Fact Check: क्या कमलनाथ ने गरीबों की योजना बीजेपी से बदला लेने के लिए बंद की?
एमपी बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने भी ऐसे दावे किए हैं.
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लोग सोशल मीडिया पर खबरें खूब पढ़ते हैं. फेसबुक, ट्विटर जैसे मीडियम से लोग खूब जानकारी इकट्ठी करते हैं. लेकिन दिक्कत ये है कि इस मीडियम से जो खबरें आती हैं वो ज्यादातर फर्जी होती है. बिना उसे क्रॉस चेक किए हुए लोग शेयर कर देते हैं. अब ऐसी खबरों का पड़ताल करना बेहद ज़रूरी हो जाता है.
आज पड़ताल एक ऐसी ही खबर की कर रहे हैं जो फेसबुक और सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. दावे किए जा रहे हैं कि मध्यप्रदेश की मौजूदा सरकार ने दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना बजट के अभाव में बंद कर दी है.
सोशल मीडिय पर लोग कुछ इस तरह से दावे कर रहे हैं.
फेसबुक ट्विटर के अलावा कई जगहों पर ऐसे पोस्ट्स दिखें. लोग पोस्ट के साथ एक नोटिस भी शेयर कर रहे हैं.
एक नोटिस के साथ भी कुछ लोग ऐसे दावे कर रहे हैं.
आम लोग ही नहीं मध्य प्रदेश बीजेपी की आधिकारिक ट्विटर हैंडिल से भी ऐसी जानकारी शेयर की कि मध्य प्रदेश की सरकार ने गरीबों की दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना बंद कर दी.
मध्य प्रदेश बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी ऐसे दावे किए गए.
अब कई लोगों ने ऐसे कुछ पोस्ट्स और फोटो भेजकर इसकी हकीकत जाननी चाही. जिसके बाद हमने शुरू की इसकी पड़ताल. इसकी पूरी जानकारी देने से पहले ये जान लीजिए कि दीन दयाल अंत्योदय उपचार योजना है क्या?
1.इसकी शुरुआत शिवराज सिंह की सरकार ने साल 2004 में की थी.
2.यह योजना खासकर गरीबों के लिए लाई गई थी.
3.योजना में गरीबों के परिवार को इलाज के लिए सालाना 30 हजार रुपये देने का प्रावधान है.
4.स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर सरकारी अस्पतलों में गरीबों को मुफ्त में इलाज दिया जाता है.
अब जो दावे किए गए उनकी हकीकत जान लीजिए. लोगों ने अपने पोस्ट के साथ जिस नोटिस की तस्वीर साझा की हमने उसे फिर से देखा. ये नोटिस पूरे राज्य के स्वास्थ्य अधिकारी के लिए जारी की गई थी. नोटिस के नीचे में लिखी गई बातें गौर करने वाली थी. लिखा था
दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना के अंतर्गत नवीन पंजीयन कार्ड न बनाने हेतु आप सभी को निर्देशित किया जाता है.
नोटिस में आखिरी की पंक्ति में साफ-साफ लिखा है 'नवीन पंजीयन कार्ड न बनाने हेतु'
नोटिस में ही ये बात साफ है कि इसमें कोई नया कार्ड न बनाने का निर्देश दिया गया है. इसमें किसी भी तरह से योजना को बंद करने का ज़िक्र नहीं है. काफी हद तक ये बात तो साफ हो गई कि योजना बंद नहीं हुई है. लेकिन हम सरकार के आधिकारिक वेबसाइट पर गए. वहां हमें योजना का ज़िक्र मिला. अगर इसे बंद कर दिया जाता तो सरकारी वेबसाइट पर मौजूद नहीं होता.
सरकारी वेबसाइट पर योजना की जानकारी मौजूद है.
हमारी पड़ताल में ये दावे झूठे पाए गए. क्योंकि ये योजना चल रही है. सरकार ने बस नए कार्ड बनवाने बंद कर दिए हैं. जो पुराने कार्ड धारक हैं उनके लिए व्यवस्था पहले की ही तरह जारी है.
आपके पास भी कोई पोस्ट या फिर तस्वीर या फिर किसी कोई वीडियो हो जिसपर आपको शक हो. तो उसकी पड़ताल के लिए भेजिए हमें padtaalmail@gmail.com पर. हम उसकी पड़ताल करेंगे और आपको उसकी हकीकत बताएंगे.