यूपी उपचुनाव: चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन, गड़बड़ी के आरोप में 7 पुलिसवाले सस्पेंड
Election Commission ने उत्तर प्रदेश उपचुनाव में वोटर्स को वोट डालने से रोकने के आरोप में 7 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की है. आयोग ने मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और कानपुर जिलों में तैनात पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया है.
चुनाव आयोग (Election Commission) ने स्पष्ट निर्देश के बावजूद वोटर्स की आईडी कार्ड चेक करने के आरोप में 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है. चुनाव आयोग ने ये कार्रवाई समाजवादी पार्टी की शिकायत पर संज्ञान (UP ByElection Videos) लेते हुए की है. दरअसल, समाजवादी पार्टी ने अपने एक्स हैंडल से अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में उनके समर्थकों को परेशान किए जाने के वीडियो जारी किए थे. और अखिलेश यादव ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार और प्रशासन पर चुनाव में धांधली के आरोप लगाए थे.
चुनाव आयोग ने मुजफ्फरनगर जिले में तीन, कानपुर में दो और मुरादाबाद जिले में तीन पुलिस अधिकारियों को चुनाव में बाधा पहुंचाने के आरोप में निलंबित किया है. मुजफ्फरनगर में तैनात सब इंस्पेक्टर नीरज सिंह और ओमपाल सिंह को चुनाव में धांधली करने के आरोप में निलंबित किया गया है.
इसके अलावा कानपुर के सीसामऊ में वोटर्स के पहचान पत्र चेक कर उन्हें वोट डालने से रोकने और वापस लौटाने का वीडियो मिलने के बाद चुनाव आयोग ने सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह और राकेश कुमार नादर को निलंबित कर दिया है. साथ ही दोनों से मामले में पूछताछ भी शुरू कर दी गई है.
चुनाव आयोग का स्पष्ट आदेश है कि पुलिस किसी भी मतदाता के वोटर आईडी की जांच नहीं करेगी. ये अधिकार आयोग की ओर से नियुक्त चुनाव टीम यानी वोटिंग पार्टी और कैंडिडेट के एजेंट का है. लिहाजा पुलिस सिर्फ सुरक्षा और कानून व्यवस्था का ध्यान रखे.
उत्तर प्रदेश उपचुनाव में धांधली के आरोपों का संज्ञान लेते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने का आदेश दिया है. उन्होंने CEO UP और सभी जिला चुनाव अधिकारी (DEOs)/रिटर्निंग अधिकारी (ROs) को सख्त निर्देश दिया,
मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुचारू रूप से सुनिश्चित करें. सभी शिकायतों का तुरंत संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई करें. और इसके साथ ही की गई कार्रवाई को सोशल मीडिया के जरिये भी शिकायतकर्ता को भी टैग कर सूचित करें.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि किसी भी योग्य मतदाता को मतदान से न रोका जाए. मतदान के दौरान किसी भी प्रकार का पक्षपाती रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शिकायत मिलने पर फौरन जांच पड़ताल होगी. कोई भी दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वीडियो: सरकार कौन सा मैसेज भेज रही थी जिस पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी?