हेमंत सोरेन की जीत से रांची जेल का कैदी नंबर 3351 सबसे ज्यादा ख़ुश होगा
झारखंड में JMM-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार बन रही है.
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चक्कर खा गए. हम लालू प्रसाद यादव की बात कर रहे हैं. बिहार के पूर्व सीएम और राजद प्रमुख. जो चारा घोटाला केस में सज़ा काट रहे हैं. जीत के बाद सोरेन ने कहा,
आज लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का संकल्प लेने का दिन है. ये जीत आदरणीय गुरु जी (शीबू सोरेन) की मेहनत की जीत है. राजद-कांग्रेस ने हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़ा, जिसके लिए मैं सबका आभारी हूं.उन्होंने लालू प्रसाद यादव, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने झारखंड की जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी कोई उम्मीद नहीं टूटेगी, उनकी सरकार में सभी का ध्यान रखा जाएगा.
लालू प्रसाद यादव रांची की जेल में बंद हैं. चारा घोटाला केस में.
खुश तो सब होंगे, लेकिन लालू ज्यादा खुश होंगे लालू खुश होंगे क्योंकि एक तो झारखंड में अब बीजेपी सरकार नहीं होगी. दूसरी उनकी पार्टी के गठबंधन वाली सरकार होगी. इससे झारखंड में उनकी पार्टी के लिए राजनीतिक संभावनाएं बढ़ सकती हैं. हेमंत सोरेन पहले भी लालू यादव से जेल में मिलते रहे हैं. नवंबर महीने में भी वो लालू से मिले थे. माना जाता है कि लालू ने ही उन्हें साथ मिलकर चुनाव लड़ने की सलाह दी थी.
सोरेन की पिछली सरकार में जेल में बंद लालू को मिलती थी रियायत 2013 में लालू यादव को पहली बार चारा घोटला में दोषी ठहराया गया था. तब हेमंत सोरेन की सरकार थी. तब जेल में बंद लालू यादव से मुलाकात करने वालों की संख्या तय नहीं थी. उनसे मिलने वालों की लाइन लगी रहती थी. किसी दिन 25 तो किसी दिन 100 लोग भी मिल लेते थे. तेजस्वी यादव पहले दिन दो बार चार-चार घंटों के लिए लालू से मिले थे.
2014 में सरकार बदल गई और भाजपा के रघुबर दास सीएम बने. दिसंबर, 2017 में सरकार ने उनके मामले में जेल मैन्युअल का ठीक से पालन करने का आदेश दिया. इसके बाद नियम के मुताबिक, तय कर दिया गया कि एक सप्ताह में अधिकतम तीन लोग ही लालू यादव से मुलाकात कर सकते हैं. इसके लिए शनिवार का दिन निर्धारित कर दिया गया. रघुवर सरकार के इस फैसले का राजद के नेताओं ने खासा विरोध किया था.
सत्ता परिवर्तन से राजद को फायदा लालू अभी जेल में एक साल और रहेंगे. चारा घोटला मामले में लालू के ख़िलाफ तीन सजाएं एक साथ चल रही हैं. सभी मामलों में अलग-अलग आधी सजा पूरी होने के बाद ही लालू को जमानत मिल सकता है. इस लिहाज से 2020 के अंत में ही लालू जेल से बाहर आ सकेंगे. ज़मानत पर. बीते 14 महीनों में लालू की ज़मानत याचिका तीन बार ख़ारिज हो चुकी है. यानी लालू को किसी एक मामले में जमानत मिल भी जाती है तो दूसरे मामले में ज़मानत अटक जाती है.
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