परिवारवाद, परिवारवाद. चुनाव आते ही खूब बखान होता है. मगर इससे कोई पार्टी अछूतीनजर नहीं आती. लेकिन सबसे ज्यादा कांग्रेस को ही घेरा जाता है. इस बार बीजेपी ने भीबेटों-बेटियों का खूब ख्याल रखा है. पीएम मोदी की नसीहत के बावजूद कई नेताओं केरिश्तेदारों को टिकट दिया गया. ऐसे में सवाल तो उठता ही है कि कांग्रेस परपरिवारवाद की सियासत करने और वंशवाद को बढ़ावा देने के बीजेपी के इल्ज़ामों का अबक्या होगा. परिवारवाद को लेकर बहुत से इल्ज़ाम सुने होंगे. और पांच राज्यों केचुनावों के दौरान और सुनोगे. तो फिर कांग्रेस को ही क्यों परिवारवाद के लिए कोसें.यहां आप जानिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी की उन बेटियों के बारे में भी जो चुनावीविरासत को संभालने के लिए यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में उतरी हैं.मृगांका सिंहमृगांका सिंहयूपी की कैराना सीट से बीजेपी ने मृगांका सिंह को उतारा है. वो कैराना से बीजेपीसांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं. हुकुम सिंह ही वो नेता थे, जिन्होंने मुस्लिममाफियाओं की वजह से कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाया था. मृगांका अपनेचुनाव में इसी मुद्दे को भुनाने की तैयारी में हैं. उनकी पढ़ाई भारत के बाहर ही हुईहै, इसलिए लोकल लेवल पर लोग उन्हें ज्यादा नहीं जानते. अभी वो एक स्कूल चलाती हैं.हुकुम सिंहमृगांका को उनके चचेरे भाई अनिल चौहान की जगह टिकट मिला है. अनिल को बीजेपी ने 2014के उप-चुनाव में टिकट दिया था, जिसमें वो हार गए थे. बीजेपी से टिकट न मिलने परअनिल RLD में चले गए और अब बीजेपी के परिवारवाद को कोस रहे हैं.कैराना से बीएसपी कैंडिडेट: राव अब्दुल वारिस कैराना से एसपी-कांग्रेस कैंडिडेट:पंकज मलिकनीलिमा कटियारनीलिमा कटियारकानपुर की कल्याणपुर सीट से बीजेपी ने प्रेमलता कटियार की बेटी नीलिमा कटियार कोटिकट दिया है. नीलिमा लंबे समय तक ABVP से जुड़ी रही हैं. माना जा रहा है कि इसीवजह से बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है. लेकिन, इससे भी बड़ी वजह हैं नीलिमा की मांप्रेमलता, जो 1991 से 2007 तक लगातार विधायक रहीं. 2012 की सपा लहर में वो चुनावनहीं निकाल सकीं. इस बार उन्होंने अपनी बेटी को टिकट दिलाया है.प्रेमलता कटियारप्रेमलता कल्याण सिंह से राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के अलावा मायावती तक कीसरकार में मंत्री रह चुकी हैं. उन्हें कल्याण सिंह का करीबी माना जाता है, जो अभीराजस्थान के राज्यपाल हैं. कल्याण के पोते संदीप को भी बीजेपी ने अतरौली से टिकटदिया है.कल्याणपुर से बीएसपी कैंडिडेट: दीपू कुमार निषाद कल्याणपुर से सपा-कांग्रेसकैंडिडेट: सतीश निगमरीता बहुगुणा जोशीकांग्रेस छोड़ बीजेपी जॉइन करते समय अमित शाह के साथ रीतायूपी के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी रीता बहुगुणा जोशी इस बारबीजेपी के बैनर तले चुनाव लड़ने जा रही हैं. 24 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद वोपिछले साल 21 अक्टूबर को बीजेपी में शामिल हो गई थीं. पार्टी ने उन्हें लखनऊ कैंटसीट से टिकट दिया है. अंदरखाने की खबरों के मुताबिक रीता इस बात से नाराज थीं किकांग्रेस ने यूपी में शीला दीक्षित को सीएम कैंडिडेट बना दिया. रीता 2007 से 2012तक यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रही हैं.हेमवती नंदन बहुगुणाकांग्रेस में रहते हुए रीता इसी सीट से विधायक रही हैं. रीता के भाई विजय बहुगुणाने जज बनने से लेकर उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया. इस बार वोअपने विरोधियों पर कोई सीधा हमला नहीं कर रही हैं, लेकिन अपनी जीत सुनिश्चित मानकरचल रही हैं.लखनऊ कैंट से बीएसपी कैंडिडेट: योगेश दीक्षित लखनऊ कैंट से सपा-कांग्रेस कैंडिडेट:अपर्णा यादव (मुलायम की छोटी बहू)आराधना मिश्रासपा के मैनिफेस्टो लॉन्चिंग में अखिलेश और डिंपल के साथ आराधनाप्रतापगढ़ की रामपुर खास सीट से कांग्रेस ने उतारा है आराधना मिश्रा को, जो यहां कीसिटिंग MLA हैं. लेकिन, इससे भी खास बात ये कि वो यूपी के दिग्गज कांग्रेसी नेताप्रमोद तिवारी की बेटी हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से प्रमोद ने ही जीतदर्ज की थी, लेकिन बाद में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया. सीट खाली होने परपार्टी ने उपचुनाव में आराधना को उतारा और वो जीत गईं.प्रमोद तिवारीराज्यसभा सांसद बनने से पहले प्रमोद नौ बार विधायक रहे. इनके बारे में कहा जाता हैकि कांग्रेस जैसे-जैसे यूपी में कमजोर होती गई, प्रमोद मजबूत होते गए. हालांकि,आराधना की दावेदारी की वजह से इस सीट पर कांग्रेस के जीतने की संभावना ज्यादा है.रामपुर खास से बीएसपी कैंडिडेट: अशोक कुमार सिंह रामपुर खास से बीजेपी कैंडिडेट:नागेश प्रताप सिंहअदिति सिंहचुनावी दौरे पर अदिति सिंहगांधी परिवार के गढ़ रायबरेली की रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस ने अदिति सिंह कोटिकट दिया है. अदिति पांच बार के विधायक अखिलेश सिंह की बेटी हैं. अखिलेश सिंहरायबरेली सदर सीट के मौजूदा विधायक हैं. हालांकि, बीच में उन्होंने पीस पार्टी जॉइनकी थी, लेकिन अभी वो कांग्रेस के साथ हैं. हालिया दिनों में अदिति प्रियंका गांधीके संपर्क में थीं और प्रियंका ने ही उन्हें कांग्रेस जॉइन करने के लिए कन्विंसकिया.अखिलेश सिंहअदिति की पढ़ाई अमेरिका से हुई है और देश वापस लौटने के बाद उन्होंने पिता के साथराजनीति में दखल देना शुरू किया. रायबरेली और अमेठी की सीटों पर सपा-कांग्रेस मेंखींचतान भी चल रही थी. अदिति सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं और अपने दौरों केबारे में जानकारी देती रहती हैं.रायबरेली सदर से बीएसपी कैंडिडेट: शहबाज खान रायबरेली सदर से बीजेपी कैंडिडेट:अनीता श्रीवास्तव--------------------------------------------------------------------------------ये भी पढ़ें:राजशाही खत्म हो गई, पर यूपी के ये राजा आज भी गद्दी पर बैठते हैंनए मैनिफेस्टो की क्या जरूरत थी अखिलेश, पिछला वाला तो पूरा कर लेतेमोहन भागवत की इस बात से बीजेपी-विरोधी पार्टियां भी खुश हो जाएंगीलालू कहे, 'यूपी में चुनाव नहीं लड़ेंगे', अरे लड़ लेते तो भी क्या उचार लेतेविधायकी भौकाल नाक पर, आचार संहिता ताक पर!