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पड़ताल: ये आतंकी पहले 'आरएसएस' के लिए काम करता था, अब 'कांग्रेस' जॉइन कर ली

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में कांग्रेस पर आरोप लगाया जा रहा है.

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कभी कांग्रेस कभी आरएसएस...
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आशीष मिश्रा
18 फ़रवरी 2019 (Updated: 17 फ़रवरी 2019, 03:36 IST)
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एक नया दिन और सोशल मीडिया का एक नया झूठ. आज के झूठ का शिकार बना है बनी है कांग्रेस.

क्या दावा किया जा रहा है?

एक तस्वीर है, एक दाढ़ी वाले आदमी को BSF के जवानों ने पकड़ रखा है. हाथ भी बंधा है, जिससे ये समझ आता है कि आतंकी ही होगा. इस तस्वीर के साथ एक कैप्शन लिखा मिलता है.
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पकड़े गए ज़िंदा कश्मीरी आतंकी ने पूछताछ के दौरान कहा कि कांग्रेस सरकार हमें हथियार और पैसा मुहैया कराती है और हिंदुओं को मारने के लिए कहती है ताकि भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाया जाए.
आगे बढ़ें उससे पहले कुछ सवाल -
ये ज़िंदा कश्मीरी आतंकी ने पूछताछ के दौरान वाली बात का क्या मतलब हुआ?
क्या आप मुर्दा आतंकी भी पकड़ सकते हैं?
क्या आप मुर्दा आतंकी से भी पूछताछ कर सकते हैं?
और 'कांग्रेस सरकार' का क्या मतलब भाई?
ये हम इसलिए पूछ रहे हैं, क्योंकि आपको बताना चाहते हैं कि देखिए. लिखने वाले को प्रोपैगैंडा सेट करने की कितनी चुल्ल थी. बात को घुमाए जा रहा था.
 

हमने शुरू की इसकी पड़ताल.
हमें इस दावे से मोटा-मोटी तीन चीजें मिलीं, एसईओ की धार्मिक किताबों में इसे कीवर्ड्स कहा गया है.
1. कश्मीरी आतंकी 2. पूछताछ 3.कांग्रेस
इन्हीं तीन कीवर्ड्स को ध्यान में रखकर हम आगे बढ़े.

सबसे पहले हमने खोजा आतंकी कौन है, कब पकड़ा गया और क्या ये कश्मीर का है?

एक बात याद रखिए, हर संतरा नागपुर और हर आतंकी कश्मीर का नहीं होता. जनरलाइजेशन जनता के लिए घातक है.
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आतंकी का नाम निकला , अब्दुल क़यूम. ये है तो आतंकी लेकिन इसकी कहानी बड़ी मजेदार है. 23 सितंबर 2016 को 5 आतंकी अखनूर के राजपुर में बॉर्डर क्रॉस करने की कोशिश कर रहे थे. तभी अलार्म बजने लगा. BSF वाले पहुंच गए. बाकी के 4 तो भाग गए लेकिन ये फेंसिंग में फंस गया. इस को लग गया करंट. बेहोश हो गया. पकड़ा गया. मीडिया में तस्वीर आई. एक दम फ़िल्मी भूत जैसे.
इस्तेमाल के पहले इस्तेमाल के बाद टाइप्स!!
इस्तेमाल के पहले इस्तेमाल के बाद टाइप्स!


जब जागा तो कहने लगा, मैं तो पागल हूं. जब पागल वाली नौटंकी नहीं चली तो कहने लगा मैं तांत्रिक हूं, भूत उतारता हूं. फिर कहा मेरे ऊपर ज़िन्न का साया है. लेकिन बीएसएफ ने जब चाभी कसी तो रट्टू तोते की तरह सब बता दिया. यहीं से पता चला कि आतंकी पाकिस्तान के सियालकोट के पुल बजुआं का है. मतलब कश्मीरी आतंकी वाली बात गलत निकली.

फिर पूछताछ में क्या बताया?

पूछताछ में उसने बताया. 2004 में मुज़फ्फराबाद के मनशेरा में ट्रेनिंग ली थी. दौरा-ए-आम आतंकी ट्रेनिंग. आतंकियों को तीन तरह की ट्रेनिंग होती है. दौरा-ए-आम, दौरा-ए-ख़ास और दौरा-ए-सुफा. ( Joke Alert-ये पाकिस्तान वालों ने इत्ते स्टेप्स में देश चला  लिया होता तो इमरान खान को भैंसे न बेचनी पडतीं!)
हम बात कर रहे थे, तीन तिगाड़े काम बिगाड़े ट्रेनिंग की. इस अब्दुल को उसमें भी सबसे सस्ती वाली ट्रेनिंग मिली. फिर वो लश्कर के लिए ज़ेहादी क़िताबें बांटने लगा. (Joke Alert- शायद उसको किसी ने कह दिया था, किताबें पढ़कर इंसान बहुत ऊपर तक जाता है.)
किताब बांटने के साथ अब्दुल फंड रेजिंग भी करने लगा. (Joke Alert- जिनकी अंगरेजी ख़राब हो, वो इसे बड़ा काम न समझ लें, चंदा मांगता था.) ये तमाम बातें उसने एक वीडियो में भी स्वीकारीं. जो इंडिया टुडे ने उस समय टीवी पर भी दिखाई थी. कयूम ने ये भी बताया कि उसने लगभग 50 लाख रुपये चंदे से इकट्ठे कर अपने आकाओं को दिए हैं. इस बात से वो दावा भी ग़लत साबित हुआ किकांग्रेस सरकार आतंकियों को पैसा उपलब्ध कराता है.

आरएसएस से भी जोड़ा गया था कनेक्शन -

नीचे एक और वायरल हुई पोस्ट देखिए. ये कुछ दिनों पहले की बात है. इससे सिद्ध होता है कि जिस तरह म्यूज़िक और आर्ट की कोई सरहद नहीं होती, वैसे ही बेवक़ूफ़ियत की भी नहीं होती. हर जगह इफरात में पाई जाती है -

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पकड़े गए ज़िंदा कश्मीरी आतंकी ने पूछताछ के दौरान कहा कि आरएसएस हमें हथियार और पैसा मुहैया कराती है और हिंदुओं को मारने के लिए कहती है ताकि हिंदुओं के दिमाग में मुसलमानों के लिए नफ़रत भरी जा सके. 

कांग्रेस/आरएसएस कनेक्शन का सच?

कयूम का कांग्रेस/आरएसएस से कोई लेना-देना नहीं है. उलटे लश्कर-जमात वालों से उसका सीधा मिलना-जुलना था. हाफ़िज़ सईद और सैय्यद सलाहुद्दीन उसे जानते थे. पाकिस्तान के शेखुपुरा जिले के मुरीदके में उसकी ट्रेनिंग भी हुई थी. ये वो जगह है, जहां जमात-उत-दावा का ट्रेनिंग हेड क्वार्टर हुआ करता था.

अब भयानक-भीषण ज़रूरी बात 

कयूम ने एक बात और कही थी. उसने कहा, बहुत बाद में मुझे ये समझ आया कि ये जो आतंक के सरगना हैं. हाफ़िज़ सईद, सैयद सलाहुद्दीन, इनकी औलादें ज़ेहाद में हिस्सा नहीं लेतीं. ये भी कहा कि 'पाकिस्तान के गरीब बच्चों को कश्मीर में मुसलमानों पर आतंक की बात कहकर ब्रेनवाश किया जाता है. आतंकी बना दिया जाता है.'

नतीज़ा क्या निकला?

जीवन में एक बात हमेशा याद रखिएगा, हर चाचे का एक भतीजा और हर पड़ताल का एक नतीज़ा ज़रूर निकलता है. यहां नतीज़ा ये था कि ये फ़र्जी ख़बर है. सिर्फ पकड़े गए आतंकी की तस्वीर असली है. बाकी न वो कश्मीरी है. और न उसने ये कहा कि "आरएसएस/कांग्रेस सरकार आतंकियों को पैसा देती है." हमने आपको उसकी कही बातें भी बताईं. ताकि आप समझ सकें कि सीमा के पार कुछ लोग बैठे हैं. जो बाकायदा ट्रेनिंग कैंप चलाते हैं, वो असल समस्या हैं. उनके पैंतरे समझिए.
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इस तस्वीर से लोगों ने आरएसएस के खिलाफ झूठ चलाया, बाद में कुछ लोगों ने कांग्रेस के नाम से भी यही बात चलाई. सब झूठ!
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आपको आरएसएस या कांग्रेस की विचारधारा से समस्या हो सकती है. लेकिन वो देश का अंदरूनी मसला है. अंदरूनी राजनीति है. अगर देश की बातों को आतंकवाद से मिलाएंगे. तो फायदा कोई बाहर वाला ही उठाएगा. बाकी आपके पास कोई ख़बर हो, तस्वीर हो, वीडियो या मैसेज हो, जिस पर आपको संदेह हो, तो उसकी पड़ताल करने के लिए हमें भेजिए Lallantopmail@gmail.com पर.

और सब मज़े में? मौसम बदल रहा है. ख्याल रखिए. बहुत भटसप न चलाया करिए. अंगूठा पिराएगा. ;)



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