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आदित्य चोपड़ा ने अपनी पहली फिल्म DDLJ में टॉम क्रूज़ के बदले शाहरुख़ को क्यों लिया?

नोटबंदी का सबसे बड़ा नुकसान आदित्य को ही हुआ!

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आदित्य चौपड़ा अपने पिता यश चौपड़ा के साथ (सभी फोटो: यश राज फिल्मस)
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दर्पण
21 मई 2019 (Updated: 21 मई 2019, 11:16 IST)
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आदित्य चोपड़ा. शायद ही कोई होगा जो न जानता हो. यश चोपड़ा के बेटे. रानी मुखर्जी के पति और डीडीएलजे के निर्देशक. आज इनका बड्डे है.
इंट्रेस्टिंग बात ये है कि आदित्य का नाम तो हर कोई जानता है लेकिन इनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. कारण है इनका इन्ट्रोवर्ट होना. चलिए आपको इनसे जुड़े 3 लल्लनटॉप फैक्ट्स/किस्से बताते हैं.

# 1) रुक जा ओ दिल दीवाने –


2008 की बात है. उस साल दीवाली और क्रिसमस में दो बड़ी फ़िल्में आ रहीं थीं. क्रमशः ‘रब ने बना दी जोड़ी’ और ‘गजनी’. लेकिन रिलीज़ की डेट आते-आते दोनों फिल्मों के (रिलीज़ के) बीच कोई ख़ास अंतर नहीं रह गया था.
जहां ‘रब ने बना दी जोड़ी’ 12 दिसम्बर को रिलीज़ होनी तय हुई, वहीं ‘गजनी’ 25 दिसंबर को.
‘गजनी’ आमिर खान की फ़िल्म थी जो इसी नाम की एक तमिल फ़िल्म की रीमेक थी. वहीं ‘रब ने बना दी जोड़ी’ आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित फ़िल्म थी. ‘रब ने...’ से पहले आदित्य ने आठ साल पहले, यानी 2000 में ‘मोहब्बतें’ डायरेक्ट की थी. तो इस लिहाज से ये एक बड़े गैप के बाद आई फ़िल्म थी, और इसी वजह से आदित्य इस फ़िल्म को लेकर कुछ ज़्यादा ही पोज़ेसिव थे.
इस सब के बीच आमिर ने ‘गजनी’ की रिलीज़ के दो दिन बाद यानी 27 दिसंबर, 2008 को उसकी स्पेशल स्क्रीनिंग का आयोजन किया था. इसमें आदित्य चोपड़ा भी आए हुए थे. स्पेशल स्क्रीनिंग के बाद प्रेस कांफ्रेंस और एक छोटे मोटे गेट-टू-गेदर का रिवाज़ है लेकिन आदित्य फ़िल्म के क्लाइमेक्स के दौरान ही पिछले दरवाज़े से चुपके से सटक लिए.
मोहब्बतें - वो फिल्म जिसमें शाहरुख़ तो थे ही साथ ही आदित्य चौपड़ा ने अपने भाई उदय चौपड़ा को भी फिल्मों में ब्रेक दिया था.
'मोहब्बतें' - वो फिल्म जिसमें शाहरुख़ तो थे ही साथ ही आदित्य चोपड़ा ने अपने भाई उदय चौपड़ा को भी फिल्मों में ब्रेक दिया था.

लेकिन पीछे के दरवाज़े में भी कुछ पत्रकार मौज़ूद थे. उन पत्रकारों को देखकर आदित्य घबरा गए और तेज़ी से अपनी कार की ओर भागने लगे. इस चक्कर में अपने मोबाइल को भी गिरा दिया.
प्रेस में इस सबके चलते उनकी खूब छिछालेदार भी हुई. उनके बारे में कहा गया कि –
इतना ताकतवर आदमी पत्रकारों को देखकर अपने को एक फंसे हुए निरीह जानवर की तरह क्यूं पाता है?
असल में आदित्य एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक बीमारी के भी शिकार हैं – सोशल एंजाईटी डिसऑर्डर. इस बीमारी सबसे बड़ी विशेषता ये है कि पीड़ित भीड़ से अपने काम और अपनी प्रशंसा की आशा भी रखता है, लेकिन दूसरी तरफ भीड़ का सामना करने से भी डरता है.
इस स्थिति के बारे में जानकार मुझे रबिन्द्रनाथ ठाकुर का एक कथन याद आ रहा है –
मैं प्रशंसा का आकांक्षी भी हूं, प्रशंसा मुझे लज्जित भी करती है.
बहरहाल आदित्य के इसी एजाईटी डिसऑर्डर के चलते आप उनके कम ही इंटरव्यू, या कम ही फ़ोटोज़ मीडिया वगैरह में देखेंगे.
और इसी के चलते हम इस नाम को तो काफी जानते हैं, लेकिन इस नाम के बारे में कम ही जानते हैं.

# 2) दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे -

हज़ार से ज़्यादा हफ्ते पूरे कर चुकने के बाद भी 'मराठा मंदिर' नाम के पिक्चर हॉल में अब भी लगी हुई है ये फिल्म
हज़ार से ज़्यादा हफ्ते पूरे कर चुकने के बाद भी 'मराठा मंदिर' नाम के पिक्चर हॉल में अब भी लगी हुई है ये फिल्म

‘डीडीएलजे’ की कहानी, इसकी स्क्रिप्ट कौन नहीं जानता. लेकिन इसके निर्देशक के साथ भी इसी फ़िल्म की नायिका यानी सिमरन से मिलता जुलता वाकया हुआ.
किस्सा ये है कि आदित्य ने 2001 में पायल खन्ना से शादी की थी. पायल ‘रामायण’ फेम रामानंद सागर की नतिनी हैं. लेकिन 2009 में दोनों ने तलाक़ ले लिया.
उधर यश चोपड़ा, यानी आदित्य के बाबूजी इस बात से नाखुश हो गए. उनकी नज़र में पायल एक अच्छी बहू थीं. लेकिन आदित्य को तो रानी मुखर्जी भा गईं थीं. और यश चोपड़ा से हो रही खट-पट के चलते उन्होंने घर छोड़ दिया और होटल में रहने लगे. बहरहाल, बाद में यश चोपड़ा ने ‘डीडीएलजे’ में सिमरन के बाबूजी की ही माफ़िक रानी-आदित्य के रिश्ते को मंजूरी दे दी और गोया कहा –
जा आदित्य जी ले अपनी ज़िंदगी.
यूं कुछ सालों तक प्रेम में रहे रानी-आदित्य ने 21 अप्रैल, 2014 में विवाह कर लिया और 09 दिसंबर, 2015 से वो एक बेटी के माता-पता हैं.

# 3) रब ने बना दी जोड़ी –

'रब ने बना दी जोड़ी', शाहरुख़ और आदित्य के सक्सेसफुल कॉम्बिनेशन की हैट ट्रिक थी.
'रब ने बना दी जोड़ी', शाहरुख़ और आदित्य के सक्सेसफुल कॉम्बिनेशन की हैट ट्रिक थी.

शाहरुख़ और आदित्य की जोड़ी यकीनन रब की बनाई हुई ही थी. इसके दो सबूत हैं –
# A) आदित्य अपनी पहली फ़िल्म – डीडीएलजे में राज के रोल के लिए पहले टॉम क्रूज़ को लेना चाह रहे थे. जी हां, ‘मिशन इम्पॉसिबल’ फेम टॉम क्रूज़.
होने को यदि टॉम क्रूज़ को लिया जाता तो करैक्टर एनआरआई नहीं होता और उसका नाम भी राज नहीं होता.
लेकिन फिर यश चोपड़ा ने मना कर दिया क्यूंकि उनके अनुसार विदेशी एक्टर फ़िल्म की प्रीमियम वैल्यू बेशक बढ़ा देता लेकिन ये बॉक्स ऑफिस के नज़रिए से आत्महत्या करने सरीखा होता.
इसलिए शाहरुख़ खान को एप्रोच किया गया.
उधर शाहरुख़ की इमेज तो विलेन या बहुत से बहुत एंटी-हीरो वाली थी. और इस तरह के रोल में वो काफी हिट भी हो चुके थे, इसलिए ही उन्होंने आदित्य को बैरंग वापस लौटा दिया.
फिर आदित्य सैफ़ अली खान और आमिर खान के पास गए. उन्होंने भी इस रोल को करने से मना कर दिया.
आदित्य के पास शाहरुख़ के अलावा कोई और विकल्प नहीं रहा था. और थे भी तो वो आदित्य को पसंद नहीं थे.
आदित्य शाहरुख़ के पीछे हाथ धोकर पड़ गए. और अंततः शाहरुख़ मान गए. आज जब शाहरुख़ मुड़ के देखते होंगे तो निश्चित ही उस पल को थैंक्स बोलते होंगे, कि जिस पल में अंततः उन्होंने ये फ़िल्म स्वीकार कर ली.
फ़िल्म का नाम था बेफिक्रे लेकिन सबसे ज़्यादा फ़िक्र आदित्य को इसी फ़िल्म की रिलीज़ के दौरान हुई होगी.
फ़िल्म का नाम था बेफिक्रे लेकिन सबसे ज़्यादा फ़िक्र आदित्य को इसी फ़िल्म की रिलीज़ के दौरान हुई होगी.

# B) ‘दिलवाले...’ के बाद आदित्य ने शाहरुख़ को लेकर दो और फ़िल्में निर्देशित कीं – ‘मोहब्बतें’ और ‘रब ने बना दी जोड़ी’. तीनों ही फ़िल्में सुपर हिट रहीं. लेकिन अपनी चौथी फ़िल्म उन्होंने बिना शाहरुख़ के बनाई. नाम था ‘बेफिक्रे’.
इसमें रणवीर सिंह और वाणी कपूर को लिया गया. फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर धड़ाम हो गई.
होने को इस फ़िल्म का एक गीत – नशे सी चढ़ गई, इतना हिट हुआ कि हाल-हाल तक ये यू-ट्यूब का सबसे ज़्यादा देखा गया हिंदी गीत था.
वैसे तो फ़िल्म को समीक्षकों ने भी ज़्यादा नहीं सराहा, और इसका आदित्य की पुरानी फिल्मों की सक्सेस को दोहराना अंसभव लग रहा था, लेकिन आग में घी का काम किया नोटबंदी ने.
आज भी इसे भारत की उन इक्का दुक्का बड़ी फिल्मों में एक माना जाता है, जिसपर नोटबंदी का सीधा असर पड़ा था. और इसी के चलते ‘बेफिक्रे’ की टिकट खिड़की पर सन्नाटा पसरा रहा.

तो यूं ऊपर के दो पॉइंट्स से निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि शाहरुख़ और आदित्य की जोड़ी में कोई तो बात है ही.
वैसे ये भी एक कोइंसीडेंट ही कहा जाएगा कि जिस तरह आदित्य चोपड़ा ने अपनी चौथी फ़िल्म शाहरुख़ के बिना बनाई और फ्लॉप रही वैसे ही सूरज बड़जात्या ने ‘मैंने प्यार किया’, ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘हम साथ साथ हैं’ के बाद चौथी फ़िल्म सलमान के बिना बनाई और फ़िल्म फ्लॉप रही. फ़िल्म का नाम था – मैं प्रेम की दीवानी हूं, और उसमें थे हृतिक रोशन और करीना कपूर.


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