं नहीं गए. इसमें साउथ की जनता चिरंजीवी को देखने आएगी और नॉर्थ की जनता सलमान खान को. पर ऐसा हो न सका. ऐसा कहा गया कि इसे 100 करोड़ के बजट के आसपास में बनाया गया है. पर इसका वर्ल्डवाइड कलेक्शन सिर्फ़ 107 करोड़ के आसपास रहा. हिंदी में इसे 10 करोड़ से भी कम में संतोष करना पड़ा. यानी सलमान का स्टारडम भी इस फ़िल्म में काम नहीं आया.

4) शमशेरा

रणबीर कपूर को सलमान-शाहरुख की बाद वाली जनेरेशन का बड़ा स्टार माना जाता है. उनकी फ़िल्म अपने साथ बज़ का झोला टांगे हुए आती है. इस बरस उनकी दो फ़िल्में आईं, 'शमशेरा' और 'ब्रह्मास्त्र'. 'ब्रह्मास्त्र' की नैय्या VFX ने पार करा दी. पर 'शमशेरा' में रणबीर कपूर ने जो एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश की, वो सफल नहीं हुआ. इसे लोगों ने सेफ बेट कहा. इसे 'पुष्पा', 'केजीएफ' और 'आरआरआर' के पीछे चलती हुई फ़िल्म बताया गया. इसका ट्रेलर आया, तब भी रणबीर के फैंस लहालोट हुए. पर जब ये पीरियड फ़िल्म फ़िल्म रिलीज़ हुई, तो बॉक्स ऑफिस पर मुंहभड़ा गिर गई. 150 करोड़ के बजट में बनी फ़िल्म वर्ल्डवाइड सिर्फ़ 60 से 65 करोड़ का बिजनेस ही कर पाई.

5) राधे श्याम

बाहुबली सीरीज़ की दोनों फ़िल्में रिलीज़ होने के बाद भारत में शायद ही प्रभास से बड़ा कोई स्टार रह गया होगा. हालांकि ये अतिशयोक्ति है. फिर भी लोग उनके लिए ऐसा कहते थे. पर 2019 में उनकी एक फ़िल्म आई 'साहो'. उसने अपने बजट के अनुसार ठीकठाक बिजनेस कर लिया. पर 2022 में आई उनकी फ़िल्म 'राधे श्याम' को जनता ने सिरे से खारिज कर दिया. ईटाइम्स के मुताबिक इसने लगभग 100 करोड़ का नुकसान सहा. हालांकि इसको लेकर मतभेद भी हैं. एक धड़ा इसे बड़ी फ्लॉप मानता है. उसके अनुसार इसका बजट 300 करोड़ के आसपास है और इसने सिर्फ़ 200 करोड़ के क़रीब कमाई की. पर एक मत ये भी कहता है कि 100 करोड़ के नुकसान की जगह 100 करोड़ का फ़ायदा वसूला. यानी कुल 400 करोड़ रुपए इसने कमाए. 200 करोड़ टिकट खिड़की से और 200 करोड़ अन्य टीवी-ओटीटी राइट्स से. ऐसे देखा जाए तो कोई भी बड़ी फ़िल्म फ्लॉप नहीं होती. मेकर्स ज़्यादातर मामलों में मूवी की कमाई जितना पैसा निकाल ले जाते हैं.  

6) लाइगर

विजय देवरकोंडा हालिया दौर में पैन इंडिया स्टार बनकर उभरे. इस बरस उनकी एक पैन इंडिया फ़िल्म 'लाइगर' भी रिलीज़ हुई. उसका शोर भी खूब हुआ. बॉयकॉट लाइगर भी ट्विटर पर ट्रेंड हुआ. ऐसा माना जा रहा था कि ये फ़िल्म बढ़िया बिजनेस करेगी. कारण था हिंदी और तेलुगु दोनों भाषाओं में फ़िल्म का एक साथ रिलीज़ होना, विजय देवरकोंडा की लोकप्रियता और फ़िल्म का आक्रामक प्रमोशन. पर ऐसा हो ना सका. फ़िल्म का बजट था क़रीब 100 करोड़. फ़िल्म ने कमाए सिर्फ़ 57 करोड़ के आसपास. आगे का गणित समझाने की ज़रूरत है नहीं, आप सब समझदार हैं.

7) आचार्य

गॉडफादर के अलावा चिरंजीवी की एक और बड़ी फ़िल्म इस साल रिलीज़ हुई, 'आचार्य'. इसमें उनके बेटे राम चरण भी थे. इसी साल आई राम चरण की RRR की सफलता से कौन अनजान हो सकता है! पर आप 'आचार्य' की असफलता से ज़रूर अनजान हो सकते हैं. इस फ़िल्म का टोटल बजट था लगभग 140 करोड़. बजट से ही आप समझ सकते हैं कि फ़िल्म कितनी बड़ी होगी. फ़िल्म ने कमाए सिर्फ़ 75 करोड़ के आसपास. यानी बॉक्स ऑफिस पर टोटल घाटा क़रीब 65 करोड़. इससे ज़्यादा तो बाप-बेटों ने मिलाकर फीस ही ले ली होगी. मेरा इशारा तो आप समझ ही गए होंगे कि फ़िल्म का बजट किस तरह से कम किया जा सकता था.

8) रक्षाबंधन

इस बरस अक्षय कुमार की 'सम्राट पृथ्वीराज' से इतर एक और फ़िल्म थिएटर में रिलीज़ हुई, 'रक्षाबंधन'. इसे आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा' के साथ ही पर्दे पर उतारा गया. पहले तो यही रिस्क था. आमिर खान के साथ फ़िल्म रिलीज़ करना कोई मज़ाक नहीं. हालांकि इस बार जनता ने आमिर के साथ भी मज़ाक किया और अक्षय के साथ भी. 70 करोड़ के खर्च में बनी ‘रक्षाबंधन’ भारत में 50 करोड़ रुपए ही कमा सकी. माने इसे भी फ्लॉप ही मानिए.

हमारी लिस्ट में रणवीर सिंह की 'सर्कस' भी हो सकती थी. पर वो अभी-अभी रिलीज़ हुई है, इसलिए हमने उसे अपनी लिस्ट में नहीं लिया. इसके अलावा कंगना की ‘धाकड़’, शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ भी हो सकती थी. चलते हैं, टाटा-बाय-बाय.

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