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विनेश फोगाट की राह आसान नहीं, हरियाणा चुनाव में खिलाड़ियों का इतिहास कुछ ऐसा है

जानकार हरियाणा की राजनीति को वहां के लोगों की लोकप्रियता से जोड़ते हैं. लोकप्रिय होने के साथ ही कई लोग अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को जाहिर करते हैं. इसमें खिलाड़ी भी शामिल हैं. ऐसे लोगों का राजनीति में होता क्या है? पुराने मामलों से समझते हैं.

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Babita Phogat Vinesh Phogat and Sandeep Singh
हरियाणा में खिलाड़ियों की राजनीतिक सफलता का अनुपात कम है. (तस्वीर: PTI/इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
19 सितंबर 2024 (Updated: 19 सितंबर 2024, 23:31 IST)
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हर बार के ओलंपिक गेम्स में हरियाणा के खिलाड़ी देश का मान-सम्मान बढ़ाते हैं. खेल के दूसरे फॉर्मेट्स में ही अमूमन ऐसा होता ही है. खिलाड़ियों को ‘यूथ आइकॉन’ के तौर पर देखा जाता है. उनमें से कुछ देश की राजनीति में भी हाथ आजमाते हैं. हाल के दिनों में ऐसे ही दो खिलाड़ियों की राजनीति में एंट्री हुई है. विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया. दोनों ने आधिकारिक रूप से कांग्रेस की सदस्यता ले ली है. विनेश को पार्टी ने हरियाणा के जुलाना विधानसभा सीट से टिकट भी दे दिया है. उनका मुकाबला BJP के कैप्टन योगेश बैरागी से होना है.

क्षेत्रीय पत्रकार धर्मेंद्र कंवारी हरियाणा के राजनीतिक माहौल को लोगों की लोकप्रियता से जोड़ते हैं. धर्मेंद्र ‘गुरुकल ऑफ पॉलिटिक्स’ न्यूज पोर्टल के संपादक हैं. वो कहते हैं,

“हरियाणा का हर (अधिकतर) व्यक्ति, वो चाहे बच्चा हो, नौजवान हो या महिला हो, सबकी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा होती है. अधिकतर लोग लोकप्रिय होने के बाद राजनीति में घुसने की कोशिश करते हैं. अफसर, खिलाड़ी सब… विजेंद्र सिंह (पहलवान) विश्व स्तर पर लोकप्रिय हुए. फिर चुनाव लड़े लेकिन सफलता नहींं मिली. लेकिन उन्होंने दूसरे खिलाड़ियों को रास्ता दिखाया. फिर संदीप सिंह आए. उनको सफलता मिली. मंत्री बनाए गए लेकिन फिर इस्तीफा देना पड़ा. ऐसे ही बबीता और योगेश्वर भी चुनाव लड़े.”

इस बार चर्चा के केंद्र में विनेश हैं. उनकी जुलाना सीट, जाट बहुल बांगर क्षेत्र में स्थित है. और ये भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (INLD) और जननायक जनता पार्टी (JJP) जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का गढ़ रहा है. पिछले 15 सालों से इस सीट पर INLD और JJP का कब्जा है. ऐसे में सवाल ये है कि विनेश के लिए ये मुकाबला कितना आसान या मुश्किल होगा. इसको समझने के लिए पहले इस बात पर गौर करेंगे कि हरियाणा में चुनाव लड़ने वाले खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस कैसी रही है. शुरुआत, पिछले हरियाणा चुनाव से ही करते हैं.

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Babita Phogat की राजनीति

विनेश फोगाट की चचेरी बहन हैं- बबीता फोगाट. बबीता फोगाट के पिता महावीर फोगाट, विनेश के ताऊ और गुरु भी हैं. साल 2019 में बबीता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में अपना भरोसा दिखाया और BJP में शामिल हो गईं. पार्टी के खेलों को प्रमोट करने की नीतियों को सपोर्ट करने के लिए उन्होंने PM मोदी को अपना समर्थन दिया. और चुनावी मुकाबले में उतर गईं. पार्टी ने उनको दादरी विधानसभा सीट से टिकट दिया. निर्दलीय उम्मीदवार सोमबीर सांगवान और JJP के सतपाल सांगवान ने उनको चुनौती दी. सोमबीर पहले BJP में ही थे, 2014 में यहीं से विधायक बने थे. जब उनकी जगह बबीता को टिकट मिला तो उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी और निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतर गए.

नतीजा ये निकला कि बबीता फोगाट चुनाव हार गईं. सिर्फ हारीं ही नहीं बल्कि तीसरे नंबर पर रहीं. सोमबीर सांगवान यहां से जीत गए. JJP के सतपाल सांगवान दूसरे नंबर पर रहे. सोमबीर को 43,849 वोट, सतपाल को 29,577 वोट और बबीता को 24,786 वोट मिले थे.

सोमबीर सांगवाननिर्दलीय43,849 वोट
सतपाल सांगवानJJP29,577 वोट
बबीता फोगाटBJP24,786 वोट
Haryana: Dadri Assembly Election Results 2019
इस बार बबीता फोगाट को टिकट नहीं मिला
Babita Phogat
हरियाण विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान की तस्वीर. मतदान के बाद बबीता फोगाट. (तस्वीर: PTI)

2019 में हार का सामना करने के बाद, बबीता इस बार पार्टी का भरोसा जीतने में सफल नहीं हो पाईं. BJP ने उनकी जगह सुनील सांगवान को टिकट दिया है. बबीत फोगाट ने बगावत के संकेत भी नहीं दिए हैं. बबीता और उनके पिता महावीर फोगाट ने टिकट नहीं मिलने पर आपत्ति नहीं जताई है. उन्होंने कहा है कि वो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के फैसले के साथ हैं. बबीता कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. इसके अलावा भी उन्होंने कई सारी प्रतिस्पर्धाओं में जीत हासिल की है.

बबीता ने विनेश के कांग्रेस में शामिल होने पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इसके लिए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप लगाते हुए कहा कि हुड्डा ने ‘फोगाट परिवार’ को तोड़ दिया.

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Sandeep Singh को इस्तीफा देना पड़ा

भारतीय हॉकी टीम के कैप्टन रह चुके संदीप सिंह ने भी बबीता की ही तरह 2019 में अपना राजनीतिक दांव खेला. BJP ने उन पर भरोसा जताया और वो उस भरोसे पर खरे भी उतरे. पेहोवा विधानसभा सीट से पार्टी ने उनको चुनावी मैदान में उतारा. सामने थे, कांग्रेस के मनदीप सिंह चट्ठा और निर्दलीय उम्मीदवार स्वामी संदीप ओंकार. संदीप सिंह को जीत तो मिली लेकिन वोटों का अंतर सिर्फ 5,314 था. संदीप सिंह को कुल 42,613 वोट मनदीप सिंह को 37,299 और संदीप ओंकार को 21,775 वोट मिले.

संदीप सिंहBJP42,613 वोट
मनदीप सिंह चट्ठाकांग्रेस37,299 वोट
स्वामी संदीप ओंंकारनिर्दलीय21,775 वोट
Haryana: Pehowa Assembly Election Results 2019
Sadeep Singh
संदीप सिंह. (फाइल फोटो: PTI)
यौन उत्पीड़न के आरोप लगे

संदीप सिंह पेहोवा के विधायक बन गए. फिर पार्टी ने उनको हरियाणा का खेल मंत्री (MoS) बनाया. लेकिन आगे की राह उनके लिए आसान नहीं रही. जुलाई 2023 में उन पर एक जूनियर कोच ने यौन शोषण का आरोप लगाया. जो केस अब भी चल रहा है. आरोप लगने के बाद संदीप सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, उन्होंने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि ये उनके करियर को खराब करने का प्रयास है. संदीप सिंह को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है.

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Yogeshwar Dutt की राजनीति

साल 2013 में पहलवान योगेश्वर दत्त को भारत सरकार ने ‘पद्म श्री’ से नवाजा. 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्होंने भी अपनी किस्मत आजमाई. BJP ने उनको बरोदा सीट से टिकट दिया. इस सीट से कांग्रेस के तीन बार के विधायक कृष्ण हुड्डा से उनका मुकाबला हुआ. योगेश्वर चुनाव हार गए.

कृष्ण हुड्डा को 42,566 वोट और योगेश्वर को 37,726 वोट मिले. JJP के भूपेंद्र मलिक 32,480 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

Yogeshwar Dutt
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त. (फाइल फोटो: नई दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड, 26 जनवरी 2022)
कृष्ण हुड्डाकांग्रेस42,566 वोट
योगेश्वर दत्तBJP37,726 वोट
भूपेंद्र मलिकJJP32,480 वोट
Haryana: Baroda Assembly Election Results 2019
फिर से हार गए योगेश्वर दत्त

अप्रैल 2020 में कृष्ण हुड्डा की मौत हो गई. इसके बाद इस सीट पर उप चुनाव हुआ. BJP ने फिर से योगेश्वर पर भरोसा जताया और चुनावी मैदान में उतारा. लेकिन उन्हें फिर से हार का सामना करना पड़ा. दत्त का मुकाबला कांग्रेस के इन्दुराज सिंह नरवाल से हुआ. योगेश्वर 10,566 वोटों से हार गए.

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इन्दुराज सिंह नरवाल को कुल 60,636 वोट और योगेश्वर को कुल 50,070 वोट मिले थे.

इन्दुराज सिंह नरवालकांग्रेस60,636 वोट
योगेश्वर दत्तBJP50,070 वोट
राजकुमार सैनीLSP05,611 वोट
Haryana: Baroda By Assembly Election Results 2020
Vijendra Singh ने भी पॉलिटिक्स ट्राई किया

इस कड़ी में हरियाणा के पहलवान विजेंद्र सिंह का भी नाम आता है. हालांकि, उनका हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ खास लेना-देना नहीं है. उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की टिकट पर किस्मत आजमाई थी. विजेंद्र हरियाणा के बाहर साउथ दिल्ली सीट से चुनाव लड़े. तीसरे स्थान पर रहे. उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP) के राघव चड्ढा से हुआ. हालांकि, इस चुनाव में चड्ढा भी हार गए थे. 'जीत का सेहरा' BJP के रमेश बिधूड़ी के सिर पर बंधा.

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Vinesh Phogat के लिए माहौल आसान नहीं

इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार राहुल यादव बताते हैं,

“विनेश फोगाट के साथ यूथ आइडेंटी से ज्यादा जाट आइडेंटी जुड़ी हुई है. एक महिला वाला एंगल भी है. शुरुआत में जब वो जुलाना गई थीं तो लगा था कि उनके लिए माहौल एकतरफा है. लेकिन वहां पहले से जो कांग्रेसी तैयारी कर रहे थे, उनके बीच असंतोष दिख रहा है. वो विनेश को जमने नहीं देना चाहते, इसलिए उनको सपोर्ट नहीं कर रहे.”

राहुल आगे कहते हैं,

“सामाजिक दबाव के कारण कांग्रेस के नेता खुल के विनेश का विरोध नहीं कर पा रहे. लेकिन वो ऐसा मान रहे हैं कि अगर विनेश की जीत हो जाती है तो इस क्षेत्र में अगले 15 से 20 सालों तक उनकी राजनीति चलेगी (ऐसे में बाकी नेताओं के लिए मौके कम होंगे).”

धर्मेंद्र कंवारी इस पर कहते हैं कि कुछ कांग्रेसी विरोध कर तो रहे हैं लेकिन उनके हाथ में कुछ नहीं है. वो आगे बताते हैं कि विनेश के जीत की संभावना अधिक है.

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Bajrang Punia को क्यों नहीं मिला टिकट?

पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ विनेश और बजरंग पुनिया की मुलाकात हुई थी. तब चर्चा चली कि पार्टी दोनों को टिकट दे सकती है. राहुल यादव कहते हैं,

“विनेश और बजरंग, दोनों टिकट मांग रहे थे. लेकिन कांग्रेस को जो मैसेज (जाट और महिला हित से संबंधित) देना था, वो विनेश को टिकट देने से पूरा हो रहा था. दूसरी चर्चा ये है कि पुनिया झझर जिले की बादली सीट से टिकट मांग रहे थे. वहां के सीटिंग MLA हैं कुलदीप वत्स. जिन्हें भूपेंद्र हुड्डा का समर्थन प्राप्त है. ऐसे में कांग्रेस उनका टिकट नहीं काटना चाह रही थी. पुनिया भी जाट सुमदाय से आते हैं. ऐसे में जाटलैंड में पार्टी हुड्डा के सामने कोई दूसरा जाट चेहरा उतारने से बच रही है.”

विनेश के अलावा इस बार रोहतक में जन्मे पेशेवर कबड्डी खिलाड़ी दीपक निवास हुड्डा भी चुनावी मैदान में हैं. BJP ने उनको मेहम सीट से टिकट दिया है.

सफलता का अुनपात…

धर्मेंद्र कंवारी हरियाणा के खिलाड़ियों की राजनीति पर स्पष्ट कहते हैं कि यहां खिलाड़ी चुनाव लड़ते तो हैं लेकिन सफल नहीं होते. उनकी जीत का अनुपात बहुत कम है.

वीडियो: विनेश फोगाट का सामना कैप्टन योगेश बैरागी से, भाजपा ने उनको टिकट क्यों दिया?

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