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कहानी ऑस्कर जीतने वाले रॉबर्ट डाउनी जूनियर की, जिन्होंने 6 रुपए प्रति घंटे पर जेल में बर्तन मांजे

Robert Downey Jr. ने Oppenheimer के लिए Oscar Award जीता. इसे लोग किसी रियल लाइफ कमबैक इवेंट की तरह देख रहे हैं.

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robert downey junior
लाइफ़ ऑफ़ रॉबर्ट डाउनी जूनियर.
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12 अप्रैल 2021 (Updated: 12 मार्च 2024, 15:04 IST)
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Robert Downey Jr. ने Oppenheimer के लिए Best Supporting Actor का Oscar Award अपने नाम किया. उनकी इस जीत को सोशल मीडिया पर सेलिब्रेट किया जा रहा है. लोग लिख रहे हैं कि नशे की लत से बाहर आकर कैसे रॉबर्ट ने अपनी दुनिया बदल के रख दी. उनकी पूरी कहानी पढिए (ये आर्टिकल ओरिजनली 12 अप्रैल 2021 को पब्लिश हुआ था):  

अदालत में अपने सामने तीसरी बार ड्रग्स लेने के जुर्म में पेशी पर आए, हथकड़ियों में कैद खड़े अभिनेता से जज पूछते हैं, आखिर क्यों अपने आप को तबाह करने पर आमादा हो? वो अभिनेता कहता है,

“It’s like I’ve got a shotgun in my mouth, with my finger on the trigger, and I like the taste of the gun metal,”

("ये कुछ ऐसा है जैसे मैंने अपने मुंह में शॉटगन लगा रखी है, मेरी उंगलियां ट्रिगर पर हैं और मुझे गोली का स्वाद पसंद है.")

ये किसी फिल्म का सीन नहीं है. बल्कि एक अभिनेता के असल जीवन का दृश्य है. अभिनेता का नाम है रॉबर्ट जॉन डाउनी जूनियर. दुनिया भर में इन्हें इनके असल नाम से ज़्यादा टोनी स्टार्क या आयरन मैन के नाम से पहचाना जाता है. सुपरकूल पर्सनैलिटी, शार्प सेंस ऑफ ह्यूमर, बेहतरीन एक्टिंग टैलेंट से लैस रॉबर्ट डाउनी जूनियर यानी RDJ के जीवन को दर्शाने के लिए ही शायद 'रोलर कोस्टर लाइफ़' टर्म वजूद में आया है. यकीन नहीं होता आज 50 मिनट के रोल के लिए 50 मिलियन डॉलर लेने वाले रॉबर्ट कभी जेल में बर्तन मांज रहे थे. रॉबर्ट डाउनी जूनियर के जीवन का रोलर कोस्टर कभी इतना ऊंचा गया कि आसमां पार कर गया, तो कभी इतना नीचे पहुंचा कि पाताल नाप आया. आइए आज रॉबर्ट डाउनी जूनियर की इस रोलर कोस्टर लाइफ़ का एक चक्कर हम भी लगाते हैं.

# अ स्टार इज़ बॉर्न

4 अप्रैल 1965 को मैनहैटन में मशहूर फ़िल्म पर्सनैलिटी रॉबर्ट डाउनी और उनकी पत्नी एक्ट्रेस एलसी एन के यहां उनकी दूसरी संतान ने जन्म लिया. अपने नवजात बेटे का नाम रॉबर्ट ने अपने नाम पर ही रखा. पांच साल की जिस उम्र में बच्चे पार्क में खेलने जाते हैं. उस उम्र में फ़िल्मी परिवार में जन्मे रॉबर्ट जूनियर फ़िल्म सेट्स पर अपने पिता की फिल्मों में एक्टिंग कर रहे थे. 1970 में रिलीज़ हुई अपने पिता द्वारा लिखित और निर्देशित फ़िल्म 'पाउंड' में रॉबर्ट डाउनी जूनियर पहली बार बड़े पर्दे पर दिखे.


 

अपने पिता की फ़िल्म 'पाउंड' में पांच साल की उम्र में पहली बार काम किया.
अपने पिता की फिल्म 'पाउंड' में पांच साल की उम्र में पहली बार काम किया.

1978 में अपने पेरेंट्स के तलाक के बाद RDJ अपने पिता के साथ कैलिफ़ोर्निया में ही आकर पढ़ने लगे. हालांकि ये पढ़ाई लंबी नहीं चली और दसवीं के बाद ही रॉबर्ट ने स्कूल छोड़ दिया. इसके बाद वो एक्टिंग लाइन में ही काम करने न्यूयॉर्क आ गए. चूंकि पिता के फ़िल्म लाइन में संबंध थे, इसलिए थोड़ा-बहुत काम मिलने भी लगा. जिसके चलते जब तक रॉबर्ट 20 साल के हुए, तब तक वो ऑलरेडी 6-7 फ़िल्मों में बतौर बाल कलाकार छोटे-मोटे रोल कर चुके थे. रॉबर्ट को अपने पिता से विरासत में सिर्फ़ नाम और फ़िल्मी दुनिया की समझ नहीं मिली. बल्कि कुछ ऐसी आदतें भी मिलीं, जिनकी वजह से उनके जीवन में बड़े उतार-चढ़ाव आए.

# लत लग गई

रॉबर्ट जूनियर जब सिर्फ 6 साल के थे, तब से ही उनके पिता उन्हें मैरीवाना (गांजा) का सेवन कराने लगे थे. उनका मानना था इससे वो अपने पुत्र के और करीब आ जाएंगे. हालांकि बाद में रॉबर्ट की हालत देख उन्हें अपने इस फ़ैसले पर बड़ा पछतावा हुआ. कम उम्र से ही नशा करने की आदत का नतीजा ये निकला कि जब तक रॉबर्ट डाउनी जूनियर 22 साल के हुए, तब तक वो मैरीवाना के साथ कई अन्य नशों के भी आदी हो चुके थे.

खैर अब तक नशे की वजह से रॉबर्ट के काम में बाधा नहीं आई थी. मगर कभी तो आनी थी. आई. 1987 में आती है फ़िल्म 'लेस दैन ज़ीरो'. इस फ़िल्म में रॉबर्ट ने एक कोकेन की लत के शिकार लड़के का किरदार निभाया था.'लेस दैन ज़ीरो' में रॉबर्ट की पर्फोर्मंस को क्रिटिक्स ने खूब सराहा, जिस वजह से उन्हें भविष्य में कई बड़ी फिल्में भी मिलीं. लेकिन साथ ही साथ इस फ़िल्म के बाद उनकी नशे की लत बेकाबू हो गई. रॉबर्ट के मुताबिक इस फ़िल्म में निभाया जूलियस का किरदार उनके ही असल जीवन का एक हिस्सा बन गया था.
 

'लैस दैन ज़ीरो' में रोबर्ट जॉन डाउनी जूनियर ने एक कोकेन अडिक्ट का किरदार निभाया था.
'लैस दैन ज़ीरो' में रॉबर्ट जॉन डाउनी जूनियर ने एक कोकेन एडिक्ट का किरदार निभाया था.

एक तरफ़ जहां 'लेस दैन जीरो' की वजह से रॉबर्ट की नशे की लत बेकाबू हुई जा रही थी, वहीं इस फ़िल्म में उनकी शानदार एक्टिंग की वजह से उन्हें कई फिल्में ऑफर हो रहीं थीं. जिसमें 1992 में रिलीज़ हुई चार्ली चैप्लिन की बायोपिक 'चैप्लिन' भी शामिल थी. इस फिल्म में भी रॉबर्ट के चैप्लिन के शानदार पोट्रेयल के लिए उनकी जमकर तारीफ़ हुई. साथ ही उन्हें अकैडमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट भी किया गया. 'चैप्लिन' के बाद रॉबर्ट ने और भी कई बड़ी फिल्मों में लीड रोल्स निभाए.

रॉबर्ट जूनियर का फ़िल्मी करियर तरक्की पर था. वहीं वो खुद हर गुज़रते दिन के साथ नशे में और गहरे डूबते जा रहे थे. अप्रैल 1996 में पुलिस ने रॉबर्ट को कोकेन और हेरोइन के नशे में चूर गाड़ी चलाते हुए पहली बार रंगे हाथ पकड़ ही लिया. उस वक़्त उनके पास एक गन भी मौजूद थी. रॉबर्ट को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि वो जल्दी ही पैरोल पर छूट गए.

# नेकेड रिएलिटी

पैरोल मिलने के एक महीने के भीतर ही एक और कांड हुआ. एक दिन फ़िर रॉबर्ट ने कोकेन का इतना ज्यादा नशा कर लिया कि उन्हें लगने लगा, जैसे ढेर सारे सफ़ेद चूहे उन्हें काट रहे हैं. उन्होंने घबराहट में अपने सारे कपड़े उतार दिए. और गाड़ी लेकर सड़कों पर निकल गए. रास्ते भर रॉबर्ट को ऐसा लगे, जैसे उनकी कार में चूहे भरते जा रहे हैं. वो डर से चूहों को बाहर फेंकते रहे हैं. कुछ देर बाद रॉबर्ट गाड़ी छोड़ वापस अपने घर के पास आ गए. मगर उस वक़्त तक वो नशे में इतना चूर हो चुके थे कि खुद के घर के बजाय अपने पड़ोसी के घर में घुस गए. और उनके बच्चे के बेडरूम में जाकर सो गए. थोड़ी देर बाद घर की मालकिन अपने बच्चे के कमरे में गईं, तो बुरी तरह घबरा गईं. उन्होंने तुरंत इमरजेंसी नंबर 911 पर कॉल लगा कर पुलिस को इस घटना की जानकारी दी.

पुलिस ने रॉबर्ट को दोबारा वहां से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. इस बार उन्हें कोर्ट ने रीहैब जाकर इस लत का इलाज करवाने के सख्त आदेश दिए. मगर रॉबर्ट इस बार भी इन आदेशों का पालन नहीं कर पाए. कोर्ट ने अब सख्ती दिखाते हुए उन्हें 6 महीने के लिए जेल भेज दिया. 6 महीने बाद कोर्ट ने रिहा करते हुए एक बार फ़िर डाउनी जूनियर को बताए वक़्त पर ड्रग्स टेस्ट देने के आदेश दिए. मगर रॉबर्ट फ़िर से नशे में लग गए और टेस्ट देने नहीं गए. जिसके चलते कोर्ट ने रॉबर्ट जूनियर को इस बार तीन साल के लिए जेल जाने की सजा सुनाई. हालांकि एक साल बाद ही उन्हें रिहा कर दिया गया. इस एक साल जेल में उनका ड्रग्स छोड़ने का इलाज भी चला. जेल में रहने के अनुभव के बारे में वो ज्यादा कुछ तो नहीं बताते है. बस इशारे में कहते हैं कि वहां बहुत बुरा सलूक होता है. जितने दिन रॉबर्ट जेल में रहे, वहां वो डेली 8 सेंट प्रति घंटे (आठ अमेरिकी सेंट= आज के समय के हिसाब से छह रुपए)  के हिसाब से बर्तन धो कर पैसे कमाते थे.
कोर्रोट में पेशी के दौरान खींची गई रोबर्ट डाउनी जूनियर की तस्वीर.
कोर्ट में पेशी के दौरान खींची गई रॉबर्ट डाउनी जूनियर की तस्वीर.

# हार्ड टू डिसाइड

साल 2000 में जेल से छूटने के बाद रॉबर्ट को कुछ म्यूजिक वीडियोज़ और टीवी शोज़ में काम मिला. 'एली मैकबील' नाम का टीवी शो उनका रिहाई के बाद पहला बड़ा काम था. शो अच्छी रेटिंग पाने लगा था और रॉबर्ट को भी उनके रोल के लिए तारीफें मिलने लगी थीं. मगर कुछ ही महीनों बाद रॉबर्ट को एक बार फ़िर होटल के कमरे से नशे की हालत में गिरफ्तार किया गया. रॉबर्ट की गिरफ़्तारी की वजह से 'एली मैकबील' शो से उन्हें निकाल दिया गया.

दिसंबर 2000 में रॉबर्ट की सौतेली मां ने एक मैगजीन को बताया कि रॉबर्ट दरअसल बायपोलर डिसऑर्डर नाम की मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं. जिस वजह से वो नशे की लत को छोड़ नहीं पा रहे हैं. और बार-बार रीलैप्स कर जाते हैं. हालांकि रॉबर्ट ने बाद में इस बात को सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा वो कभी भी डिप्रेशन या किसी अन्य मानसिक बीमारी से ग्रस्त नहीं हुए हैं.

नशे की वजह से खराब होने वाली चीज़ों में सिर्फ रॉबर्ट डाउनी जूनियर का करियर नहीं था. बल्कि  रॉबर्ट की नशे की लत और बार-बार होती गिरफ्तारियों की वजह से उनकी पहली पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया और तलाक ले लिया. इतना सब कुछ बिखरता देख रॉबर्ट ने तय किया अब वो ज्यादा दिन तक ऐसे जीवन नहीं जी पाएंगे. उन्होंने प्रण लिया अब वो इस नशे की लत से मुक्ति पा कर ही रहेंगे. इस फैसले के बारे में बताते हुए एक टॉक शो में रॉबर्ट ने कहा,

It's not that difficult to overcome these seemingly ghastly problems ... what's hard is to decide to do it."

(इन परेशानियों से निकलना ज्यादा मुश्किल नहीं है. मुश्किल है निकलने का फैसला करना)

#आयरन विल

रॉबर्ट असल जीवन में भी लोहे के जिगर वाले निकले. ठान लिया कि नशे से दूर रहेंगे, तो आज की तारीख तक कभी नशे की तरफ़ पलट कर नहीं देखा. इस लत से निजात पाने के लिए रॉबर्ट ने कुंगफू, योगा भी सीखना शुरू कर दिया. इस संघर्ष में रॉबर्ट की मदद उनकी दूसरी पत्नी सुजैन ने भी बहुत की. जिन्हें वो पहली बार फ़िल्म के सेट पर ही मिले थे. धीरे-धीरे रॉबर्ट की गाड़ी वापस पटरी पर आने लगी. 'किस किस बैंग बैंग', 'ज़ोडियाक' जैसी कुछ फिल्मों में उनके निभाए किरदारों को एक बार फ़िर से सराहना मिलने लगी. लेकिन उनके जीवन में सबसे बड़ा मोड़ और सबसे बड़ा किरदार आना अभी भी बाकी था.
 

रोबर्ट डाउनी जूनियर अपने कुंगफु गुरु विंग चुन के साथ.
रॉबर्ट डाउनी जूनियर अपने कुंगफ़ू गुरु विंग चुन के साथ.

 

#आय एम आयरनमैन

2007 में 'आयरनमैन' के डायरेक्टर जॉन फैवरॉ टोनी स्टार्क के मेन रोल के लिए एक्टर की तलाश कर रहे थे. इस रोल के लिए उनकी पहली पसंद में टॉम क्रूज़ और सैम रॉकवैल जैसे एक्टर्स थे. लेकिन रॉबर्ट का स्क्रीन टेस्ट देखने के बाद उन्हें टोनी के रोल के लिए वो परफेक्ट लगे. जॉन का कहना था कि टोनी स्टार्क के किरदार और रॉबर्ट के असल जीवन में बहुत सी समानताएं हैं. हालांकि जॉन फैवरॉ के रॉबर्ट के चयन को लेकर मार्वल प्रोडक्शन  ने विरोध भी किया. मगर जॉन ने उन्हें भरोसा दिलाया कि इस रोल के लिए रॉबर्ट ही उचित रहेंगे. टोनी स्टार्क के लिए रॉबर्ट ने अपना आठ किलो वज़न और मसल भी बढ़ा लिए. सबसे पहले रॉबर्ट टोनी स्टार्क के रोल में 'आयरनमैन' फ़िल्म में नहीं, बल्कि 'द इनक्रेडिबल हल्क' में दिखे थे. बाद में 'आयरनमैन' आई. ये किरदार रॉबर्ट के लिए लाइफ़ चेंजिंग साबित हुई. इस फ़िल्म से असल मार्वल यूनिवर्स की नींव पड़ी. अगर कहा जाए तो इस फ़िल्म के बाद रॉबर्ट जॉन डाउनी जूनियर का जीवन दो भागों में बट गया. बिफोर आयरनमैन एंड आफ्टर आयरनमैन.

# बर्गर ने बचाया जीवन

आपको 'आयरनमैन' फिल्म का वो सीन याद है, जिसमें टोनी स्टार्क टेन रिंग्स की कैद से छूटता है और हॉस्पिटल जाने की बजाय बर्गर किंग का चीज़ बर्गर खरीदने रेस्तरां जाने की ज़िद करता है. दरअसल ये सीन रॉबर्ट डाउनी जूनियर की असल जिंदगी से प्रेरित है. ये 2003 की बात है, जब रॉबर्ट होश में कम और कोकेन के नशे में ज्यादा रहते थे. ऐसी ही हालत में एक दिन वो बर्गर किंग से एक चीज़ बर्गर और कोक लेने गए. इस वक़्त उनकी कार कोकेन और हेरोइन से लदी पड़ी थी. वैसे तो अक्सर रॉबर्ट को बर्गर बेहद पसंद आता था लेकिन पता नहीं क्यों उस दिन उन्हें बर्गर का स्वाद ख़राब लगा. उन्हें आभास हुआ कि उनके साथ कुछ बहुत गलत होनेवाला है. उन्होंने सारी नशीली सामग्री ले जाकर समुद्र में बहा दी और उसी दिन से फ़ैसला किया नशे से दूर जाने का. 'आयरनमैन' फ़िल्म में रॉबर्ट ने बर्गर किंग को उस दिन के लिए ही ट्रिब्यूट दिया.

'आयरनमैन' से शुरू हुई इस चीज़ बर्गर की कहानी का ज़िक्र आयरनमैन की अंतिम फ़िल्म 'एंडगेम' में भी आता है. जब टोनी स्टार्क के अंतिम संस्कार के बाद टोनी स्टार्क का दोस्त हैप्पी होगन टोनी की बेटी मोर्गन स्टार्क से पूछता है कि वो क्या खाना चाहेगी और वो जवाब देती है चीज़ बर्गर. तब होगन मोर्गन को बताते हैं कि तुम्हारे पिता को भी चीज़ बर्गर पसंद था. ये सीन और भी स्पेशल इसलिए बना क्यूंकि होगन का किरदार कोई और नहीं बल्कि 'आयरनमैन' के डायरेक्टर जॉन फैवरॉ निभा रहे थे.


 

होगन एंड मोर्गन
होगन एंड मोर्गन

#आयरनमैन- आयरनमैन आना नहीं

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि विश्वभर में मशहूर रॉबर्ट डाउनी जूनियर पर जापान की सरकार ने बैन लगा रखा है. दरअसल 'आयरनमैन' के प्रमोशन के दौरान रॉबर्ट जापान गए. लेकिन एयरपोर्ट पर ही जापानी अधिकारियों ने उन्हें उनके पिछले क्रिमिनल रिकॉर्ड की वजह से धर लिया. तकरीबन 6 घंटे तक पूछताछ की. उसके बाद रॉबर्ट को 'आयरनमैन' की प्रेस कांफ्रेंस के लिए छोड़ा गया, वो भी इस शर्त पर कि वो अब दोबारा कभी जापान न आएं.

#सच इज़ लाइफ़

रॉबर्ट जॉन डाउनी जूनियर एक्टिंग के अलावा सिंगिंग भी करते हैं. उन्होंने अपनी पिछली कई फिल्मों जैसे  'चैप्लिन','किस-किस बैंग-बैंग'  में बतौर सिंगर अपनी आवाज़ दी है. साल 2004 में रॉबर्ट डाउनी ने 'फ्यूचरिस्ट' नाम से म्यूजिक एल्बम भी निकाला था. वाकई पर्दे पर सुपरहीरो का किरदार निभाने वाले रॉबर्ट डाउनी जूनियर असल जिंदगी में भी किसी सुपरहीरो से कम नहीं है. उम्मीद करते हैं रॉबर्ट भविष्य में भी टोनी स्टार्क की तरह कई और यादगार रोल निभाएं. नहीं भी निभाएंगे तो भी, वी विल ऑलवेज़ लव हिम 3000.

ये स्टोरी हमारे साथी शुभम ने लिखी है. 
 

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