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"कभी नहीं सोचा था, अलगाव के बाद डैड और जावेद सा'ब आमने-सामने बैठकर बात कर पाएंगे"

अरबाज़ खान ने बताया कि जावेद अख्तर अब उनके घर आकर सलीम खान के साथ घंटों बतियाते हैं.

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पहली तस्वीर अरबाज़ खान की. दूसरी तरफ अलगाव के बाद एक सलीम और जावेद.
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श्वेतांक
4 अगस्त 2023 (Updated: 4 अगस्त 2023, 18:42 IST)
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Salim-Javed की जोड़ी ने जिस समय में फिल्में लिखीं, उसे हिंदी सिनेमा के सबसे अच्छे दौर में गिना जाता है. फिल्मों की गुणवत्ता और राइटर्स की हैसियत, दोनों के लिहाज से. क्लिशे और क्लिष्ट हिंदी में बोलें, तो स्वर्णिम काल. मगर 1987 में आई Mr. India पर साथ काम करने के बाद ये लोग अलग हो गए. मगर खटास रह गई. ज़्यादा बोल-चाल नहीं रही. किसी पब्लिक प्लैटफॉर्म पर मिल गए, तो फौरी तौर पर हाय-हल्लो हो गया. बैड ब्लड वाली स्थिति नहीं थी. मगर दोस्ती भी नहीं बची थी. हालांकि अब इनके संबंधों में सुधार आया है. हालिया इंटरव्यू में सलीम खान के बेटे Arbaaz Khan ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अलगाव के बाद सलीम-जावेद साथ बैठकर बातचीत कर सकते हैं. मगर अब वो लोग एक अच्छे स्पेस में पहुंच गए हैं.

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अपने करियर के शुरुआती दिनों में जावेद अख्तर और सलीम खान.

सलीम खान और जावेद अख्तर, दोनों की ही काफी उम्र हो चली है. कुछ समय पहले सलीम खान की तबीयत खराब हो गई थी. ऐसे में जावेद अख्तर उनसे मिलने पहुंचे. वहीं से उनके संबंध बेहतर होने शुरू हुए. अरबाज़ ने जावेद अख्तर के साथ अपने पिता के संबंधों की बेहतरी के विषय में बॉलीवुड बबल से बात की. उन्होंने कहा-

"आज वो लोग बेहतर स्थिति में हैं. हमने बचपन में कभी नहीं सोचा था कि जावेद सा'ब और डैड, दोबारा कभी आमने-सामने बैठकर बातचीत कर पाएंगे. उस दिन डैड की तबीयत खराब थी. जावेद सा'ब ने मुझे फोन किया और उनका हालचाल पूछा. उन्होंने मुझसे तारीख भी पूछी कि वो कब हमारे घर आकर डैड से मिल सकते हैं."

अरबाज़ खान ने बताया कि उन्होंने फौरन जावेद अख्तर को समय और तारीख बताई. वो आगे कहते हैं-

"जावेद सा'ब घर आए और उनसे (सलीम खान) मिले. और दो घंटे उनके साथ बिताए. ये बहुत अच्छा लगा. समय सभी घावों को भर देता है. समय के साथ लोग बदल जाते हैं. चीज़ों को भूल जाते हैं. लोगों को माफ कर देते हैं. जीवन में आगे बढ़ जाते हैं. और उसके बाद जब वो मिलते हैं, तो उनका बॉन्ड पहले से भी ज़्यादा मजबूत होता है. अब वो लोग एक-दूसरे से काफी बात करते हैं. हालांकि उनकी बातचीत फोन पर ही होती है. डैड की उम्र जावेद सा'ब से थोड़ी ज़्यादा है. इसलिए जावेद सा'ब बार-बार डैड के स्वास्थ के बारे में पूछते हैं. डैड भी अब पहले से काफी बेहतर हैं."  

सलीम और जावेद की जोड़ी ने मिलकर 'सीता और गीता', 'जंज़ीर', 'दीवार', 'शोले', 'त्रिशूल', 'काला पत्थर', 'शान', 'शक्ति' और 'क्रांति' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में लिखी थीं. 1987 में आई 'मिस्टर इंडिया' उनकी लिखी आखिरी फिल्म थी. उसके बाद दोनों ने अलग होने का फैसला किया. जावेद अख्तर गाने लिखने लगे. वहीं सलीम खान ने फिल्म राइटर के तौर पर अपना करियर आगे बढ़ाया. 'नाम', 'कब्ज़ा' और 'जुर्म' जैसी फिल्में लिखीं. मगर उनका करियर ज़्यादा लंबा नहीं चल सका. वहीं जावेद अख्तर अब भी फिल्मों के गाने और पोएट्री लिखते हैं. 

वीडियो: गेस्ट इन द न्यूज़रूम: Part-2 जावेद अख़्तर 'शोले' पर क्या बोले, असली सूरमा भोपाली पर मजेदार किस्सा सुनाया

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