किस बारे में है ओड़िया फिल्म 'दमन', जिसकी देशभर में भयंकर चर्चा चल रही है?
'कांतारा' के बाद आ रही है 'दमन'. पिछले 50 सालों में ये दूसरी ओड़िया फिल्म है, जिसे टैक्स फ्री किया गया है.
DAMaN नाम की एक फिल्म का नाम पिछले कुछ समय से लगातार चर्चाओं में है. ये ओड़िया भाषा की फिल्म है. और शायद ओड़िया सिनेमा इतिहास की सबसे पॉपुलर और कमाऊ फिल्म भी. Kantara के बाद एक और रीजनल फिल्म, जिसे देशभर में देखा और पसंद किया जा रहा है. जल्द ही इस फिल्म का हिंदी वर्ज़न भी रिलीज़ किया जाना है. मगर इसमें ऐसा क्या है, जो इस फिल्म की इतनी चर्चा हो रही है, आइए समझने की कोशिश करते हैं.
# DAMaN का मतलब क्या है?
DAMaN कोई शब्द नहीं है. इसका मतलब होता है 'दुर्गम अंचलारे मलेरिया निराकरण' (Durgama Anchalare Malaria Nirakarana). यानी दुर्गम जगहों में मलेरिया से निवारण. ये ओडिशा सरकार की एक स्कीम है. इस स्कीम को दक्षिणी ओडिशा के 8 जिलों में 8 हज़ार से ज़्यादा गांवों में लागू किया गया है. क्योंकि वहां मलेरिया फैला करती है. इन इलाकों में अधिकतर जनजातीय लोग रहते हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. यहां रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं हैं. DAMaN इसी बारे में बात करने वाली एक सोशल ड्रामा फिल्म है.
# DAMaN की कहानी क्या है?
ओडिशा सरकार का एक निर्देश है. वो ये कि जो भी बच्चे सरकारी कॉलेजों से मेडिकल की पढ़ाई करेंगे, उन्हें पांच साल तक जनजातीय इलाकों या पिछड़ें गांवों में जाकर काम करना होगा. अगर वो ऐसा नहीं करते, उन्हें सरकार को पांच करोड़ रुपए चुकाने होंगे.
साल 2015. सिद्धार्थ नाम के लड़के ने भुवनेश्वर से MBBS की पढ़ाई की है. सरकारी आदेश के मुताबिक उसे पांच साल तक रिमोट इलाके में जाकर काम करना होगा. सिद्धार्थ की पोस्टिंग मलकानगिरी जिले के एक छोटे से गांव में हो जाती है. उसे अपनी मर्ज़ी के खिलाफ वहां जाना पड़ता है. उस इलाके की हालत बड़ी खराब है. इसलिए सिद्धार्थ को एडजस्ट करने में मुश्किल हो रही है. वो एकाध बार गांव छोड़कर भागने की कोशिश भी करता है. मगर उसके लिए उसे पांच करोड़ रुपए की ज़रूरत पड़ेगी. मन मारकर वो वहीं रुक जाता है.
इसी बीच गांव का एक आदमी अपनी बेटी का इलाज करवाने आता है. उसे लगता है कि उसकी बेटी को भूत ने अपने वश में कर लिया है. चेक करने पर पता चलता है कि उस लड़की को मलेरिया है. इसके बाद सिद्धार्थ को वहां काम करने वाला एक व्यक्ति बताता है कि यहां 151 गांव हैं. मगर कोई भी व्यक्ति मलेरिया का इलाज कराने हॉस्पिटल नहीं आता. क्योंकि उन्हें लगता है कि ये भूत-प्रेत का साया है. वो झाड़-फूंक की मदद से मलेरिया का इलाज करते हैं. जो कि संभव नहीं है. इसिलए उन इलाकों में मलेरिया की वजह ढेरों जाने जाती हैं.
इसके बाद सिद्धार्थ को वहां रुकने की वजह मिल जाती है. वो तय करता है कि खुद गांव-गांव जाकर लोगों को मलेरिया के बारे में जागरूक करेगा. उससे बचने के तरीके बताएगा. मगर जो लोग इतने सालों से इस अंधविश्वास के साथ जी रहे हैं. उन्हें उससे आज़ाद करना आसान नहीं है. सिद्धार्थ कोशिश करता है. सिद्धार्थ क्या और कैसे करता है, ये फिल्म इसी बारे में बात करती है.
# क्यों इतनी पसंद की जा रही है DAMaN?
ये ओडिशा में बनी अब तक की सबसे हाइएस्ट रेटेड फिल्म है. इस खबर के लिखे जाने तक 10 हज़ार 621 वोटों के आधार पर DAMaN की IMDB रेटिंग है 9.4. ये फिल्म 4 नवंबर को ओडिशा में 51 स्क्रीन्स पर रिलीज़ की गई थी. इसके अलावा इसे बेंगलुरू, चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत, पुणे और हैदराबाद में कुल 15 स्क्रीन्स पर रिलीज़ किया गया. ओडिशा में ये तो फिल्म अब भी हाउसफुल चल रही है. जबकि अन्य शहरों में भी फिल्म की व्यूअरशिप ठीक-ठाक है. क्योंकि फिल्म को समीक्षकों ने पसंद किया. वर्ड ऑफ माउथ मजबूत है.
ओडिशा में ये फिल्म इसलिए पसंद की जा रही है क्योंकि जमीन से जुड़ी हुई कहानी है. वहां रहने वाले लोगों की बात, उनकी ही भाषा में कर रही है. लंबे समय से चले आ रहे अंधविश्वास को तोड़ रही है. प्लस आज कल लोगों में अपने सिनेमा को लेकर एक किस्म की स्वीकार्यता आ गई है. इस चीज़ की शुरुआत साउथ से हुई. मगर अब ये देशभर में हो रहा है. लोग अपने सिनेमा को लेकर शर्मिंदा नहीं हैं. इसलिए रीजनल लेवल पर अच्छा सिनेमा बन रहा है. और देखा जा रहा है.
ओड़िया भाषा में इस फिल्म की सफलता को देखते हुए इसके मेकर्स ने पैन-इंडिया जाने का फैसला लिया है. फिल्म के हिंदी वर्ज़न की डबिंग हो चुकी है. जल्द ही इसे हिंदी में रिलीज़ किया जाएगा.
# किन लोगों ने बनाई है DAMaN?
DAMaN को देबी प्रसाद लेंका और विशाल मौर्या ने मिलकर लिखा और डायरेक्ट किया है. फिल्म में ओड़िया फिल्मों के सुपरस्टार बाबुशान मोहंती और दिपनवित दास मोहापात्रा ने लीड रोल्स किए हैं. फिल्म के सोशल एंगल को देखते हुए इसे ओडिशा में टैक्स फ्री किया जा चुका है. नवीन पटनायक ने कहा कि ये ओड़िया सरकार के स्कीम से प्रेरित फिल्म है. इसलिए वो इसे राज्य में टैक्स फ्री घोषित करते हैं. 'संसार' (Sansara) के बाद राज्य में टैक्स फ्री होने वाली ये मात्र दूसरी ओड़िया फिल्म है. 'संसार' 1974 में रिलीज़ हुई थी. उसे सारदा प्रसन्ना नायक ने डायरेक्ट किया था.
वीडियो देखें: 'कार्तिकेय-2' फिल्म में ऐसा क्या है जो इतना धमाल मचा रखा है?