'मेरे पास मां है...', अपनी आखिरी चुनावी रैली में अजित पवार ये क्या बोल गए?
Maharashtra Assembly Elections को लेकर Ajit Pawar रैली में बोले- 'बारामती की जनता ने तय किया था कि लोकसभा में सुप्रिया ताई, विधानसभा में अजित दादा. जो आपने तय किया है, वही करें.'
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बारामती से उम्मीदवार और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में वो अकेले थे. लेकिन अब उनके पास उनकी मां है. उन्होंने ये भी कहा कि जितने ज़्यादा वोट से बारामती की जनता उन्हें चुनाव में जिताएगी, उतने ही पैसे वो क्षेत्र में लाएंगे. उन्होंने आगाह किया कि वो प्रतिद्वंद्वियों के झूठे अभियान पर विश्वास ना करें कि उन्हें दिया गया वोट BJP को दिया गया वोट होगा.
20 नवंबर को महाराष्ट्र की 288 सीटों पर वोटिंग होनी है. ऐसे में 18 नवंबर को अजित पवार ने बारामती में अपनी समापन रैली को संबोधित किया. आजतक की ख़बर के मुताबिक़, इस दौरान उन्होंने कहा,
पिछले चुनाव में मैं अकेला था. इस बार मेरे साथ मेरी मां और बहनें हैं, और मेरा परिवार भी मेरे साथ है. मेरी बहनों और मेरे बेटों पार्थ और जय ने मेरे लिए प्रचार किया. मैंने लोकसभा चुनाव में कितना समझाया, फिर भी बारामती की जनता ने मुझे झटका दिया. जोर का झटका, धीरे से लगा... आपने तय किया था कि लोकसभा में सुप्रिया ताई, विधानसभा में अजित दादा. जो आपने तय किया है, वही करें.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, उपमुख्यमंत्री अजित ने आगे कहा,
कुछ लोग प्रचार कर रहे हैं कि अजित पवार को वोट देना BJP को वोट देना होगा. ये सच नहीं है. अजित पवार को वोट देना, NCP(AP) उम्मीदवार को वोट देना होगा. BJP निश्चित रूप से हमारा समर्थन कर रही है. हमने महायुति बनाई, लेकिन आपने (शरद पवार गुट वाले NCP ने) MVA बनाई. अगर आप BJP का समर्थन लेने पर हमारा विरोध कर रहे हैं, तो क्या आपने शिवसेना (UBT) का समर्थन नहीं लिया? शिवसेना (UBT) की विचारधारा क्या है?
उन्होंने शरद पवार की पत्नी यानी अपनी काकी को लेकर भी बात की. बारामती के टेक्सटाइल पार्क में शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार को एंट्री से 25 मिनट के लिए रोका गया था. इस बारे में बात करते हुए अजित ने कहा,
उस घटना को जिस तरह से पेश किया गया, वो ग़लत है. ये वैसा नहीं था, जैसा कि प्रतिद्वंद्वियों ने सहानुभूति पाने के लिए पेश किया है.
अजित की मां आशा पवार ने भी जनसभा में भाग लिया. उनका संदेश रैली में पार्टी के एक नेता ने पढ़ा. इस संदेश में कहा गया,
अजित लोगों की समस्याओं को हल किए बिना चैन से नहीं बैठ सकते. एक मां के तौर पर मुझे दुख होता है. क्योंकि मैं जानती हूं कि उनके साथ क्या अन्याय हुआ है और वो इसे कैसे बर्दाश्त करते हैं. आज भी वो सिर्फ़ परिवार के लिए नहीं बोल रहे हैं, बल्कि सब कुछ बर्दाश्त कर रहे हैं.
आशा पवार के संदेश में आगे कहा गया कि अजित का दिल बड़ा है. इसलिए मैं बारामती के हर मतदाता से उनके साथ खड़े होने और उन्हें चुनने की अपील करती हूं.
बताया जाता है कि अजित को विधानसभा चुनावों में अपने जीवन की सबसे कठिन चुनौती का सामना अपने भतीजे युगेंद्र पवार से करना पड़ रहा है. युगेंद्र पवार शरद पवार के पोते और NCP(SP) से बारामती के उम्मीदवार हैं. ये सब पवार परिवार के भीतर उनके गढ़ बारामती में चल रही खींचतान का एक हिस्सा है. कहा जाता है कि इस खींचतान की शुरुआत लोकसभा चुनाव, 2024 में हुई. जब NCP(AP) ने NCP(SP) की उम्मीदवार सुप्रिया सुले के ख़िलाफ़ सुनेत्रा पवार को उतारा था.
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